* करणीदानसिंह राजपूत *
आईपीएस मृदुल कच्छावा,चौकी प्रभारी कलावती चौधरी
सहित 6 पुलिस कर्मियों और एक प्राइवेट जीप चालक के विरुद्ध 2 साल बाद अदालत के आदेश से सूरतगढ़ सिटी थाने में 22 सितंबर 2020 को मुकदमा नंबर 392 दर्ज हुआ है।
यह मुकदमा भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452 365 342 323 330 और 143 में दर्ज हुआ है।
सूरतगढ़ चौकी तत्कालीन इंचार्ज कलावती चौधरी,एक एसआई, कांस्टेबल वेद प्रकाश ज्यानी,तरसेम, विनोद, एएसपी कच्छावा आईपीएस और प्राइवेट टोयोटा कार चालक रामस्वरूप के विरुद्ध यह मामला दर्ज हुआ है।
इन पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों ने थाना क्षेत्र सूरतगढ़ के बाहर जाकर पीलीबंगा थाना क्षेत्र में अवैधानिक कार्यवाही करते हुए सखी मोहम्मद और उसके भाई रफीक को जबरन उठाया और अवैध हिरासत में रखा। मारपीट की वगैरा-वगैरा।इस मामले को लेकर सूरतगढ़ में बहुत बड़ा आंदोलन भी हुआ।
यह मामला राजस्थान उच्च न्यायालय तक पहुंचा और वहां से डायरेक्शन जारी हुआ। उस डायरेक्शन पर एसीजेएम की अदालत से आदेश हुआ और 156/3 में आदेश पर सिटी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
राजनैतिक सामाजिक कार्यकर्ता सखी मोहम्मद पुत्र पुनेखां निवासी मानकथेड़ी पुलिस थाना पीलीबंगा जिला हनुमानगढ़ को गैर कानूनी तरीके से उठाकर लाना पीटना आदि मामले को लेकर सूरतगढ़ सिटी पुलिस में 2 साल बाद यह एफआईआर हुई है।
एफ आई आर के अनुसार सखी मोहम्मद ने घटनाक्रम इस तरह से दर्ज कराया है।
सखी मोहम्मद पुत्र पुने खां का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। राजनीतिक सामाजिक कार्यों में आगे रहा है।
17 जुलाई 2018 को सुबह 8:00 बजे के करीब मानकथेड़ी गांव में सखी मोहम्मद के घर के आगे एक प्राइवेट टोयोटा कार रुकी।
उसमें से कलावती चौधरी,एक एएसआई,वेद प्रकाश,तरसेम,विनोद उतरे और
घर में प्रवेश किया।
सखी मोहम्मद और छोटे भाई रफीक को घसीट कर टोयटो कार में डाला। कलावती और तरसेम ने सखी मोहम्मद और रफीक के मोबाइल छीन लिए और स्विच ऑफ करके अपने पास रख लिए। इन दोनों को सूरतगढ़ चौकी में लाया गया।
सूचना मिलने पर एक और भाई सफी मोहम्मद एक वकील को लेकर जानकारी और जमानत आदि के लिए पहुंचा। कलावती ने इनको मिलने नहीं दिया। वहां बताया गया कि आईपीएस मृदुल कच्छावा के कहने पर इनको लाया गया है।
वहां 4:00 बजे तक बैठाए रखा गया। 4:30 बजे मृदुल कच्छावा आया। उसने सखी मोहम्मद के जबरन कपड़े उतरवाए और दीवार के सारे बैठा दिया,पैर सीधे करवाए। विनोद तरसेम कलावती और मृदुल ने तलवों पर चोटें मारी दबाव बनाने की कोशिश की कि वह अपने पासअवैध हथियार होने की बात स्वीकार कर ले। सखी मोहम्मद ने यह हां नहीं भरी।
दोनों भाईयों को रात में मानकसर चौक पर ट्रैफिक चौकी पर उसी कार में वेद विनोद तरसेम कलावती लेकर गए।
सखी मोहम्मद को रात भर वहां गया। अट्ठारह जुलाई 2018 यानी अगले दिन विनोद और दो पुलिसकर्मी लेकर सरकारी जीप से हॉस्पिटल पहुंचे।
सखी मोहमद ने डॉक्टर को अपनी चोटों के निशान दिखाए लेकिन उसने ध्यान नहीं दिया। एक कोई टेबलेट दी गई एक इंजेक्शन लगाया गया। उसे वापस मानकसर चौकी पर ले जाकर बंद कर दिया गया।
उसे रात को 8:00 बजे सिटी थाने में लाया गया। सीआरपीसी की धारा 151 में गिरफ्तारी दिखाई गई। उसी
रात को ही एसडीएम के सामने पेश किया गया वहां जमानत हुई।
उच्चतम न्यायालय में ललिता बनाम स्टेट का एक मामला है जिसमें रूलिंग है। उसके अनुसार यह मांग की गई कि यह मुकदमा दर्ज हो और उच्च अधिकारियों से जांच करवाई जाए। पुलिस ने उस समय मुकदमा दर्ज नहीं किया।
पुलिस ने अदालत के आदेश से अब मुकदमा दर्ज किया है और जांच उप निरीक्षक सुभाष चंद्र को सौंपी गई है।
सखी मोहम्मद और सफी मोहम्मद दोनों भाई सूरतगढ़ छात्र राजनीति से लेकर अनेक आंदोलनों में सक्रिय रहे हैं। सखी मोहम्मद को टार्चर किये जाने पर जबरदस्त आंदोलन हुआ था।
* अब इस मुकदमे की जांच पर सभी का ध्यान टिका रहेगा।*
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