शुक्रवार, 10 मार्च 2023

ईओ विजयप्रतापसिंह और अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा का स्ट्रीट लाईट घोटाला.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 10 मार्च 2023.

अधिशासी अधिकारी विजयप्रतापसिंह ने 24 फरवरी 2022 को सूरतगढ़ नगरपालिका में ड्यूटी ज्वाइन की और तीन सप्ताह बाद ही अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा से मिलकर पहला घोटाला 15 मार्च 2022 को सीवरेज में रोका गया 1 करोड़ 45 लाख का गलत भुगतान कर दिया। 

** इसके तीन माह बाद दूसरा घोटाला ईओ और अध्यक्ष ने स्ट्रीट लाइट (30W Inverter based LED street

light) खरीद घोटाला किया। नगरपालिका को 18 लाख रूपयों का चूना लगा दिया। अभी तो ये घोटाले उजागर हुए हैं और न जाने कितने और दबे हैं। 

* नगरपालिका सूरतगढ में अध्यक्ष और ईओ की  घोटाले की जुगलबंदी आगे बढी। नगरपालिका ने 3 से 4 हजार रूपये अनुमानित कीमत की एल ई डी स्ट्रीट लाइट (इन्वर्टर भीतर बने) 175 खरीद की। प्रति नग 13,999 कुल 24,49,825 रूपये का पेमेंट कर दिया। सभी 45 वार्डों में लगाने के लिए यह खरीद हुई।

** नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल ने 10 मार्च 2023 को आरोप लगाया है कि 18 लाख रूपये का घोटाला अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने किया है। उपखंड अधिकारी से जांच करने और गोदाम में स्ट्रीट लाइट जब्त करनज,फाईल जब्त करने की मांग की गई है।

* स्ट्रीट लाइट खरीदना और गोदाम में रख देना ही आश्चर्य जनक घोटाला है। 

👍 स्वायत्त शासन निदेशालय के मुख्य अभियंता (विद्युत) रमेशचंद्र शर्मा ने  नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी के पत्र के उत्तर में 2 जून 2023 को जवाब लिखा और खरीद के संबंध में निर्देश दिए जिनका पालन अधिशासी अधिकारी ने नहीं किया।

* खरीद से पहले इनवर्टर एल ई डी स्ट्रीट लाइट लगाने के स्थानों को चिन्हित किया जाए।

* लगाने के बाद में निरीक्षण करवाया जाए।

* समस्त उपकरण की गुणवत्ता की जिम्मेदारी नगरपालिका की होगी।

* जयपुर मुख्यालय से रेट मंजूर करवाए जाएं।

* खरीद संबंधी नियमों का पालन किया जाए। 

* इसके बाद ही स्ट्रीट लाइट खरीदनी थी।

👍 नगरपालिका ने 21 जून 2022 में आदेश दिया और सप्लायर को 6 जुलाई 2022 तक आपूर्ति करनी थी।

👍 मामला बहुत गंभीर है। 45 वार्डों में लगाने वाले स्थान चिन्हित किए गए तो गोदाम में क्यों रख दी गई और अब तो जब्ती करने पर ही मालुम होगा कि कितने नग स्टोर में हैं और कितने चिन्हित स्थानों पर लगाई गई। लाईट लगाने का स्टोर से ईश्यु करने का सभी रिकॉर्ड और विद्युत शाखा कर्मचारियों के बयान आदि महत्वपूर्ण हैं। यदि 11 मार्च को  या शीघ्र  ही रिकॉर्ड व लाईटें जब्त नहीं हुए तो कुछ भी गड़बड़ी और हो सकती है।


*** सीवरेज घोटाला उस समय उजागर हुआ मुकदमा हुआ जब अध्यक्ष कालवा कांग्रेसी थे और पूर्व विधायक गंगाजल मील के खासमखास थे। मील ने तो ओमप्रकाश कालवा के भ्रष्टाचारों से पल्ला झाड़ लिया था और कह दिया था कि गलत करने वाला ही दोषी और जिम्मेदार होगा।

कालवा ने 24 फरवरी 2023 को कांग्रेस छोड़ भाजपा में घुस गए और अब भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया के खासमखास हैं तब स्ट्रीट लाइट घोटाला उजागर हुआ है। अब कालवा के घोटालों से भाजपा की परेशानियां बढती रहेगी।०0०

*****






यह ब्लॉग खोजें