श्रीगंगानगर, 15 जनवरी 2019.
जिला कलक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि जिले में सरसों व गेहूं की खरीद सुव्यवस्थित तरीके से हो, इसके लिये संबंधित विभागों, खरीद ऐजेंसियों को समय रहते तैयारियां करनी होगी। उन्होंने कहा कि जीन्स खरीद से लेकर, उठाव व भुगतान तक किसी कार्य में विलम्ब न हो, ऐसी पुख्ता व्यवस्थाएं की जाये।
जिला कलक्टर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाहॉल में गेहूं, सरसों फसल खरीद के संबंध में आयोजित बैठक मे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीद ऐजेंसियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसान के साथ फसल में नमी व गुणवत्ता को लेकर भेदभाव नही होना चाहिए। प्राप्त बारदाने का वितरण भी समान रूप से हो। बारदाने की कमी न रहे, इसके लिये अभी से ही आवश्यकता अनुरूप बारदाने की मांग व आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। क्रय किया गया अनाज बारिश के समय खराब न हो, इसके अच्छे इंतजाम किये जाये। फसल भंडारण में गोदामों के अलावा स्टेंकिंग वैज्ञानिक तरीके से बनाई जाये।
जिला कलक्टर ने कहा कि प्राप्त गेहूं, सरसों फसलों का उठाव नियमित हो, इसके लिये वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। छोटे वाहनों से फसल उठाने में अधिक समय लगता है, जबकि बड़े वाहनों से उठाव में तेजी लाई जा सकती है। उठाव जितना जल्दी होगा, उतनी ही फसल अन्य किसान मंडी में ला सकेगें। जिला कलक्टर ने कहा कि खरीद ऑनलाईन हो या ऑफलाईन हो ये सरकार स्तर के निर्णय है। जिला स्तर की सभी व्यवस्थाएं हम सभी को करनी है। जिला स्तर पर कोई समस्या हो, तो उसका निपटारा किया जायेगा। जिला कलक्टर ने कहा कि फसल खरीदने से लेकर भुगतान व उठाव तक किसी तरह की समस्या न हो, इसको लेकर जल्द ही व्यापारियों, खरीद ऐजेंसियों, मजदूरों एवं किसान प्रतिनिधियों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की जायेगी। गेहूं, सरसों के उठाव में लगने वाले वाहनों का पंजीयन, नवीनीकरण तथा वाहनों की फिटनेस इत्यादि का भी परिवहन विभाग द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। श्रीगंगानगर जिले में लगभग 6.21 लाख मैट्रिक टन गेहूं क्रय की जायेगी तथा सरसों का लगभग 2.25 लाख मेट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है।
बैठक में व्यापारियों ने बताया कि किसान सीधा व्यापारी से जुडा हुआ है तथा फसल निकालने के बाद मंडी में एक साथ अनाज आ जाता है। अगर ऑनलाईन के साथ-साथ ऑफलाईन की व्यवस्था भी हो तो उपयुक्त रहेगा। व्यापारियों का कहना था कि उन्हें 2.25 प्रतिशत आड़त, 25 पैसे सैकड़ा तुलाई तथा 50 पैसे सैकड़ा मजदूरी तथा 1 रूपये 30 पैसे प्रति क्विंटल झराई का भुगतान करना होता है।
भारतीय खाद्य निगम के प्रबंधक ने बताया कि किसान को ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करना है, जिसमें आड़तिया भी शामिल है। किसान को उपज बैचने का दिनांक व समय मिल जाता है। अगर किसान उस दिन अपनी फसल नही बेच पाता तो पुनः नई तिथि मिल जाती है। फसल का ऑनलाईन विक्रय नही बल्कि पंजीयन है।
बैठक में एडीएम प्रशासन श्री नख्तदान बारहठ, जिला रसद अधिकारी श्री पार्थ सारथी, निरीक्षक श्री सुरेश, उप पंजीयक श्री दीपक कुक्कड़, राजफैड के क्षेत्राय अधिकारी श्री रणवीर सिंह, तिलम संघ के महाप्रबन्धक श्री एम.के. पुरोहित, भारतीय खाद्य नियम के प्रबन्धक श्री अभिमन्यू स्वामी, मंडी सचिव श्री शिव सिंह भाटी, व्यापारी श्री विपिन्न अग्रवाल, श्री रामगोपाल, श्री राजकुमार, श्री विनय जिंदल, श्री प्रदीप गर्ग, श्री विनित जिन्दल, श्री सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य विभागों के व्यापारी व अधिकारी उपस्थित थे।