काठ की हांडियां दुबारा चढी और जीती: दल बदल कर भी जीते
करणीदानसिंह राजपूत
डूंगर राम गेदर का समाचार कांग्रेस टिकट पर आगामी चुनाव पर एक टिप्पणी में आया कि काठ की हांडी एक बार ही चढती है। बसपा से कांग्रेस में आने के बाद टिकट मिलने पर पहला चुनाव होगा। जब एक दल में रहते नहीं जीते तो दूसरे दल में प्रवेश कर भाग्य आजमाया और सफल हो गये।
2003 का पीलीबंगा चुनाव। गंगाजल मील भाजपा की टिकट ले आए। दावा रामप्रताप कासनीया मजबूत था लेकिन टिकट मिली नहीं। कासनीया ने सफेद झंडा उठाया निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। सफेद झंडे वाले कासनिया फिर भाजपा में रहे। सूरतगढ़ से भाजपा टिकट पर 2018 में चुनाव लड़ा विधायक बने।
गंगाजल मील भाजपा टिकट पर पीलीबंगा में हारे। भाजपा में भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर 2008 में कांग्रेस में घुसे। मील ने सूरतगढ़ से 2008 का चुनाव कांग्रेस टिकट पर लड़ा और जीते।
राजेंद्र भादू कांग्रेस निर्दलीय और भाजपा में रहे। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में घुसे। भादू ने सन 2013 का चुनाव भाजपा टिकट पर सूरतगढ़ से लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए।
डूंगर गेदर का 2023 का चुनाव कांग्रेस टिकट पर कैसा रहेगा यह परिस्थितियों और भाग्य पर निर्भर करेगा। ०0०
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