गहलोत जोधपुर से अपने पुत्र वैभव को भी जीताने की स्थिति में नहीं हैं।
* प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने से बाज आएं सीएम गहलोत -प्रो. सारस्वत।*
भाजपा पर हमले के लिए तिवाड़ी का सहारा ले रहे हैं गहलोत।
370 पर सचिन पायलट स्थिति स्पष्ट करें-जैन।
==========
अजमेर जिला देहात भाजपा के अध्यक्ष प्रो. बीपी सारस्वत ने प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अभद्र टिप्पणियां करने का आरोप लगाया है। प्रो. सारस्वत ने कहा कि गहलोत संवैधानिक पद पर बैठे हैं, उन्हें देश के प्रधानमंत्री पर गैर मर्यादित टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। प्रो. सारस्वत ने कहा कि 11 अप्रैल को जयपुर की चुनावी सभा में भी गहलोत ने प्रधानमंत्री के लिए झूठा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। गहलोत कभी प्रधानमंत्री मोदी को नाटकबाज कहते हैं तो कभी चोर। भाषणों में मोदी साम्प्रदायिक और राहुल गांधी को धर्मनिरपेक्ष बता रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस का शासन होने के बाद भी मोदी की वजह से भय का वातावरण बताया जा रहा है। गहलोत कह रहे हैं कि इस बार मोदी जीत गया तो फिर देश में चुनाव नहीं होगा। प्रो. सारस्वत ने कहा कि प्रधानमंत्री पर अमर्यादित टिप्पणियां करने से पहले गहलोत को अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए। 2013 में जब गहलोत प्रदेश के सीएम थे, तब कांग्रेस को 200 में से मात्र 21 सीटों पर ही जीत मिली। यदि गहलोत का शासन अच्छा होता तो कांग्रेस की इतनी दुगर्ति नहीं होती। गत विधानसभा के चुनाव में भले ही कांग्रेस की सरकार बन गई है, लेकिन कांग्रेस का भाजपा से मात्र 1 लाख 86 हजार वोट अधिक मिले हैं। गहलोत जो इतना बढ़ चढ़ कर बोल रहे हैं उसकी हवा लोकसभा चुनाव में निकल जाएगी। गहलोत जोधपुर से अपने पुत्र वैभव को भी जीताने की स्थिति में नहीं हैं। गहलोत एक तरफ कहते हैं कि उन्हें राजनीति में चालीस वर्षों का अनुभव है, लेकिन गहलोत बचकानी बात करने से बाज नहीं आते। गहलोत जिन शब्दों का उपयोग कर रहे हैं वो प्रधानमंत्री पद की गरिमा गिरा रहे हैं। गहलोत को भाजपा पर हमला करने के लिए अब घनश्याम तिवाड़ी का सहारा लेना पड़ रहा है। लम्बे अर्से तक भाजपा में रहे तिवाड़ी को कांग्रेस में शामिल कर गहलोत अपनी बड़ी सफलता समझ रहे हैं। गहलोत कह रहे हैं कि यदि भाजपा में लोकतंत्र होता तो संघनिष्ठ तिवाड़ी कांग्रेस में शामिल नहीं होते। सारस्वत ने कहा कि तिवाड़ी व्यक्तिगत कारणों से कांग्रेस में शामिल हुए हैं। तिवाड़ी के कांगे्रस में शामिल होने से पूरी भाजपा खराब नहीं हो जाती। गहलोत प्रधानमंत्री मोदी के मुकाबले में राहुल गांधी की प्रशंसा कर रहे हैं, जबकि पूरा देश जानता है कि राहुल गांधी के परिवार के सभी सदस्य जमानत पर हैं। सोनिया गांधी से लेकर दामाद रॉबर्ट वाड्रा तक पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं। वहीं पीएम मोदी और उनके परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई आरोप नहीं हैं। राफेल विमान सौदे में भी सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के निर्णय में कोई बदलाव नहीं किया है। पुनर्विचार भी केन्द्र सरकार की याचिका पर किया जा रहा है। गहलोत स्वयं प्रदेश के सीएम हैं, लेकिन मोदी की वजह से भय और डर का वातावरण बता रहे हैं। प्रो. सारस्वत ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के मन में भय होना ही चाहिए। गहलोत का यह कहना है कि मोदी दोबारा से पीएम बन गए तो देश में कभी भी चुनाव नहीं होंगे, यह लोगों को डराने वाली बात है। पूरा प्रदेश जानता है कि कांग्रेस के तीन माह के शासन में विकास ठप हो गया है। गहलोत राजनीति दुर्भावना से सरकार चला रहे हैं, इसलिए केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेश के गरीब लोगों को नहीं दिलवा रहे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में प्रदेश के पात्र किसानों को सूची भी केन्द्र को नहीं भेजी हैं। वायदे के मुताबिक सरकारी बैंकों का किसानों का ऋण अभी तक भी माफ नहीं किया है।
पायलट जवाब दें:
अजमेर नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष रहे और भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेश जैन ने कश्मीर के मुद्दे पर अनुच्छेद 370 पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से स्थिति स्पष्ट करने का कहा है। पायलट को यह बताना चाहिए कि वे अनुच्छेद 370 को लागू रखने के पक्ष में हैं या विरोध में। भाजपा ने जब अपने संकल्प पत्र से अनुच्छेद 370 को कश्मीर से हटाने की बात कही तो कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला ने राष्ट्र विरोधी बयान दिया। फारुख का कहना रहा कि यदि अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो कश्मीर भारत से अलग हो जाएगा। चूंकि सचिन पायलट फारुख अब्दुल्ला के दामाद हैं, इसलिए उन्हें राजनीतिक तौर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। राजस्थान में पहले चरण का मतदान 29 अप्रैल को है उम्मीद है कि पायलट मतदान से पहले अपनी स्थिति स्पष्ट कर देंगे। सब जानते हैं कि 370 की वजह से कश्मीर में आतंकवाद पनपा है। प्रदेश के मतदाताओं को भी पता चलना चाहिए कि सत्तारुढ़ पार्टी के अध्यक्ष की 370 पर क्या राय है।
एस.पी.मित्तल) (11-04-19)