बुधवार, 8 फ़रवरी 2017

सूरतगढ़ के आरएएस अधिकारी का पुराना फर्जी डिग्री से लैक्चरार बनने का अपराध से बचाव कब तक हो पाएगा?


- दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की फर्जी डिग्री के अपराध ने 18 साल बाद जेल पहुंचाया:

-सूरतगढ़ निवासी यह आरएएस/एसडीएम भी कब तक कानून से बच पाएगा? नाम बदलने से भी अपराध छुपता नहीं।

सूरतगढ़। नौकरी का पात्र नहीं होते हुए भी सरकारी नौकरी करने वाले को सालों बाद पकड़ा जाने का मामला यहां अखबार की कटिंग में पेश मामला नाहरपुर अलवर क्षेत्र का है। यह माना जाता है कि सालों बाद कोई पूछता नहीं और किसी को अपराध का मालूम नहीं लगता। 

सूरतगढ का मामला और संगीन है। वर्तमान आरएएस में चयनित ने सन् 2004 में फर्जी वाङे से कालेज में हाजिरी का फर्जी रिकार्ड तैयार कर 2005 में बी.एड किया। संगरिया बीएड कालेज में फर्जी हाजिरी लगी और वह सूरतगढ के सरकारी कालेज में 8 माह तक अनुबंध पर लैक्चरार बन पढाता रहा उसकी हाजिरी  सूरतगढ में लगी और हर माह का हजारों रुपए भुगतान लिया।  बीएड कक्षाओं में हाजिर होने के बजाय दूसरे स्थान सरकारी कॉलेज से शिक्षण कार्य करना और भुगतान लेना। फर्जी हाजिरी से पात्र बन कर परीक्षा देना। यहां नौकरी में असली नाम और जनता में नाम बदल कर खुद को प्रचारित करना और सम्मान लेना कितना ही हो। बीएड जालसाजी से करने के बाद स्कूल लेक्चरार लगा। जाखङावाली व राठी स्कूल में नौकरी कर करीब 50 लाख रूपयों से अधिक वेतन ले लिया जिसका कानूनी हकदार नहीं था। 

दूसरे विभाग में जाने से  अधिकारी बनने से भी पहले वाले अपराध छिप नहीं सकते जो सरकारी रिकार्ड पर है। एक दिन कानून के आगे सरेंडर करना ही होगा।
 
29-11-2015.य
Up dated 4-11-2016.
 Up dated  8-2-2017.

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