शुक्रवार, 11 नवंबर 2022

दानवीर इंद्र कोठारी सूरतगढ़ का हृदय आघात से दिल्ली में निधन

 

 * करणी दान सिंह राजपूत *

 सूरतगढ़ 11 नवंबर 2022.

शिक्षा को सर्वोपरि मानने वाले दानवीर इंद्र कोठारी का आज 11 नवंबर को दिल्ली में 82 वर्ष की आयु में हृदयाघात से निधन हो गया।


 सूरतगढ़ जैतसर इलाके में प्रसिद्ध इंद्र कोठारी ने सूरतगढ़ के सेठ रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय में 1 वर्ष पूर्व 5 कक्षा कमरों का संपूर्ण निर्माण करवाया था।

माना जाता है कि इसमें करीब 40 लाख से अधिक रू लगे थे। इंद्र कोठारी ने सूरतगढ़ के इस विद्यालय की जीर्णशीर्ण हालत देखकर अपने आप को आगे किया। 

इंद्र कोठारी ने एक साथ पांच कक्षा कमरों का बरामदों सहित निर्माण करवाया और समस्त सुविधाएं भी उन कमरों के अंदर उपलब्ध करवाई थी।

 इंद्र कोठारी को राज्य सरकार स्तर पर हाल ही में सम्मानित किया गया था। रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय के अंदर आयोजित एक समारोह में भी इंद्र कोठारी और अन्य दानदाताओं का सम्मान किया गया था। 

* इंद्र कोठारी के छोटे भाई राजेंद्र कोठारी मेरे सहपाठी रहे हैं जो जयपुर में रसायन का व्यवसाय करते हैं वे सेठ रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय में मेरे साथ पढे थे। मैंने सन् 1963 में हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण की थी।


 इंद्र जी कोठारी धर्म प्रिय व्यक्ति थे और मिलते रहते थे। एक पुस्तक भी उन्होंने प्रकाशित करवाई थी।

 उनके पुत्रों का दिल्ली में  रसायन का बहुत बड़ा व्यवसाय है। दिल्ली के निगमबोध घाट पर कल 12 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

इन्द्र कोठारी का पहले जैतसर में व्यवसाय था। बाद में सूरतगढ़ रहने लगे। सूरतगढ़ में भी व्यवसाय था। इन्द्र कोठारी सूरतगढ़ के श्री माहेश्वरी सदन के अध्यक्ष थे।

इनके पिता गौरीशंकर कोठारी हिन्दू महासभा से जुड़े थे जो यहां गौशाला के अध्यक्ष भी रहे।

राजेंद्र कोठारी से मेरी अभी बात हुई है। राजेंद्र सूरतगढ़ आए हुए थे और अभी दिल्ली के लिए अवध आसाम एक्सप्रेस से रवाना होंगे और कल अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।

कहते हैं होनी प्रबल होती है। 

राजेंद्र कोठारी की बड़े भाई इंद्र कोठारी से अभी 3 दिन पहले बात हुई थी। इंद्र कोठारी ने राजेंद्र को कहा था कि तुम सूरतगढ़ पहुंचो और वहां से फोन करना,मैं भी सूरतगढ़ पहुंच जाऊंगा। लेकिन यह सूरतगढ़ का मिलन हो नहीं पाया। अचानक आज 11 को उनका निधन हो गया। परम ब्रह्म से यही प्रार्थना है कि उन्हें मोक्ष प्रदान करें और उनकी सोच को अन्य लोगों में भी प्रवाहित करें।०0०

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