रविवार, 26 फ़रवरी 2023

कालवा अब तो सच्च बोलें:मील ने कौनसे गलत कामों का दबाव डाला.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

नगरपालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा सच्च बोलना शुरू करें जो वे बोल नहीं रहे हैं। गंगाजल मील कौनसे गलत काम करवाने के लिए दबाव डाल रहे थे जिसके कारण कांग्रेस पार्टी को छोड़ कर भाजपा में छलांग लगानी पड़ी? भाजपा में आने के बाद मील का कोई दबाव नहीं,मील से कोई खतरा नहीं रहा। अब सच्च बोलें कि कौनसे गलत काम करने के लिए गंगाजल मील दबाव डाल रहे थे? 

* मील गलत काम करने के लिए दबाव डाल रहे थे तो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में छलांग लगाने के बजाय मीडिया में खुलासा कर सकते थे। अपनी आपबीती बता सकते थे। लेकिन मीडिया को सच्च नहीं बताया। 


** 20 फरवरी 2023 दोपहर में दो वरिष्ठ पत्रकारों करणीदानसिंह राजपूत और राजेंद्र जैन पटावरी ने आपसे सच्च बताने के लिए  बार बार कहा। आपने उस दिन मील पर ये आरोप नहीं लगाए। आपसे पहला प्रश्न बहुत साधारण रूप से सहजता से पूछा गया था कि मील और आपके बीच में बड़ा प्रेम था,फिर ऐसी क्या बात हुई कि आज एक दूसरे के विरोधी हो रहे हैं? यह प्रश्न जैन ने पूछा था। राजपूत ने कहा मील से मंच पर पट्टे तक बंटवाते रहे फिर क्या हुआ की खटक गई? आपने जवाब दिया कि जनप्रतिनिधि के नाते पट्टे बंटवाए। राजपूत ने कहा कि आप तो जनप्रतिनिधि हैं चुने हुए हैं। मील तो किसी भी चुने हुए पद पर नहीं। राजपूत ने तीन चार बार कहा कि बोल दो बतादो सच्च, जो बताओगे वह प्रसारित कर दूंगा। इसके बाद भी सच्च नहीं बताया। यदि मील गलत कामों के लिए दबाव डाल रहे थे तो उस दिन 20 फरवरी को जरूर बताना था। अध्यक्ष के कक्ष में यह भेंट हुई। उस समय दो तीन पार्षद भी हम पत्रकारों के पीछे बैठे थे। यह भेंट समाचार उसी दिन 20 फरवरी को करणी प्रेस इंडिया पर प्रसारित भी कर दिया गया था।

👍 हमारी बातचीत 20 फरवरी के पांचवे दिन 24 फरवरी को श्री गंगानगर में भाजपा में प्रवेश करने तक सच्च नहीं बताया। भाजपा में शामिल होने के बाद यह आरोप लगाया गया कि गंगाजल मील परिवार वाद में थे। गंगाजल मील गलत काम कराने के लिए दबाव डाल रहे थे। उस समय भी गलत काम कौनसे थे का खुलासा नहीं किया। 

👍 भाजपा में प्रवेश 24 फरवरी के बाद भी तीसरा दिन 26 फरवरी बीत गया। मील गलत काम कौनसे कराने के लिए दबाव डाल रहे थे जिनकी परेशानी सहन नहीं करके कांग्रेस छोड़ भाजपा में गये। अब भी सच्च बताने में क्या डर है? 

👍 20 फरवरी से 26 फरवरी तक 7 दिन हो गये। सच्च बोलें। सोमवार 27 फरवरी को सच्च बतलाएं। यह एक दिन और सच्च बोलने के लिए। एक दो पत्रकारों को ही नहीं समस्त मीडिया को पत्रकार वार्ता आयोजित कर सच्च बतलादें की मील ने कौनसे गलत काम कराने के लिए दबाव डाला जो किए नहीं? अब अनँय पत्रकार भी सच्च जानने के लिख चुके हैं। उन गलत कामों की फाईलें भी निश्चित ही नगरपालिका कार्यालय में होंगी? 

*सोमवार का दिन निश्चित ताकि सच्च बताने के बाद बचीखुची परेशानी भी खत्म हो जाए और अध्यक्षीय कार्य अच्छे रूप में कर सकें। यदि कोई गलत काम मील ने दबाव देकर करवा भी लिए हैं तो वे भी पत्रकारों को बताएं।

* यदि अब सोमवार तक भी सच्च नहीं बताया जाता है तो यही माना जाएगा कि भाजपा में प्रवेश के बाद मील पर आरोप मनघड़ंत और झूठे बना कर लगाए जा रहे हैं। आप भ्रष्टाचारों के आरोपों में बुरी तरह से घिरने के बाद अपने बचाव के लिए भाजपा की शरण में गए हैं। तीन साल से अधिक समय तक मील के साथ रहे और कोई आरोप मील पर नहीं था। तीन साल तक मील ने गलत कामों के करने का दबाव नहीं डाला।

प्रायः ऐसा होता है।

** अध्यक्ष का पद राजनीतिक और सार्वजनिक रूप में बड़ा माना जाता है। इस पद पर विराजमान व्यक्ति को निर्भय एवं स्वाभिमान तरीके से ऐसा सच्च जनता को बताना चाहिए।

भाजपा से सूरतगढ़ के विधायक रामप्रताप कासनिया और पूर्व विधायक अशोक नागपाल तो आपके साथ मौजूद रहे हैं। भाजपा तो सच्च बोलने, सच्च करने कराने वाली पार्टी है और अब आप ओमप्रकाश कालवा उसके सच्चे कार्यकर्ता भी हैं।

अब बोलदें सच्च! 

26 फरवरी 2023.

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