

पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद निहालचंद मेघवाल रेप मामले में जयपुर महानगर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में बुधवार 4.10.2017 को आरोप वापस बचाव पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अब फैसले की घड़ी नजदीक मानी जा रही है. इसी के साथ मेघवाल की मुसीबत भी बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं. हालांकि रेप पीड़िता की रिवीजन अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने रिवीजन का विरोध करते हुए इसे खारिज करने का आग्रह किया है.
क्या है मामला:
एडीजे-17 जयपुर मेट्रोपोलिटन ने एक विवाहिता महिला के साथ उसके पति की शह पर दुष्कर्म के मामले में निहाल चंद मेघवाल सहित कुल 18 लोगों के नाम समन जारी किया था. आरोपियों में भाजपा नेता व पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग व उनके पुत्र प्रकाश पुंज गर्ग व एएसपी अनिल राव भी शामिल हैं. कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की निगरानी याचिका पर दिए.
इन पर हैंआरोप
आरोपियों में निहालचंद, जोगेश्वर और उनके बेटे, एएसपी राव, महिला के पति ओमप्रकाश, राधेराम गोदारा, सतीश सिंगोदिया, पुष्पेंद्र भारद्वाज, विवेकानंद, विकास अग्रवाल, आरिफ, हरीश, कुलदीप हुंदल, भगवान, मनीष, पिंटू और कुलदीप शामिल हैं.
पीड़िता ने निगरानी याचिका में मजिस्ट्रेट कोर्ट के 10 फरवरी, 2014 के आदेश को चुनौती दी. इस आदेश में मजिस्ट्रेट ने पीड़िता की याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले में एक बार क्लोजर रिपोर्ट भी आई थी, लेकिन सेशन कोर्ट ने इस मामले की फाइल को दोबारा खोला. निहालचंद पर 2011 में रेप का आरोप लगा था, तब वैशाली नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. तब पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर तफ्तीश करने के बाद 2012 में एफआईआर के साथ मामले की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी.