रविवार, 19 फ़रवरी 2023

अध्यक्ष के मुंह के आगे सामने शौचालय होगा तो परेशानी तो होगी.संकट पर संकट.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

जनप्रतिनिधि और अधिकारी कार्यभार ग्रहण करते हैं तब वार समय का बड़ा ध्यान रखते हैं ताकि आफत न आए। कोई परेशानी नहीं हो। इसके बावजूद कालचक्र में समय के बदलते किसी क्षण में कुछ ऐसा हो जाता है या कर दिया जाता है जिससे बुरे योग शुरू हो जाते हैं।

सूरतगढ़ नगरपालिका अध्यक्ष की कुर्सी के ठीक सामने शौचालय है। अध्यक्ष कुर्सी पर बैठते हैं तो उनका मुंह शौचालय की तरफ रहता है। शौचालय को गंदगी का अस्वच्छता का प्रतीक माना जाना चाहिए। जो ऊर्जा मिलेगी वह नकारात्मक होगी और गलत काम करने के लिए दष्प्रेरित करेगी। चाह कर भी अच्छे विचार नहीं आएंगे और विपरीत कार्य करने की ओर ही मस्तिष्क काम करेगा। 

* अध्यक्ष के कक्ष में पहले अन्य अध्यक्षों के नाम वाला सूचना पट्ट था। उनके नामों का पठन भी साथ होता था। उनके विचारों की भी सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती रहती थी। अब तो केवल एक नाम लिखा पट्ट है। ऊर्जा का समूह नहीं। ओमप्रकाश कालवा ने एकात्मता सोची वह दुखदायी हो रही है। 

* अध्यक्ष के कार्य ग्रहण करने वाले दिन भवन में ढब्बू लगाए गये। ढब्बू का फुस्स होना या फटना निश्चित होता है। इसलिए इनको हटाया भी जाता है।

* अध्यक्ष की कुर्सी पहले जहां लगी हुई थी। वहां अध्यक्ष का मुंह शौचालय की तरफ नहीं होता था। अध्यक्ष का मुंह उत्तर दिशा की तरफ होता था। चैम्बर में आसानी से आने जाने के लिए शायद सीटिंग बदली जिससे मुंह शौचालय यानि गंदगी की तरफ हो गया।

** अध्यक्ष को जिसने भी राय दी उसने अध्यक्ष का भट्ठा बैठा दिया। हो सकता है ये निर्णय स्वयं अध्यक्ष के ही हों जो परेशानी वाले सिद्ध हो रहे हों।

* अंधेरे में डूबा अध्यक्ष कक्ष।

*** नगरपालिका भवन में प्रवेश करते या बाहर निकलते हुए ढलान है। फिसलने का खतरा हर समय। डर हर समय। अस्थिरता का कारक।

* नगरपालिका में सबसे ऊंचा पद अध्यक्ष का है सो लाभ हानि सुख दुख परेशानी आदि उसी पर असर डालती रहेगी। 

* संकट का कारक देखा जाए। विरोधी पार्टी की तरफ से विरोध नहीं हो रहा है। हर परेशानी अध्यक्ष की पार्टी के लोग ही पैदा कर रहे हैं

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* 19 फरवरी 2023.

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