बा सुहागण बड़भागण है जिकी सदांई पति री आज्ञा में हुवै-राजस्थानी रामलीला
* करणीदानसिंह राजपूत *
* राजस्थानी रामलीला में सीता हरण ,बाली -सुग्रीव जुद्ध आदि रे माध्यम सूं दी गई सीख *
सूरतगढ़ 16 अक्टूबर 2018.
राजस्थानी रामलीला री छठी रात मांय सुंदरी स्वरूपनखा, खर-दूषण वध ,सीताहरण,भीलणी रा बेर , बाली -सुग्रीव जुद्ध आदि दरसाव माथै दरसकां खुस होय तालियां घणी बजाई।
राजस्थानी संवाद अदायगी के साथ रोचक ढंग से किया गया।
बनवास बिचालै सती अनुसुइया खानी सूं सीता के माध्यम सूं लुगायां नै दी गई सीख बेटी पतिव्रत धरम जगत में सैसूं बड़ो हुवै। बा सुहागण बड़भागण है जिकी सदांई पति री आज्ञा में चालै।
रावण साधू को वेश बणा र पंचवटी में आवै अर सीता सूं कहवै जै भिक्षा देणी हैं तो रेखा सूं बारै आ माई।जोगी बाबा कद लेवै हैं इण तरिया भिक्षा माई।सीता, देवर री आंण रैवे ना रैवे, राखूली धरम गिरस्थी रो,अबै हे रेख उलांघ गे पालू हू धरम गिरस्थी रो।
भीलणी बोरिया चाख चाख राम लखन नै खावण सारूं देवै पण लखण जूठा समझ कर फेंक देवै जणा राम कहवै हैं,लछमण थूं खाया कोनि चाख तो सरी कितरा मीठा हैं.....आ बोरियां मांय भगती रो नेह भरयो है।