शैक्षणिक संस्थानों के छात्र छात्राओं को सुरक्षित, सुविधाजनक एवं सुलभ वाहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए परिवहन विभाग द्वारा बाल वाहिनी योजना लागू की गई है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए परिवहन विभाग ने दिशा निर्देश जारी किये हैं।
इन दिशा निर्देशों के अनुसार वाहन चालक को कैब, बस, आटो श्रेणी के वाहन चलाने का 5 साल का अनुभव हो तथा उसके पास कम से कम 5 वर्ष पुराना वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो। आटो की बजाय बस, वैन एवं कैब जैसे सुरक्षित वाहनों को प्राथमिकता दी जावे। बाल वाहिनी योजना के अन्तर्गत संचालित वाहनों की बैठक क्षमता सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों से निर्धारित क्षमता की डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी।
आटो में बच्चों की सुरक्षा हेतु बायीं ओर चढ़ने एवं उतरने वाले गेट पर लोहे की जाली लगा कर बन्द किया जाएगा। दुर्घटना और आपात स्थिति में छात्रों के लिए शिक्षा संस्था की वैन, कैब, बस, आटो में अनिवार्य रूप से प्राथमिकता सहायता बाॅक्स तथा अग्निशामक यंत्र लगाया जाये। वाहन में पानी की बोतल व स्कूल बैग रखने के लिए रैक लगी होगी। वैन, बस, कैब में चालक अनिवार्य रूप से नियमानुसार सीट बेल्ट लगा कर ही वाहन चलाएगा। आटो में ड्राइवर सीट पर बच्चों का परिवहन नहीं किया जाएगा। वैन, बस, कैब में चालक के पास वाली सीट पर 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का परिवहन नहीं कि या जाएगा। बाल वाहिनी वाहन चालक एवं कन्डक्टर नियमानुसार खाकी वर्दी पहनेंगे।
बाल वाहिनी में अनिवार्य रूप से जी.पी.एस लगाया जाए जिसके लाॅगिंग नम्बर व कोड स्कूल प्रशासन को उपलब्ध करवाये जायेंगे जिससे स्कूल प्रशासन द्वारा उसकी माॅनिटरिंग की जायेगी। यदि वाहन चालक का लाल-बत्ती का उल्लघंन करने, तेज व खतरनाक तरीके से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाईल फोन पर बात करने जैसे अपराध के लिए एक से अधिक चालान हुआ तो स्कूल प्रशासन द्वारा उसे हटाया जाएगा। बस में छात्रों को उतारने व चढ़ने में सहायता के लिए एक परिचालक होगा। चालक व परिचालक को निर्धारित वर्दी पहन कर वाहन चलाना होगा।
दो वर्ष में कम से कम एक बार बाल वाहिनी की सड़क एवं जीवन दायनी प्रक्रिया का प्रशिक्षण एवं एक बार मेडिकल चेकअप नेत्र व स्वास्थ्य जांच करवाना आवश्यक होगा। बाल वाहिनी वाहनों में डोर लाॅक की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। बाल वाहिनी वाहनों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से लगाया जाये एवं उसकी क्रियाशीलता सुनिश्चित की जावे।
विद्यालय एवं महाविद्यालय के कर्तव्य
शैक्षणिक संस्थान प्रमुख द्वारा सड़क सुरक्षा क्लब के माध्यम से बाल वाहिनी योजना सख्ती से लागू कराई जाएगी। संस्थान प्रमुख द्वारा सड़क सुरक्षा क्लब में एक वरिष्ठ अध्यापक एवं व्याख्याता स्तर का यातायात संयोजक नियुक्त किया जाएगा। प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान द्वारा एक विस्तृत ट्रेफिक प्लान तैयार करके बाल वाहिनी के वाहनों द्वारा छात्र छात्राओं को विद्यालय एवं महाविद्यालय द्वारा विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों को चढ़ाने उतारने के निर्धारित स्थान पर विद्यालय के बाहर सड़क की ओर देखते हुए सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना अनिवार्य होगा।
शैक्षणिक संस्थान द्वारा बाल वाहिनी वाहन चालक को विशेष फोटो युक्त परिचय पत्र सुनहरे पीले रंग के कार्ड पर नीले रंग से लिखा जाएगा जो वाहन चालक के अनुबंधित बाल वाहिनी वाहन चलाने तक ही वैध होगा। प्रत्येक जिले में बाल वाहिनी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस कमीशनरेट में उपायुक्त की अध्यक्षता में एक स्थाई संयोजक समिति गठित होगी, जो शैक्षणिक संस्थानों में छात्र छात्राओं को लाने-जाने के लिए बाल वाहिनी योजना के नियमों का सख्ती से पालन करायेगी। बैठक की रिपोर्ट जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित यातायात प्रंबधन समिति के समक्ष नियमित रूप से प्रस्तुत की जायेगी।
(जयपुर, 4 जुलाई 2017.
न्यूज अपडेट 2-6-2019.)
सफेद रंग होना भी कानून का उल्लंघन। बालवाहिनी का रंग पीला होना कानूनी अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर संस्था की जिम्मेदारी है।