सोमवार, 21 मार्च 2022

राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता में और भाजपा के विरोध में कमजोरियां आप के प्रवेश का बना रही रास्ता

 


* करणीदानसिंह राजपूत *


राजस्थान में कांग्रेस सही रूप में सत्ता का संचालन नहीं कर पा रही और भारतीय जनता पार्टी प्रतिपक्ष के रूप में उस पर नजर नहीं रख पा रही। 

इन दोनों पार्टियों के कार्य से आम जनता परेशानियों में जूझ रही है।कहने का मतलब है कि आम जनता की न सत्ताधारी कांग्रेस को परवाह है और न भारतीय जनता पार्टी को परवाह है।

 कांग्रेस का पूरा नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी है और भाजपा का पूरा नाम भारतीय जनता पार्टी है। नामों के हिसाब से दोनों देश हित का दावा करती हैं मगर यह दावा जिस प्रकार से कार्य रूप में चल रहा है उससे सारा देश दुखी है।


हम यहां चर्चा करें राजस्थान की।


यहां पर यह कहावत चल रही है कि 5 साल 

भा ज पा और 5 साल कांग्रेस। वर्तमान हालत में देखें तो राजस्थान की जनता दोनों ही पार्टियों के नेताओं से कार्यकर्ताओं से व्यवहार से दुखी है परेशान है। कांग्रेस पार्टी की सत्ता से बढ़ती महंगाई अपराध से लोग दुखी हैं मगर उन्हें भविष्य में भारतीय जनता पार्टी नजर नहीं आ रही है। लोग यह मानते हैं कि उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों का राज वर्षों तक देख लिया और भोग भी लिया। 

दोनों पार्टियां जो कुछ राजस्थान में करती हैं उसका सही सही प्रमाण राज्य की विधानसभा में उजागर होता है। राजस्थान की विधानसभा में इन दोनों पार्टियों के नेताओं की विधायकों की क्या स्थिति है वह सोचनीय है। मंत्री और विधायकों को विधानसभा के लिए फुर्सत नहीं है और उन्हीं की तर्ज पर अधिकारी भी चुस्त-दुरुस्त नहीं है। 

पहले विधानसभा में बोला जाता था उस पर कार्यवाही हो जाती थी लेकिन अब विधानसभा में विधायक कुछ भी बोलते रहें उस पर कार्यवाही होने का शक बना रहता है।जनता का मानना है कि कोई भी विधायक आवाज उठाता है समस्याएं रखता है तो उस पर भविष्य में कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिलती। 

विधानसभा संपूर्ण राजस्थान का दर्पण यानि कि आईना होती है और उसमें सारा कुछ अच्छा बुरा नजर आता है। सरकार जो करती है वह भी नजर आता है और विपक्ष जो नजर रखता है वह भी छुपी नहीं रहती। 

राजस्थान की विधानसभा में जो कुछ और रहा है उससे प्रमाणित होता है कि दोनों ही पार्टियों की राजस्थान के विकास के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है। विधानसभा प्रदेश की आत्मा। वहां जो बोले वह गंभीर हो और उस पर मंत्री का उत्तर भी गंभीर हो। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। 

राजस्थान में दोनों ही पार्टियों से दुखी परेशान  लोग तीसरे विकल्प की तैयारी कर रहे हैं या सोच रहे हैं कि कोई उन्हें बचाएगा। 

राजस्थान में आम आदमी पार्टी प्रवेश करने के लिए तत्पर है। दिल्ली और पंजाब में सत्ता ग्रहण के बाद अब राजस्थान में उनका कदम बढ़ाना नजर आ रहा है। कहना चाहिए कि इन दोनों पार्टियों की कार्य शैली आम आदमी पार्टी के लिए प्रवेश का रास्ता बना रही है। जब किसी को ऐसी स्थिति और खुला रास्ता मिले तो वह ऐसे साफ रास्ते पर चलना क्यों नहीं चाहेगा।आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल की राजस्थान पर नजरें लगी है।इसका कारण भी यही है कि राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस जनता के प्रति जवाबदेही में खरी नहीं उतर रही है।

मैंने पूर्व में लिखा है कि विधानसभा पूरे राजस्थान का आईना होती है असल में मैं ही नहीं और भी अन्य बड़े पत्रकार इस और विशेष ध्यान रख रहे हैं। 

राजस्थान पत्रिका के एक संपादक भुवनेश जैन का एक लेख आज 21 मार्च 2022 को पत्रिका के मुख्य पृष्ठ पर छपा है जिसका शीर्षक ही आईना है। इस लेख में भुवनेश जैन ने संपूर्ण राजस्थान की स्थिति विधानसभा में किस तरह से होनी चाहिए का उल्लेख किया है। जैन ने स्पष्ट लिखा है कि दोनों पार्टियों की कोई रुचि नहीं है और अधिकारी भी विधानसभा में तैयारी करके नहीं आते। यह लेख बहुत ही श्रेष्ठ लेखों में है। इस लेख का एक एक शब्द पढ़ने वाला है। जिन लोगों के पास राजस्थान पत्रिका आती है उन्होंने यह लेख पढ़ा होगा। उनसे भी निवेदन है कि वह इसे एक बार और पढ़ें तथा अन्य जानकारों को भी पढ़ने का कहें और उपलब्ध भी करवाएं। यहां मैं एक बात तथ्य से कह रहा हूं कि पत्रकार कोई पक्ष विपक्ष नहीं होता वह जनता के हितों के साथ होता है।०0०

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