इस साल सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई 2018 को है। माना जाता है सावन के सभी सोमवार विधिपूर्वक भगवान की शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गरीबी की समस्या से परेशान हों या विवाह में मुश्किल हो तो सावन के सभी सोमवार व्रत रखने और भगवान शिव की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
16 सोमवार का व्रत करने से मां पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ था।
मां पार्वती की शादी को लेकर एक कथा है जिसमें बताया जाता है कि उन्होंने भगवान शिव से शादी करने के लिए 16 सोमवार का व्रत किया था। इसीलिए हर जगह सावन के सोमवार के विशेष महत्व का उल्लेख किया जाता है। यह भी मान्यता है कि जिनको संतान न हो रही हो वह पूरे सावन नियम से भगवान शिव की पूजा करे और सावन के सोमवार में व्रत रखे तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।
सावन के सोमवार की पूजा की विधि-
1- प्रात: काल स्नान करके ताजे विल्बपत्र लाएं। पांच या सात साबुत विल्बपत्र साफ पानी से धोएं और फिर उनमें चंदन छिड़कें या चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें।
2- इसके बाद तांबे के लोटे (पानी का पात्र) में जल या गंगाजल भरें और उसमें कुछ साफ साबुत चावल डालें। और अंत में लोटे के ऊपर विल्बपत्र और पुष्पादि रखें।
3- विल्बपत्र और जल से भरा लोटा लेकर शिव मंदिर में जाएं और वहां शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें। रुद्राभिषेक के दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप या भगवान शिव के कोई अन्य मंत्र का जाप करें।
4- रुद्राभिषेक के बाद समय हो तो मंदिर परिसर में ही शिवचालीसा, रुद्राष्टक और तांडव स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं।
5- मंदिर में पूजा करने के बाद घर में पूजा-पाठ करें। इसके बार व्रत वार या गैर व्रत वाला सुविधानुसार प्रसाद ग्रहण करें।
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