* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 4 अगस्त 2022.
सूरतगढ़ के जोहड़ पायतन की भूमि पर कहीं भी बना हुआ मकान हो या भूखंड हो,खरीदने से बचें। आलीशान और वीआईपी बड़े लोगों के बीच बसने की चाह सभी को होती है, लेकिन जहां भवन,भूखंड एवं स्थान जोहड़पायन पर होने से विवादों में आ चुके हों वहां पर बीस तीस लाख भूखंडों पर और अस्सी नब्बे लाख और इससे भी ऊंची कीमत के भवनों की खरीद में लगाना नहीं लुटाना कहा जाता है। लाखों करोड़ों लगाकर परेशानी या आफत लेने की भूल नहीं कही जाती यह गलती कही जाती है। अपनी तिजोरी बैंक में सुरक्षित पड़े लाखों करोड़ों निकाल कर पानी में बहाना जो बाद में लेना चाहें तो भी नहीं ले पाएं। बह गए। नहीं, खुद ने बहाए।
प्रोपर्टी डीलर भी घुमा फिरा कर कोशिश करें तो भी ऐसी खरीद से बचें। प्रोपर्टी डीलर आजकल बिचौलिए नहीं होते। उन्होंने नया नाम रख लिया है। सलाहकार। खरीद और बिक्री का कमीशन लेंगे लेकिन आगे कोई भी परेशानी हो तो खरीदने वाला भोगे,क्योंकि बेचने वाले ने तो रकम ले ली।
जोहड़पायन में कोई भूखंड या भवन कुछ सस्ते में भी बेचे तो भी नहीं खरीदना चाहिए।
'कुछ नहीं होता' कहने वाले भी मिलते हैं। एक बात याद रखनी चाहिए कि परेशानी ढोल बजाती घोषणा करती हुई नहीं आती।
भूखंड या भवन वो खरीदें जो विवाद रहित हो और स्थान आदि भी विवाद रहित हों सही हों।
जोहड़ पायतन के भूखंड और भवन कभी वैध नहीं होते। आवासन मंडल ,नगरपालिका भूमि आदि के भूखंड और उन पर बने भवन सुरक्षित और भविष्य की परेशानी से रहित होते हैं।०0०
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