जोश में लग रहे हैं नारे
मोदी की लहर है।
मोदी का तूफान है।
दबी पिटी मरी मरी सी,
आवाजें भी आ रही हैं।
मोदी की कोई लहर नहीं।
मोदी का कोई तूफान नहीं।
वे दबे पिटे मरे मरे से लोग भी
कितना सच्च कह रहे हैं,
जो मोदी की लहर और
तूफान को नकार रहे हैं।
मोदी के सांस से
उठने लगे हैं जो कम्पन्न
उनसे ही घबरा रहे हैं।
वो सच्चे हैं अपने मन में
ना मोदी की लहर है
ना मोदी का कोई तूफान है।
उमड़ी घटाएं
सुगंधित पवन,
धरा का कण कण हर्षाता,
यह जो आने के संकेत हैं,
मोदी के खुशगवार मौसम के।
मोदी मौसम में सब पनपेंगे।
छोटा हो चाहे बड़ा हो।
चाहे शहर वाला हो,
चाहे छोटे गांव वाला हो।
गरीब किसान मजदूर हो या
उद्योग चलाने वाला।
लहर और तूफान तो
आकर निकल जाते हैं।
थोड़े समय हर्षाते हैं।
मोदी मौसम रहेगा बरसों,
आगे यही विधान है।
मोदी का मौसम
खुशगवार आने वाला है
खुशगवार आने वाला है
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20-4-2014.
अपडेट 27-6-2017.
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