सूरतगढ़ में भूखंड नीलामी में घोटाला
तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व तत्कालीन अध्यक्ष पर आरोप
नगरपालिका को 27 लाख रूपए का चूना लगाया
इसी प्रकार के प्रकरण में ईओ मदनसिंह बुडानिया की गिरफ्तारी हुई और कुछ दिन जेल में रहने के बाद जमानत हुई थी व अब निलम्बन पर हैं
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi7vjhBsL8fVHltNT3WFZy8-zdFZbGvNqWz0RSakJ51f6bvyZAXBy7k0FGc6a0DcSZ-ZYqON85DO0Yzj5U3E7cMoyNkHPOfHUstfFU3D0kuOwqB2uqTacQgt_cdO9MMbD8s3Zh9ShrU5axD/s400-rw/amrit.jpg)
करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 12 जून। नगरपालिका सूरतगढ़ की ओर से भूखंड आवंटन में हुए घोटालों में तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व तत्कालीन अध्यक्ष आरोप के घेरे में हैं। यह प्रकरण ठीक उसी तरह का है जैसा अधिशाषी अधिकारी मदनसिंह बुडानिया का था और उनको गिरफ्तार किया गया व कुछ दिन जेल की हवा खाने के बाद जमानत हुई थी। इस नए प्रकरण में खास यह है कि यह प्रकरण मदनसिंह बुडानिया की ओर से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत के बाद में जांच शुरू हुई है।
मदनसिंह बुडानिया आजकल जयपुर में रह रहे हैं। उन्होंने इस प्रकरण में आरोप लगाया है कि ईओ भंवरलाल की कार्यवाही से नगरपालिका को करीब 27 लाख रूपए का चूना लगा है।
वष्र 2007-8 में सूरतगढ़ के निजी बस स्टेंड पर नीलामी में मनोजकुमार पुत्र कन्हैयालाल, कन्हैयालाल पुत्र रामलाल, सतीष कुमार पुत्र रूपचंद,विमलादेवी, मनजीतकौर व बिन्दु के नामों से भूखंड विक्रय हुए। इन खरीदारों को बोली पक्ष में छूटने के बाद में नियमानुसार निर्धारित एक चोथाई रकम जमा करानी थी। यह रकम जमा नहीं कराए जाने पर भूखंड नगरपालिका के अधिकार में चले जाने की श्रेणी में हो गए थे। लेकिन तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी और अध्यक्ष ने पद का दुरूपयोग करते हुए मिली भगत करते हुए अवधि गुजर जाने के बाद भी रकम जमा करवा कर भूखंड आवंटित कर दिए।
इस प्रकरण की जांच ब्यूरो की श्रीगंगानगर चौकी के निरीक्षक प्रशांत कौशिक को सौंपी गई है।
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तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व तत्कालीन अध्यक्ष पर आरोप
नगरपालिका को 27 लाख रूपए का चूना लगाया
इसी प्रकार के प्रकरण में ईओ मदनसिंह बुडानिया की गिरफ्तारी हुई और कुछ दिन जेल में रहने के बाद जमानत हुई थी व अब निलम्बन पर हैं
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भ्रष्टाचार के प्रकरण में निलम्बित ईओ मदनसिंह बुडानिया और अब आरोपों के घेरे में तत्कालीन ईओ भंवरलाल सोनी |
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करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 12 जून। नगरपालिका सूरतगढ़ की ओर से भूखंड आवंटन में हुए घोटालों में तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी व तत्कालीन अध्यक्ष आरोप के घेरे में हैं। यह प्रकरण ठीक उसी तरह का है जैसा अधिशाषी अधिकारी मदनसिंह बुडानिया का था और उनको गिरफ्तार किया गया व कुछ दिन जेल की हवा खाने के बाद जमानत हुई थी। इस नए प्रकरण में खास यह है कि यह प्रकरण मदनसिंह बुडानिया की ओर से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत के बाद में जांच शुरू हुई है।
मदनसिंह बुडानिया आजकल जयपुर में रह रहे हैं। उन्होंने इस प्रकरण में आरोप लगाया है कि ईओ भंवरलाल की कार्यवाही से नगरपालिका को करीब 27 लाख रूपए का चूना लगा है।
वष्र 2007-8 में सूरतगढ़ के निजी बस स्टेंड पर नीलामी में मनोजकुमार पुत्र कन्हैयालाल, कन्हैयालाल पुत्र रामलाल, सतीष कुमार पुत्र रूपचंद,विमलादेवी, मनजीतकौर व बिन्दु के नामों से भूखंड विक्रय हुए। इन खरीदारों को बोली पक्ष में छूटने के बाद में नियमानुसार निर्धारित एक चोथाई रकम जमा करानी थी। यह रकम जमा नहीं कराए जाने पर भूखंड नगरपालिका के अधिकार में चले जाने की श्रेणी में हो गए थे। लेकिन तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी भंवरलाल सोनी और अध्यक्ष ने पद का दुरूपयोग करते हुए मिली भगत करते हुए अवधि गुजर जाने के बाद भी रकम जमा करवा कर भूखंड आवंटित कर दिए।
इस प्रकरण की जांच ब्यूरो की श्रीगंगानगर चौकी के निरीक्षक प्रशांत कौशिक को सौंपी गई है।
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