करणी प्रेस इंडिया

गुरुवार, 27 नवंबर 2025

संघर्ष का मार्ग कभी छोड़ना नहीं चाहिए- देवीसिंह भाटी पूर्व मंत्री एवं करणीदानसिंह की भेंट.

 

* करणी प्रेस इंडिया *

सूरतगढ़ 27 नवंबर 2025.राजस्थान की राजनीति में गाहेबगाहे अपने वक्तव्यों और कार्यों से हलचल मचा देने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता

पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी एवं वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत लोकतंत्र सेनानी की भेंट में राजस्थान के शासन प्रशासन,पुराने संघर्षों और भाटी मंत्री समय की श्रीगंगानगर जिला की सिंचाई आदि पर बातचीत हुई। पुराने संघर्षों की अनेक यादें रही जिन पर बातें हुई। भाटी ने कहा कि संघर्ष का मार्ग कभी छोड़ना नहीं चाहिए। भाटी ने राजपूत को कहा कि इलाके के संघर्ष और समाचारों की जानकारी आपकी रिपोर्ट्स से मिलती रहती है। दोनों ने एक दूसरे के स्वास्थ्य की जानकारी भी ली।




भाटी आज सुबह करणी प्रेस इंडिया के कार्यालय पर पधारे तब पुरानी बातों और राजस्थान की वर्तमान शासन प्रणाली पर बातचीत हुई। करणी प्रेस इंडिया कार्यालय पर सूरतगढ़ नगरपालिका के निवृत अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा, 'ब्लास्ट की आवाज' के संपादक महेंद्र सिंह जाटव,योगेन्द्र प्रतापसिंह ( करणीदानसिंह राजपूत के पुत्र ) की भाटी से भेंट हुई। ०0०








बुधवार, 26 नवंबर 2025

संस्थाओं का दुरूपयोग किया जाना खतरनाक- विधायक गेदर संविधान दिवस कार्यक्रम.

* करणी प्रेस इंडिया *

दिनांक 26 नवंबर 2025. 

अंबेडकर भवन सूरतगढ़ में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में एक प्रेरणादायी एवं सारगर्भित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारत का संविधान प्रत्येक नागरिको समानता, स्वतंत्रता और न्याय प्रदान करने वाला सर्वोच्च दस्तावेज है। इसके मुख्य शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों, संघर्ष और देशहित में किए गए योगदान को स्मरण करते हुए कार्यक्रम संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक डूंगरराम गेदर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का संविधान मानव अधिकारों, सामाजिक न्याय, समान अवसर, पर्यावरण संरक्षण, यहाँ तक कि जीव-जंतु एवं पशु-पक्षियों की सुरक्षा जैसे व्यापक प्रावधानों से समृद्ध है।

उन्होंने कहा कि किसी देश का संविधान कितना ही उत्कृष्ट क्यों न हो, यदि उसे लागू करने वालों की नीयत सही नहीं है तो वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकता। वहीं किसी देश का संविधान कमजोर होने पर भी यदि उसे लागू करने वालों की नीयत अच्छी है, तो वह सर्वोत्तम सिद्ध हो सकता है।

आज संविधान लागू करने वाले ही उसकी मूल भावना से भटक रहे हैं। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है, जो हमारे लोकतांत्रिक देश के भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा है।

उन्होंने युवाओं में बढ़ती विचारहीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं और समाज के सभी वर्गों को किताबों, महापुरुषों के विचारों और संविधानिक मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव की शुरुआत विचारों से होती है, इसलिए परिवार, समाज और संस्थाओं में अच्छे विचार साझा करने की संस्कृति विकसित करनी चाहिए। 

कार्यक्रम अध्यक्ष, श्री इंद्राज चेतीवाल सेवानिवृत प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ ने अपने वक्तव्य में डॉ. अंबेडकर के संघर्षपूर्ण विद्यार्थी जीवन और उल्लेखनीय बौद्धिक उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कठिन परिस्थितियों में विदेशों से उच्च शिक्षा प्राप्त की और कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से स्कॉलरशिप प्राप्त कर विश्वस्तरीय अध्ययन किया। आगे उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने संविधान रचना में जो दृष्टि, गहराई और व्यापकता लाई, वही आज भारत के लोकतंत्र की मजबूती का आधार है।

 पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परसराम भाटिया ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि करोड़ों वंचितों के लिए आशा और सम्मान के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब के विचार आज भी सामाजिक न्याय, शिक्षा और समान अवसर के मार्गदर्शक बने हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी का जीवन संदेश देता है कि ज्ञान, संघर्ष और कर्तव्यनिष्ठा से ही समाज में परिवर्तन संभव है।

कार्यक्रम में डॉ. सुरेश परिहार, बाबूलाल पिपलवा, नथूराम कलवासिया एवं बलराम कुक्कड़वाल ने अपने विचार प्रस्तुत रखे।

इस अवसर पर जेपी गहलोत, कमलेश मीणा, अनिल रोकणा, अमर सिंह राठौड़, जीतराम चिनियां, हरचंद लुढीयान, अक्षर नायक, मनीष खोरवाल, रामअवध सिंह यादव, अंग्रेज सिंह ढिल्लो, रामचन्द्र सांसी, मालाराम सांसी, साहिल गेदर, रमेश पन्नू, गोपाल आसेरी, आदराम दंगल, भागीरथ, मनीष नदीवाल, कालू प्रधान, सोनू बिरट, सुनिल बौद्ध, इंद्राज कालवा, मनोहर नायक, दलीप घोड़ेला तथा हीरालाल बिरट सहित अनेक कार्यकर्ता एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने संविधान के मूल्यों को जीवन में अपनाने और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने का संकल्प लिया।०0०












सूरतगढ़ की राजनैतिक लीडरशिप में एक!

 

़ करणीदानसिंह राजपूत ़

सूरतगढ़ में राजनैतिक पार्टियों के नेता नेतियां राज्य मंत्री, विधायक,सांसद,पंचायत समिति प्रधान नगरपालिका अध्यक्ष आदि बने,चुनाव लड़े,जीते हारे लेकिन उनमें लीडरशिप नहीं थी। भादू बंधुओं मनफूलसिंह भादू राजस्थान में उपमंत्री बने,अनेक बार सांसद बने और 

बीरबल भादू 30-40 साल तक पंचायत समिति सूरतगढ़ के प्रधान रहे लेकिन लोग मानते हैं कि  राजनैतिक लीडरशिप उनमे नहीं थी। लीडरशिप एक गुण होता है जो इनमें नहीं था। अच्छे और बुरे में जो कुछ करे वह लीडरशिप गुण वाला। अच्छे बुरे में जो अपना नहीं सोचे,घाटे नफे यानि लाभ हानि का नहीं सोचे और घर से निकल कर लोगों के बीच में खड़ा हो जाए। जनता की परेशानियों में साथी बने। ये गुण लीडरशिप में माने जाते हैं। केवल नारे लगाने भाषण देने आदि में आगे रहने वाले को भी लीडरशिप वाली मान्यता नहीं दी जा सकती।

* राजनैतिक वरिष्ठ सोच समझ रखने वाले जो अपनी बातचीत प्रभावी ढंग से कहते हैं वे लीडरशिप के गुण वाले नाम भी लेते हैं। सूरतगढ़ क्षेत्र में लीडरशिप गुणों वाले तीन नाम सामने आते हैं जिन्होंने जनता की पीड़ाओं में दिन रात कभी अपना नहीं समझा। ये नाम हैं  गुरूशरण छाबड़ा, सरदार हरचंद सिंह सिद्धु और बलराम वर्मा।  

* गुरूशरण छाबड़ा अब संसार में नहीं है। हमेशा पीड़ित के साथ रहे। सन् 1977 में सूरतगढ़ से विधायक चुने गये थे। ईमानदारी में कोई मिसाल नहीं। सख्ती में कोई मिसाल नहीं। आज हर ओर उनका उदाहरण दिया जाता है। 

* सरदार हरचंद सिंह सिद्धु वरिष्ठ वकील हैं। अनुमान कि सिद्धु ने सन् 1958 के लगभग सूरतगढ़ में वकालत शुरू की और यहां के निवासी बने।पीलीबंगा से 2 बार विधायक चुने गये। पहली बार लोकदल से जनता पार्टी के टिकट पर सन् 1977 में विधायक चुने गये जब गुरूशरण छाबड़ा सूरतगढ़ से चुने गये थे। पीलीबंगा से दूसरी बार कांग्रेस टिकट पर सन् 1998 में विधायक चुने गये। पीलीबंगा से दो बार विधानसभा चुनाव हारने वाले भी रहे। इनमें लीडरशिप के गुण रहे और कभी अपने नुकसान की नहीं सोची और जन संघर्ष में अनेक मुकदमें भी झेले। अब करीब 87 वर्ष की उम्र में हैं और सक्रिय राजनीति से दूर हैं। 

 *** लीडरशिप के भरपूर गुणों वाला एक प्रसिद्ध नाम है बलराम वर्मा जो अभी भी हर संघर्ष परेशानियों में पीड़ित लोगों के साथ खड़े होते हैं। आश्चर्य जनक यह है कि लोग झगड़ों विवादों में इनसे पंचायती कराते हैं। इनके घर आंगन में पंचायती कराने वाले सुबह आने शुरू हो जाते हैं। हर महीने पांच सात पंचायती तो जरूर हो जाती है। बलराम वर्मा के साथ करीब 45 वर्षों का राजनैतिक इतिहास है।

वर्मा छात्र दिनों से ही संघर्षों में जूझने लगे और अभी भी जनता के मजदूर किसान व्यापारी,नौजवानों  के साथ खड़े हैं। कालेज आंदोलन, थर्मल,सिंचाई पानी,सूरतगढ़ फार्म,जिला बनाओ आदि अनेक आंदोलनों का इतिहास रहा है। अनेक चुनावों का अनुभव है।  सूरतगढ़ नगरपालिका पार्षद रह चुके हैं।(वर्मा के पुत्र और पुत्र वधु भी पार्षद रह चुके हैं।) वर्मा रामपुरा पंचायत से सरपंच रह चुके हैं। सन 2003 में विधानसभा चुनाव पीलीबंगा सीट पर 18 हजार वोट और सूरतगढ़ सीट पर 40 हजार वोट मिलने का रिकॉर्ड रहा है। 

अशोक गहलोत सन 2004 के लोकसभा चुनाव में बलराम वर्मा के घर आए और आग्रह करके कांग्रेस में शामिल किया। आज भी सूरतगढ़ से जिला और प्रदेश राजधानी जयपुर तक संपर्क हैं जिनका लाभ पीड़ित लोगों की समस्याओं को समाधान कराने में इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न राजनैतिक विचारधारा वाले सूरतगढ़ में

वर्तमान समय में सक्रिय लीडरशिप में बलराम वर्मा का नाम है। सूरतगढ़ शहर और सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के चहुंमुखी विकास में लीडर  बलराम वर्मा की लीडरशिप का लाभ उठाया जा सकता है।०0०

26 नवंबर 2026.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 62 वां वर्ष,

(राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)

सूरतगढ़ ( राजस्थान)

94143 81356.

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मंगलवार, 25 नवंबर 2025

2 एस एच पी डी 'ए' को पंचायत बनाने पर विरोध:3 को बनाओ.


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 25 नवंबर 2025.

सूरतगढ़ में 2 एस एच पी डी 'ए' को ग्राम पंचायत बनाए जाने पर विरोध हो रहा है तथा 3 एस एच पी डी को ग्राम पंचायत बनाए जाने की मांग को लेकर आज 3 एस एच पी डी के काफी लोग जिलाकलेक्टर पहुंचे। जिलाकलेक्टर के व्यस्त होने पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर से मिले और हस्ताक्षर हुआ एक ज्ञापन सौंपा। लोगों ने कहा कि पहले भी मांग पत्र अप्रैल में दिया था जिस पर कार्वाई का आश्वासन भी था। लोगों का आरोप है कि उनसे हालात छिपा कर 2 एस एच पी डी 'ए' को ग्राम पंचायत घोषित करवाया गया है। सबसे बड़ा आरोप यह लगाया जा रहा है कि 2 एस एच पी डी 'ए' मुख्यालय की आबादी 250 के करीब है और उससे चार गुना अधिक आबादी 3एस एच पी डी की है और आसपास के गांवों की यहां आसानी से पहुंच भी है। यह भी कहा जा रहा है कि लोग पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया से मिलने गए लेकिन उनसे मिलाया नहीं गया।










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सूरतगढ़ में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर.रिपोर्ट.

 


* करणी प्रेस इंडिया रिपोर्ट.

सूरतगढ़ 25 नवंबर 2025.

 कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर का सूरतगढ़ में विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने शानदार स्वागत किया। यह स्वागत विधायक डूंगराम गेदर के विधायक जन सेवा केंद्र पर किया गया। कुन्नर का अर्जुनसर, राजियासर, सूरतगढ़ विधायक जनसेवा केन्द्र, ओशो ध्यान केन्द्र, पालीवाला तथा भगवानगढ़ में कार्यकर्ताओं की अगुवाई में स्वागत कार्यक्रम आयोजित हुए।



जिला अध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर ने अपने संबोधन में कहा कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता मेरे लिए जिला अध्यक्ष है। संगठन को बूथ स्तर से जिला स्तर तक मजबूत करना और जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाना हमारी पहली प्राथमिकता है। देश में वोट चोरी, बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की दुर्दशा जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सड़कों से लेकर सदन तक आवाज उठाएगी।

विधायक जनसेवा केन्द्र सूरतगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में विधायक  डूंगरराम गेदर ने कहा कि नवनियुक्त जिला अध्यक्ष रूपेंद्र सिंह कुन्नर युवा, जोशीले और निष्ठावान नेतृत्वकर्ता हैं। इन्होंने किसानों के  लिए संघर्ष किया है और विधानसभा में भी लगातार जनहित के मुद्दे मजबूती से उठाते आ रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अडिग खड़े रहना इनकी पहचान है।

कार्यक्रम में पूर्व राज्य मंत्री परमजीत सिंह रंधावा, वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया, युवा नेता गगन वडिंग, पूर्व प्रधान हरिराम गोदारा, पूर्व उपप्रधान कृष्ण गोदारा, अमित कड़वासरा, जिला परिषद सदस्य जुलेखां बेगम, बरकत अली, इंद्रजीत रंधावा, नगर अध्यक्ष प्रवीण गोयल, जे.पी. गहलोत, बंशीधर छाबड़ा, नरेंद्र शर्मा, साहब सिंह भुल्लर, जगदीश गोदारा, अमर सिंह राठौड़, श्योपत भोभरिया, युसूफ खान, ओमप्रकाश गेदर, गंगासिंह कुलचानिया, भीम जोशी, रामकुमार सिंह, फारुख मोहमद, सरपंच केसराराम टाक, मुस्ताक खान, सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेसजन उपस्थित रहे।

राजियासर स्टेशन पर स्वागतकर्ताओं में ब्लॉक अध्यक्ष गिरधारी स्वामी, बनवारी थोरी, पूर्व सरपंच मनोहर सिंह, बजरंग शर्मा, भागीरथ झोरड़, चेतराम नेहरा, पृथ्वी स्वामी, लोकेश जैन, कुलदीप सुथार, नेतराम स्वामी, सिकंदर खान, बागी शाह, राजाराम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे।

ओशो ध्यान केन्द्र में सुखविंदर सोढ़ी द्वारा,पालीवाला में मण्डल अध्यक्ष इंद्राज कालवा और भगवानगढ़ में मण्डल अध्यक्ष मांगीलाल बिश्नोई के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं ने अपार उत्साह के साथ जिला अध्यक्ष का स्वागत किया। ०0०






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स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण की पत्नी कमला देवी का निधन.परिवार के बीकानेर से 2 दैनिक अखबार.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

बीकानेर/सूरतगढ़ 25 नवंबर 2025

  स्वतंत्रता सेनानी स्व. वैद्य रामनारायण जी की धर्मपत्नी कमला देवी का आज स्वर्गवास हो गया। इनके पति रामनारायण जी  का स्वर्गवास कुछ वर्ष पहले हुआ। रामनारायण जी के पिता वैद्य मघाराम और उनकी बहन भी स्वतंत्रता सेनानी रहे।

आजादी के आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानी वैद्य मघाराम शर्मा, बहन खेती बाई और पुत्र रामनारायण शर्मा कई आंदोलनों में अग्रणी रहे। वैद्य मघाराम शर्मा ने बीकानेर सहित कलकत्ता और प्रदेश के कई स्थानों पर स्वतंत्रता आंदोलनों व संगठनों में प्रभावी भूमिका निभाई। कलकत्ता में बीकानेर प्रजा मंडल के गठन में अग्रणी रहे। बहन खेती बाई भी राज के सैनिकों से लोहा लेकर प्रभावी भूमिका में रहीं। शहर में स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण शर्मा सक्रिय रहे। कई बार जेल गए, यातनाएं सहीं और शहर में देश की आजादी से पहले पहली बार तिरंगा फहराया। रामनारायण जी एक साप्ताहिक निकालते थे। उसे जब्त कर लिया गया था। उसके बाद क्रांति बिगुल भी निकाला। पुत्र मोहन शर्मा और परिवार के सदस्य अभी बीकानेर से दो दैनिक राजस्थान प्रदीप और राजस्थानी चिराग प्रकाशित कर रहे हैं। वैद्य मघा राम के नाम से बीकानेर में बहुत बड़ी आवासीय कालोनी है। इसी कालोनी में यह स्वतंत्रता सेनानी परिवार रहता है। आवास में ही एक प्रिंटिंग प्रेस' मदन प्रिंटिंग प्रेस संचालित थी जिसमें साप्ताहिक छापा जाता था।

सन् 1973-74 में इनकी मदन प्रिंटिंग प्रेस में मेरा सूरतगढ़ से प्रकाशित होने वाला साप्ताहिक 'भारतजन' भी छपाया करता था। रात्रि में जब भारतजन का मुद्रण होता तब घर से चाय बनती जो हम पीते। चाय कमला देवी अपने हाथों से बना कर भेजती थी। एक घरेलु वातावरण में रामनारायण जी और कमला जी से बातें भी होती।

सूरतगढ़ निवासी नरेन्द्र ओझा की कमला जी रिश्ते में भुआ लगती थी। स्वतंत्रता सेनानी परिवार की एक पुत्री सूरतगढ़ के पूनमचंद तावणिया परिवार ( महाराजा मिष्ठान भंडार) वालों में विवाहित है।  मोहन शर्मा से तो अभी यदा कदा अखबारी लाइन और राजनीति पर मेरी बातचीत होती रहती है। मोहन शर्मा आजकल अधिक समय जयपुर में बिताते हैं। 

कमला देवी जी को नमन करते हुए कामना करता हूं की परमब्रह्म उन्हें मोक्ष प्रदान करें।

25 नवंबर 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत आजीवन)

सूरतगढ़.( राजस्थान)

94143 81356.

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रविवार, 23 नवंबर 2025

कृष्ण कुमार 70 वीं बार व राजेंद्र सोनी 63 वीं बार रक्तदान

 

़ करणीदानसिंह राजपूत ़

सूरतगढ़ 23 नवंबर 2025.महावीर इंटरनेशनल के रक्तदान शिविर में कृष्ण कुमार ने 70 वीं बार व राजेंद्र सोनी ने 63 वीं बार रक्तदान कर लोगों को रक्त दान की बड़ी प्रेरणा दी है। महावीर इंटरनेशनल सूरतगढ़ का यह 202 वां रक्तदान शिविर आज बिश्नोई प्रांगण में आयोजित किया गया था। शादियों के सीजन के बावजूद शिविर में समाजसेवी सदस्यों एवं आमजन ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप कुल 50 यूनिट रक्त संकलित किया गया। तपोवन ब्लड बैंक श्रीगंगानगर की टीम के विनोद बांगड़वा, कन्हैया लाल व कांता द्वारा रक्त संग्रहित किया गया। 

शिविर का शुभारंभ विधायक श्री डूंगर राम गेदर ने फीता काट कर किया गया। गेदर ने महावीर इंटरनेशनल के सेवा कार्यों की सराहना की एवं  रक्तदान को मानवता की सर्वोच्च सेवा बताया।

रक्तदान की शुरुआत संजय बैद व अजय बैद ने रक्तदान कर के की। पवन कुमार ओझा व मनोज कुमार,भजनलाल, व साहबराम, राकेश व रघुवीर तथा अखिल बैद व हर्षित ने भी भाई के रूप में,आजाद , विजय पाल  व किरण ने पिता पुत्र व  पुत्री के रूप में रक्तदान कर दूसरों को प्रेरणा दी। इस शिविर में कृष्ण कुमार ने 70 वीं बार व राजेंद्र सोनी ने 63 वीं बार रक्तदान किया।

 परियोजना निदेशक वीर पवन जैन व वीर लालचंद वर्मा के अनुसार इस शिविर का उद्देश्य मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करना था। 

संस्था अध्यक्ष वीर सत्यनारायण झंवर ने सभी रक्तदाताओं का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इसी प्रकार समाज सेवा में सहयोग करने का आग्रह किया।


इसी के साथ ही राष्ट्रीय पल्स पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत    बच्चों को आशा सहयोगिनी नजमा द्वारा 60 नौनिहालों को पल्स पोलियो की दवाई पिलाई गई जिसमें संस्था के सदस्यों ने  सहयोग किया। सभी बच्चों को संस्था द्वारा आकर्षक उपहार भेंट किये गए।


सचिव रामपाल रोकना के अनुसार शिवर संचालन में डॉ सुशील जेतली, बिश्नोई सभा अध्यक्ष रामनाथ बिश्नोई व समाजसेवी चिरंजी लाल चौधरी तथा संस्था के वीर संजय बैद, वीर दिलीप मिश्रा, वीर सुरेश सिडाना, वीर विजय सावनसुखा,वीर रमेश कुमार शर्मा, वीर नीरज डांग , वीर राजेश वर्मा, वीर पूर्णराम वर्मा ,वीर विकास पारीक , वीर अमन रांका व कालू बिश्नोई आदि सदस्यों का सहयोग रहा।०0०


     

विधायक गुरवीरसिंह बराड़ ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बयान की कड़ी निंदा की

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

श्रीगंगानगर, 23 नवम्बर 2025.

विधायक गुरवीर सिंह बराड़ ने कहा कि सम्पूर्ण राष्ट्र धर्म, मानवता और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा हेतु अपने प्राणों का सर्वोच्च त्याग देने वाले गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धापूर्वक नमन कर रहा है। कश्मीरी पंडितों की रक्षा हेतु दिल्ली के चाँदनी चौक में दिया गया उनका बलिदान विश्व इतिहास में अद्वितीय है और उन्हें ‘‘हिंद की चादर’’ के रूप में अमर करता है।

 उन्होंने कहा कि सरवंशदानी गुरु गोविंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा हेतु पूरे परिवार के प्राणों को न्योछावर कर दिया।

ऽ साहिबजादा अजीत सिंह जी (18 वर्ष)

ऽ साहिबजादा झुझार सिंह जी (14 वर्ष)

ऽ साहिबजादा ज़ोरावर सिंह जी (9 वर्ष)

ऽ साहिबजादा फतेह सिंह जी (7 वर्ष)

 जहाँ बड़े साहिबज़ादों ने धर्म की रक्षा हेतु चमकौर के रण में वीरता से लड़ते हुए शहादत दी, वहीं छोटे साहिबजादों ने मुग़लिया सल्तनत के नवाब वजीर ख़ान के धर्म बदलने के प्रस्ताव को ठुकराया जिसके कारण दीवार में चीनवा दिया गया और उन्होंने इतनी छोटी उम्र में धर्म की रक्षा हेतु प्राण न्योछावर करने का सर्वोपरि उदाहरण पेश किया। जिनके बलिदान को याद करते हुए हम वीर बाल दिवस मनाते हैं।

 विधायक बराड़ ने कहा कि हमारे गुरु साहिबानों के ये बलिदान स्पष्ट संदेश देते हैं कि धर्म, सत्य और मानवता की रक्षा सर्वोपरि है।

 उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्वी राज्यों में बड़ी संख्या में गेरक़ानूनी रूप से किये जा रहे धर्म परिवर्तन के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब में भी प्रलोभन, लालच और पाखंड दिखाकर ग़रीब सिख समुदाय के तक़रीबन 30 लाख लोगों का धर्म परिवर्तन करवाए जाने की घटना बेहद चिंता का विषय हैं। यह स्थिति सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक सोहार्द लिए गंभीर खतरा है।

 विधायक बराड़ ने कहा की उनके द्वारा इस गंभीर मुद्दे को 31 जुलाई 2024 के दिन पर्ची के माध्यम से विधानसभा में उठाया गथा और सरकार ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया, और इन्हीं घटनाओं और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने प्रदेश में गेर क़ानूनन, लालच, प्रलोभन एवं पाखंड के माध्यम से किए जा रहे धर्म परिवर्तन पर प्रभावी रोक लगाने हेतु यह सख्त कानून विधानसभा में पारित कर लागू किया है, जो समयोचित एवं आवश्यक कदम है।

 विधायक बराड़ ने इस कानून के तहत जानकारी देते हुए बताया की बल, छलपूर्वक प्रलोभन देकर या विवाह द्वारा अवैध धर्मांतरण को सख्ती से रोका जाएगा। अवैध धर्मांतरण पर 7 से 14 वर्ष का कारावास व न्यूनतम 5 लाख रुपए जुर्माना, सामूहिक धर्मांतरण पर 20 वर्ष या आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए जुर्माना लगेगा, साथ ही अवैध धर्मांतरण वाले स्थान को चिह्नित कर संपति जब्त या गिराए जाने का प्रावधान है। हाँ यदि कोई अपनी स्वेच्छा से धर्मांतरण करता है तो उसकी धार्मिक स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए एक पूर्ण प्रकिया को लागू किया गया है। ये सभी प्रावधान इस क़ानून को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाते है जो केवल अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए ही है।

 इसी संदर्भ में राजस्थान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष द्वारा इस कानून के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान करने वाले बयान को विधायक बराड़ ने अत्यंत दुखद और निंदनीय बताया। उन्होंने कहाः

 ‘‘कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का यह बयान प्रदेश की जनता के धार्मिक सौहार्द व सामाजिक ताने बाने के स्थायित्व के विपरीत व अवैध धर्मांतरण करने वालो को प्रोत्साहन देने वाला। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ और उनसे आग्रह करता हूँ कि वे अविलंब अपना यह बयान वापस लें।’’

 विधायक बराड़ ने जनता से अपील की कि प्रदेश की सामाजिक एकता, आपसी भाईचारे की रक्षा में सभी को सहयोग करना चाहिए।o0o







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राजस्थान में अब कोई लीडर नहीं न लीडरशिप.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

राजस्थान में जो आपराधिक हालात हैं जो प्रशासनिक लापरवाही है,हर ओर जो शून्यता है उस पर बोलकर राज्य में हलचल मचा देने हिम्मत नहीं है क्योंकि यहां कोई लीडर नहीं और न लीडरशिप है। विधायक चुना जाना,मंत्री बनना, मुख्यमंत्री बनना,पार्टी में ऊंचे ओहदे पर नियुक्त होना एक प्रक्रिया है और उससे नाम होना लीडरशिप नहीं। लीडर को दिल्ली की ओर देखते रहने वहां के ईशारे की आवश्यकता नहीं होती,दिल्ली जयपुर की ओर देखे और देख कर निर्णय करे तब लीडर है और लीडरशिप है। यहां जो हालात है प्रदेश की जो दुर्दशा हो रही है वह जनमानस की चर्चा में बातचीत में झलक जाती है कि अब राजस्थान में कोई लीडर नहीं कोई लीडरशिप नहीं। लीडर निर्भिक होता है और वही दबंग रूप चर्चा में हर जगह बोला लिखा जाता है। लेकिन वर्तमान में राजस्थान में किसी की भी चर्चा नहीं कि वह दिल्ली को आंखें दिखा सके और दिल्ली उसकी आंख झपकने से पहले डर जाए। दिल्ली जो थोप दे वह सभी चुपचाप मान ले तो लीडरशिप कहाँ है? लीडर का निर्णय तो स्वयं का होता है। वह हर काम शुरू करने से पहले दिल्ली के आदेश निर्देश की परवाह में शिथिल सा नहीं रहता। 

भजनलाल शर्मा का मुख्यमंत्री बनना लीडरशिप नहीं है। वे लीडर नहीं है और लीडरशिप से चुने हुए भी नहीं है। इस ऊंचे ओहदे पर पहुंचना लीडरशिप नहीं है। उनको लीडरशिप के कारण इस ऊंचे ओहदे पर बिठाया भी नहीं है। राजस्थान में उनका लीडरशिप वाला कोई कार्य भी नहीं है। कार्य को छोड़ें कोई घोषणा तक नहीं है। दिल्ली को भी यह नाम चुनना पड़ा जो उनके अनुसार उठता बैठता रहे। लीडर होता तो पर्ची से नाम नहीं निकलता। वसुंधरा राजे में लीडरशिप होती तो वह भी कह देती कि विधायक निर्णय करेंगे। वह  पर्ची को खोलती नहीं। जो भी निर्णय होता वह विधायक करते। वसुंधरा राजे की गलती ने सभी विधायकों का अधिकार भी खत्म करा दिया। प्रदेश का मुखिया बदला जाने की बातें फैलते महीनों बीत गये। लीडरशिप होती तो वह लीडर ही बोल उठता कि यह क्या तमाशा बनाया हुआ है।    स्वयं वसुंधरा राजे भी डरी हुई है और चुनौती रूप में बोल नहीं सकती। दिल्ली के विरुद्ध बोलना दिल्ली को कुछ कहना खतरनाक हो सकता है। दिल्ली भजनलाल को बदले तब किसी दूसरे का नाम न निकालदे। वसुंधरा को अधर में लटका के रख दिया। मुख्यमंत्री पद की आशा में त्रिशंकु बना दिया। धरती आकाश के बीच में बस अब बनी बस कुछ दिन और बस कुछ दिन और। यह इंतजार जो खत्म नहीं हो रहा। दिल्ली दबा रही है। लीडर और लीडरशिप को दिल्ली भी नहीं दबा पाती। कमजोरी देखी और दबा दिया और अभी उसी पर चल रही है,धौंस पर। बस,इसलिए राजस्थान के वर्तमान हालात हैं।०0० 

23 नवंबर 2025.

करणीदानसिंह राजपूत,

राजस्थान.

94143 81356.

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