रविवार, 20 मार्च 2022

आप का पंजाब जीत का विजय उत्सव राजस्थान में होगा:कांग्रेस भाजपा तो घरेलु लड़ाई में फंसी है।

 


* करणीदानसिंह राजपूत *


* पंजाब में जीत का विजय उत्सव आम आदमी पार्टी राजस्थान में मनाएगी। इसका सीधा-साधा अर्थ राज कर रही कांग्रेस पार्टी और राज लेने की तैयारी में आशा कर रही भारतीय जनता पार्टी को अच्छी तरह से समझ में आ जाना चाहिए कि आम आदमी पार्टी का अगला टारगेट राजस्थान है।


 दिल्ली में केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद,भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार के अड़ंगे डालने के बावजूद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने राज कायम कर रखा है। 

जबरदस्त आलोचना अभद्र शब्दों कीआलोचना के बावजूद आम आदमी पार्टी ने पंजाब में कांग्रेस सरकार और  भारतीय जनता पार्टी को पटक कर अपना राज स्थापित कर लिया।  दिल्ली और पंजाब के बाद अब केजरीवाल का सीधा निशाना राजस्थान पर है क्योंकि राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली से लगता हुआ है।


 आम आदमी पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के आने तक अपनी स्थिति को मजबूत कर लेगी। इस आशा से ही राजस्थान में पंजाब विजय का उत्सव जयपुर में मनाया जाने की घोषणा हुई है जिसकी पूरे राजस्थान में इसकी हलचल शुरू हो चुकी है। 


राजस्थान में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों से ही जनता अपने आप को किसी न किसी रूप में परेशान मानती रही है। भारतीय जनता पार्टी को ठुकरा कर जनता ने सोचा था कि कांग्रेस कुछ राहत प्रदान करेगी मगर कांग्रेस ने राहत के नाम पर उल्टा जनता को धरती और आकाश के बीच में लटका कर रख दिया। कांग्रेस के अशोक गहलोत के राज में महंगाई और अपराधों से जनता त्रस्त है और कहीं सुनवाई नहीं हो रही।  ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी सोच रही थी कि 2023 में बड़ी आसानी से मोदी जी के नाम से वोट मिल जाएंगे। 

* भाजपा में जयपुर से दिल्ली तक एक ही पक्की सोच चल रही है कि कांग्रेस राज से त्रस्त जनता भारतीय जनता पार्टी को पुनः सत्ता सौंप देगी। अब यह सोच हवा होता हुआ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस के पास सत्ता रहेगी नहीं और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता मिलेगी नहीं तो फिर सत्ता किस तरफ पलटा खाएगी? 

ऐसी हलचल आम आदमी के दिमाग में हलचल शुरू कर चुकी है। अपराधों महंगाई और बिजली बिलों से त्रस्त राजस्थान की जनता आम आदमी पार्टी को समर्थन करें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। बात मोदी जी के नाम पर ही चुनाव लड़ने की आ रही है वसुंधरा राजे को भाजपा आगे लाना नहीं चाहती। पार्टी के अंदर ही बहुत बड़ा विवाद चल रहा है। ऐसी स्थिति में लोग चुनाव के वक्त आम आदमी पार्टी की ओर झुकेंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों में अंदरूनी लड़ाई बंद नहीं हो रही है। इस कारण से भी 

जनता की परेशानियों को समझा नहीं जा रहा है।

* आप के पंजाब विजय की बात करें।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पर हर जगह धोक लगाई। बाबाओं के आगे हाथ जोड़े, भाषण दिए लेकिन वहां पर उनकेनाम से सत्ता प्राप्त नहीं हो सकी। जिस मरने बचने की हवा चलाई गई वह मरना तो पंजाब में अब हुआ। 

* उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी 100 से अधिक सीटें बहुत कम वोटों से जीत पाई है। ऐसी स्थिति में अगर समाजवादी पार्टी कुछ जोर लगाती तो भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में भी सत्ता नसीब नहीं होती। बड़ी विकट स्थिति उत्तर प्रदेश की रही है।

*  भारतीय जनता पार्टी पंजाब में हार पर बोलना नहीं चाहती और उत्तर प्रदेश की भी सीटों की समीक्षा नहीं करना चाहती क्योंकि इससे भाजपा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पावर की पोल खुलती है।


**आम आदमी पार्टी ने इन सब स्थितियों पर अपनी नजर रखी है और राजस्थान को अगला निशाना बनाने के लिए ही पंजाब का विजय उत्सव राजस्थान की राजधानी जयपुर में मनाने का निर्णय किया। 


* आम आदमी पार्टी इसे राजस्थान में अपना आधार मजबूत करने की योजना बता रही है। पार्टी नेताओं के  अनुसार संगठन को मजबूत करने के लिए आप  26-27 मार्च 2022को दो दिवसीय राज्य स्तरीय 'विजय उत्सव' सम्मेलन करेगी। यह विजय उत्सव ही राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के दिल्ली नेताओं की नींद उड़ाएगा। 


* आम आदमी पार्टी के राजस्थान राज्य  प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। आप के राज्य सह प्रभारी खेमचंद जागीरदार ने तो हिमाचल प्रदेश के लिए कह भी दिया है कि वहां  विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। राजस्थान पंजाब का पड़ोसी राज्य है और नई दिल्ली के करीब है, इसलिए राज्य में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी 26 और 27 मार्च को दो दिवसीय राज्य सम्मेलन आयोजित कर रही है। 

संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की नीतियों को जमीनी स्तर पर आगे ले जाने और अगले राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी की रणनीति पर चर्चा होगी। 


** विधानसभा चुनाव 2023 पर है पूरी नजर**


राजस्थान में 2023 के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।राजस्थान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा जल्द की जाएगी. दो दिवसीय सम्मेलन में बहुत कुछ होने संभावनाएं हैं।



* आप अब 2018 विधानसभा चुनावों की दशा वाली पार्टी शहीं रही *


आम आदमी पार्टी अगले महीने राजस्थान में सर्वेक्षण शुरू करने जा रही है और राज्य में प्रमुख राजनीतिक दलों का विकल्प देने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है। 

आप  ने 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में राज्य की 200 सीटों में से 142 पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। हालांकि उसके एक भी उम्मीदवार को सफलता नहीं मिली और वोट भी बहुत कम मिले थे। 

पंजाब विजय के बाद आम आदमी पार्टी की ओर आम लोगों की सोच बहुत बदली है तथा आगे और बदलेगी। आम आदमी पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में चमत्कार दिखाएगी। यह संभावना लोगों के दिमाग में छाने लगी है।०0०

दिनांक 20 मार्च 2022.


 करणी दान सिंह राजपूत,

 वरिष्ठ पत्रकार ( 58 साल से पत्रकारिता)

*इंदिरा गांधी राज के आपातकाल 1975-77 में जेलबंदी*

(राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ (राजस्थान)

94143 81356.

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* इस लेख को आगे प्रकाशित और सोशल मीडिया में लगा सकते हैं- लेखक।

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