सूरतगढ़:जैन समाज और अन्य में तप (उपवास) करने को उत्साह:आचार्य का चातुर्मास.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 9 सितंबर 2022.
जैन संत श्री जयानंद सुरीश्वर जी महाराज के जनआह्लादकारी चातुर्मास में सूरतगढ़ में जैन समाज ही नहीं अपितु जैनेतर लोगों में भी तप के प्रति अपार उत्साह बना हुआ है।
आज शुक्रवार को आठ दिन यानी अठाई की तपस्या करने वाली कुमारी राधिका मिश्रा पुत्री पवन कुमार मिश्रा और 4 दिन का तप करने वाले नीरज चुघ का अभिनंदन कार्यक्रम श्री आत्म वल्लभ आराधना भवन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में गणी श्री जय कीर्ति विजय जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को सागर की भांति गंभीर होना चाहिए। जिस तरह से एक समुद्र में स्वच्छ और मीठे पानी की नदियां मिलती है, साथ ही गंदे पानी के नाले भी उसमें में समा जाते हैं लेकिन समुद्र निर्विकार भाव से सभी को अपने अंदर समेट लेता है।चंद्रमा सूर्य से गर्मी ग्रहण करता है लेकिन दूसरों को शीतलता प्रदान करता है उसी तरह से मनुष्य को कड़वी बात सुनने के बाद भी मीठे बोल बोलने चाहिए। एक श्रावक को किसी नापसंद बात पर गुस्सा ना करते हुए धैर्य और संयम के साथ सबसे समभाव रखना चाहिए।
प्रवक्ता संजय बैद ने बताया कि इस अवसर पर 16 दिन का आयम्बिल तप करने वाली श्रीमती सुलोचना देवी धर्मपत्नी श्री आनंद डागा का तथा दोनों तपस्वीयों का कुशालपुर,पाली से पधारे हुए महावीर प्रसाद सिंघवी, महावीर पगारिया तथा केसरी चंद डागा, भवरलाल चोपड़ा, श्री संघ अध्यक्ष सुरेंद्र चोपड़ा, हेमन्त डागा, श्रीमती ज्योति डागा, रूबी डागा,सोनू डागा द्वारा बहुमान किया गया।
श्री पवन मिश्रा, श्री ओम प्रकाश कच्छावा द्वारा सभी को प्रभावना वितरित की गई।
इससे पूर्व श्री राकेश पटावरी के घर से तपस्विनी राधिका मिश्रा का वर घोड़ा बैंड बाजे के साथ निकाला गया जो शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ श्री पार्श्व नाथ जैन मंदिर पहुंचा और भगवान के दर्शन किए।
दोपहर में 8 दिन की तपस्या का भाव रखने वाली दस वर्षीया चारुषी सावनसुखा की तपस्या के छठे दिन मेहंदी और भावों का कार्यक्रम भी श्री आत्म वल्लभ आराधना भवन में रखा गया।०0०
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