कालवा की पावरलैस स्थिति:नगरपालिका में हालात बदले.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ को गंदगी कचरे का ढेर बना देने वाले मास्टर कालवा पावरलैस जैसी स्थिति में चेयर पर हैं। इस स्थिति की किसी ने भी अनुमान नहीं लगाया था। कालवा के साथ समझे जाने वाले पार्षदों ने भी सोचा नहीं था कि यह हालात भी पैदा हो सकते हैं।
जिसने कालवा को चैयरमैन पद पर बिठाया उसी पार्टी के अग्रज नेता ने कालवा की यह हालत कर दी। कालवा कुर्सी पर हैं मगर उनकी चल नहीं रही है।
किसी को भी यह अनुमान नहीं था कि मील अचानक सख्त हो जाएंगे। भूमाफिया के अतिक्रमण तोड़ने की कार्यवाही कालवा से बिना पूछे शुरू हुई और अभियान रूप में चल रही है। कालवा को सूचना तक नहीं दी गई। सरकारी जमीन की सुरक्षा करना अधिशासी अधिकारी का दायित्व है इसलिए ईओ विजयप्रतापसिंह ने सूचनाओं के मिलने पर मालुम करवाया और तुड़वा दिया। कालवा को सूचनाएं मिली तब ईओ को अपनी पावर दिखाने की कोशिश भी की लेकिन ईओ के सामने भी पार नहीं पड़ी।कुछ पार्षदों को लगा कि चैयरमैन चाहे जो कर सकता है तो उनके सामने ही ईओ ने जवाब देकर यह गलतफहमी भी चूर चूर कर दी। सरकारी संपत्ति की रक्षा करने के कार्य को करने से पहले किसी से पूछने की जरुरत नहीं क्योंकि ईओ को अधिकार है।
कालवा जी पावर के लिए बड़े नेता के यहां प्रयास कर रहे हैं लेकिन पार नहीं पड़ रही और जो हालात हैं उसमें पावर पुनः मिलने की संभावना नहीं है। कालवा चेयर पर रहेंगे उनको हटाने की कोई कोशिश नहीं है। बस,इसी हालत में चेयर पर रहेंगे। नगरपालिका में हालात बदल गये हैं। लोगों को मालुम हो रहा है। इसलिए काम कराने वाले चैयरमैन से नहीं मिल रहे, सीधे ईओ के कक्ष में प्रवेश करते हैं।
* पूर्व विधायक गंगाजल मील ने अपना ढीला रवैया बदल लिया है। गंगाजल मील विधायक जैसे ही पावर इस्तेमाल करते नजर आने लगे हैं। कालवा नियंत्रित स्थिति में रहेंगे और पार्टी की जनहित नीतियां प्रभावी रहेंगी।
इस बदले हालात में शहर की राजनीति प्रभावित होने लगी है।
21 जनवरी 2023.
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