मंगलवार, 4 मई 2021

दुल्हा दुल्हन तरुण शर्मा व मानसी ने ब्याह का भोज न कर कोरोना कोष में पीएम सीएम को 51-51 हजार भेंट किए.बीकानेर से प्रेरणा.

 




* करणीदानसिंह राजपूत *

बीकानेर के स्वतंत्रता सेनानी  वैद्य मघा राम और उनके पुत्र स्वतंत्रता सेनानी रामनारायण ( दोनों स्वर्गीय) का कुटुम्ब और वैद्य मघाराम कालोनी कोरोना के संकट काल में दुल्हा दुल्हन तरुण शर्मा व मानसी की विशाल हृदय प्रेरणा से देश भर में चर्चा में है।
तरूण शर्मा और मानसी ने ब्याह का प्रीति भोज टाल कर सादगी से ब्याह किया तथा ब्याह में खर्च होने वाली रकम में से ब्याह करने से पहले ही कोरोना बचाव फंड में 51 हजार रू प्रधानमंत्री और 51 हजार रू मुख्यमंत्री को चैक से भिजवाएं। ये चैक बीकानेर के एडीएम सिटी अरूण प्रकाश शर्मा को  30 अप्रैल 2021 कोभेंट किये गए।

तरुण शर्मा (बीकानेर)और मानसी (रोड़ा नोखा) अपने परिवार के सदस्यों  शांति लाल शर्मा, भोजराज शर्मा, गणेश शर्मा आदि के साथ जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रशासन को चैक भेंट किए।
शांति लाल शर्मा के अनुसार कोरोना महामारी के फैलाव के कारण भवन की बुकिंग रद्द की गई और भोजन पर लगने वाली राशि को कोविड सहायता कोष में जमा करवाई गई है।
स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामनारायण शर्मा की धर्मपत्नी कमला देवी की प्रेरणा से दुल्हा-दुल्हन ने फेरों  से पहले कोविड फण्ड में यह राशि जमा करवाई। केवल एक श्रीफल शगुन के रूप में प्राप्त कर शादी की रस्म रोडा गांव में हुई।

हिन्दू जागरण मंच के जेठानंद व्यास और अधिवक्ता शैलेष गुप्ता इस अवसर पर मौजूद रहे। अधिवक्ता गुप्ता के अनुसार मंच शादी-विवाह समारोह आयोजन वाले परिवारों को इस प्रकार के कार्यो के लिए प्रोत्साहित कर रहा है कि वे शादी-विवाह समारोह में खर्च होने वाली अतिरिक्त राशि कोविड सहायता कोष में जमा करवाए और सामुहिक भोजन आदि के आयोजन न करे, ताकि कोरोना संक्रमण का फैलाव न हो।
तरूण के पिता गणेश शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये दुल्हा दुल्हन द्वारा रूपये भेंट करने की इस पहल की हिन्दु जागरण मंच के जेठानंद व्यास, शैलेष गुप्ता, शांतिलाल शर्मा, भरत शर्मा ने प्रशंसा की है।
इस प्रकार की प्रेरणा से निश्चित रूप में देश में और युवा आगे आएंगे। इस प्रकार की जागृति से निश्चित ही कोरोना का खात्मा होगा और मानव ही नहीं चराचर जगत आनंदित होगा।
* अब कुछ मेरी तरफ से----
स्वतंत्रता सेनानी वैद्य मघाराम और उनकी बहन नानुदेवी ने वर्षों तक बहुत अत्याचार सहन किए मगर दबे नहीं। मघाराम जी के पुत्र रामायण शर्मा ( सारस्वा) भी स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पडे़ थे। अखबार भी निकाला जो जब्त हुआ। शायद नाम क्रांति संदेश था। रामायण जी की धर्मपत्नी आदरणीय कमलादेवी का पीहर सूरतगढ़ है। पीहर के कुनबे में भी काफी लोग हैं।
मेरे स्वामित्व में जब साप्ताहिक भारतजन छपता था तब रामनारायण जी के परिवार की ही मदन प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रण होता था। यह सन 1973-74 की बात है।मतलब आज स 47- 48 पूर्व। मघाराम कालोनी स्थित घर के गुंभारिए ( अंडरग्राउंड) में ट्रेडिल मशीन थी।
रामनारायण जी से मिलना होता। बातचीत राजनीति पर होती। चायपानी नाश्ता भी होता। कमला जी खुद भी चायपानी नाश्ता भोजन का आग्रह करती। ऐसा लगता था कि कोई पराया नहीं।
** दुल्हा दुल्हन का परिचय भी हो जाए*



दूल्हे के माता- पिता संतोष देवी और गणेश कुमार हैं। दादी कमलादेवी हैं। ( दादा रामनारायण और पड़दादा मघाराम दोनों स्वर्गवासी हैं। कमला जी के पीहर सूरतगढ़ में उनके सग्गे भाई महावीर जी हैं। उनका परिवार है। एक भाई दीनदयाल जी स्वर्ग वासी का परिवार है। चचेरे भतीजे नरेन्द्र ओझा,पृथ्वी राज ओझा, बाबूलाल ओझा आदि हैं।इनसे मेरा परिचय है।
दुल्हन मानसी का पीहर रोड़ा ( नोखा) में है। माता पिता का नाम सुंदर देवी व मनोज कुमार जस्सू है। दादा गोपाल राम जी जस्सू हैं।

* स्वतंत्रता सेनानी परिवार में अभी भी पत्रकारिता की धूम है। दो दैनिक समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा है। राजस्थान प्रदीप प्रात:काललीन और राजस्थानी चिराग सांध्यकालीन है।
* आज जब मैं यह प्रेरणा कथा बीकानेर मीडिया, कमला जी के पीहर जनों से मिल कर पेश कर रहा हूं तो मुझे भी गर्व का अनुभव हो रहा है।
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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