सोमवार, 20 फ़रवरी 2023

* चैयरमैन और ईओ हमारे निशाने पर *

 



* करणीदानसिंह राजपूत *


आज अभी अपने काम और नगरपालिका पर चर्चा कर लें। जिम्मेदारी एक छोटा सा शब्द है लेकिन जब चर्चा करने लगते हैं तो सामने वाले की जिम्मेदारियां गिनाने लगते हैं जिनका अंत भी नहीं होता। 

नगरपालिका के चैयरमैन और ईओ रोजाना हर समय निशाने पर रहते हैं। नगरपालिका शहर का प्रमुख कार्यालय होता है जहां हर रोज कम से कम पांच सात सौ लोगों का आना जाना रहता है। 

हम मतलब की चर्चा करते हुए आगे बढें और चैयरमैन और ईओ को निशाने पर भी रखें। चैयरमैन जनता यानि हम चुनते हैं और ईओ सरकार नियुक्त करती है और बदलती भी रहती है। 

चैयरमैन और ईओ को निशाने पर रखने में भी मजा आनंद आता है। जब निशाने पर रखना ही है तो फिर कारण भी अपने खुद बना ही लेते हैं।

अपना काम है काम बिखेरना और चैयरमैन ईओ का कर्तव्य है उनको समेटना। चैयरमैन को हमने चुना इसलिए जिम्मेदार और ईओ अच्छा खासा वेतन भत्ते लेता है इसलिए जिम्मेदार। इसे कोई गलत नहीं बता सकता। 

अब सीधे चर्चा करलें। यह याद भी रखना है कि चैयरमैन और ईओ को निशाने पर भी रखना है।

नगरपालिका का कर्तव्य है साफ सफाई रखना और हमारा काम है कचरा गंदगी बिखेरना। इसका खुलासा हर दिन होता है। 

* चलो,बाजार में घूमते हैं। दुकान और शौरूम की सफाई करके कचरा सड़क पर और नाले में। बाजार के हर सड़क के नाले प्लास्टिक और गत्तों के कचरे से भरे हुए। नालों पर सीमेंट कंक्रीट यानि आरसीसी का पक्का निर्माण। सफाई कर्मचारी साफ कर नहीं सकते। गालियां चैयरमैन और ईओ को। नालों पर पक्का निर्माण करते समय नहीं सोचा। नालों को ढका और वहां सामान लगा दिया। सड़क तक आगे तीन चार फुट नहीं और आगे तक सामान। आने जाने वालों को बाधा। यहां यातायात पुलिस को भी निशाने पर लें तो कौन रोक सकता है। नालों पर पक्का निर्माण और सामान और पड़ोसी दुकानदार की चिंता नहीं कि उसकी दुकान दब रही है। दिखाई नहीं देती। कानून नियमों का पालन करने वाला पीछे। 

दुकान पर शौरूम पर नाम का बोर्ड है फिर भी सड़कों  पर साईनबोर्ड। ईच्छा तो होती है कि सड़कों के बीच में रखें। साईनबोर्ड सड़क पर सामान नालों और सड़कों पर और यह गलती चैयरमैन और ईओ की। शब्दों का शिंगार होता है " के  बतावां चैयरमैन अर ईओ दोनूं धाप गै नालायक है। शहर को भाग। ईस्या मिल्या। आपणै शहर का फूट्योड़ा करम" कितना अचूक निशाना होता है चैयरमैन और ईओ पर।

साठ फुट चौड़ी सड़क। दोनों ओर से आगे बढे। सड़क रह गई बीस फुट चौड़ी। इसके बाद वाहन घर में लाने निकालने के लिए दस फुट का स्लोप जरूरी। अब देखो। कोई रोकने टोकने वाला नहीं। अपनी सुविधा होनी चाहिए। अपनी चौकी अपने स्लोप पर चर्चा नहीं। दूसरा बनाये तो दिमाग में कीड़ा कुलबुलाए। अड़ोस पड़ोस वाले बोलें कहें तो झगड़ा। इसलिए चलो चैयरमैन और ईओ को नालायक बताएं। कोई मुंह बंद कैसे करेगा। 

बाजारों में नाले जाम ठीक वैसे ही मोहल्लों में नालियां जाम। कचरा लेने वाला वाहन निकल जाता है तब अनेक घरों में जाग होती है। कचरे की भरी प्लास्टिक थैलियां सड़कों पर फेंकने में क्या हर्ज। " चार पांच दिन होया।कचरै वाला आया ही नहीं। " बातों के तीर।

एक बार फिर बाजार में घूमते हैं। अपनी दुकान के आगे झाड़ू लगाते कचरा सड़क पर करने में कोई बुराई नहीं लगती।

कैटल फ्री शहर कब होगा? अपनी गाय सुबह से शाम तक सड़क पर और मोहल्लों में घूमे। अपने पशु घर में बांधे और गोबर सड़कों पर ढेर। बीस सालों से गोबर डालते हैं तो यह हमारा कब्जा। इसका पट्टा दो। पार्षद भी कर देते हैं सिफारिश। " कब्जा तो है साब बीस सालां सूं गोबर नाखता हो गया तो हक तो बणै ई है." 

बड़ी कालोनियां और बड़े बाजारों में सैंकड़ों भूखंड दस पन्द्रह सालों से बिना निर्माण के खाली। कचरा उनमें और बरखा का पानी उनमें। पड़ोसी की दुकान या मकान  की नींवों को खोखला करता। तीर यहां भी चैयरमैन और ईओ पर। आगे बेच कर लाभ उठाना है इसलिए खरीदा और खाली रख छोड़ा है। बड़े लोग बेनामी या काले पैसे की दुनिया ने शहर के विकास में यों डाल रखी है बाधा। हर शहर की ऐसी ही कथा कहानियां। सम्मानित लोगों को मालिकों को बुरा क्यों कहें। अपने निशाने पर तो चैयरमैन और ईओ हैं।

कहते हैं कि आवासन मंडल की कालोनियों में साफ सफाई पर कोई कमी नहीं निकाल सकता। सभ्य लोग बसते हैं। हां,सभ्य लोगों ने घर के आगे पन्द्रह बीस फुट तक सड़क हक की जमीन पर फुलवारी बगीचे झूले लगा रखे हैं तो उनको कौन कहे? ये अतिक्रमण की संज्ञा में नहीं आते। इन सभ्य लोगों के जिंदाबाद के नारे तो लगने ही चाहिए। 

सब्जी मंडी भी घूम लें। कुत्ते की पूंछ टेढी की टेढी। समझाओ तो दो दिन ठीकठाक और तीसरे दिन सड़क के बीच।

और चाट पकौडी पानी पतासे बेचने वाले। ओह। इतनी गंदगी बिखेरते हैं। 

रविवार को लगता है कि बाजारों की सड़कों पर इतना कचरा कहां से आया। 

कोई बात नहीं। 

अपने निशाने पर चैयरमैन और ईओ हैं। बस निशाना लगाने का धर्म कर्म निभाते चलें।

दि. 25 मई 2022. 

अपडेट 20 फरवरी 2023.


* करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान)

94143 81356.

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