रविवार, 14 मार्च 2021

सूरतगढ़ में एडीएम तहसीलदार और राजियासर नायबतहसीलदार पद बहुत समय से खाली.रिपोर्ट

 




* इन 3 पदों का बहुत समय से खाली रहने से सरकार की आलोचना भी हो रही है*

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ में प्रशासनिक राजस्व कार्य अधिकारियों के नहीं होने से सभी कार्य और सरकारी योजनाओं पर विकास ठप है।
सूरतगढ़ को जिला बनाने की मांग हो रही है लेकिन हालात उपखंड जैसे भी नहीं बचे हैं।  सरकार का महत्वपूर्ण विभाग राजस्व प्रशासन माना जाता है जो उच्चाधिकारियों और सचिवालय स्तर की लापरवाही से सूना छोड़ दिया गया है।
* राजनीतिक व्यावसायिक और प्रशासनिक सहित अनेक क्षेत्रों में सूरतगढ़ महत्वपूर्ण स्थान रखता है। श्री गंगानगर जिले का ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र और कोई नहीं है लेकिन फिर भी यहां का राजस्व प्रशासन पूरा ही अनदेखी का शिकार हो रहा है।
सूरतगढ़ में तीन महत्वपूर्ण पद काफी समय से रिक्त पड़े हैं।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर, राजस्व तहसीलदार और टिब्बा क्षेत्र में जनता को सुविधा देने वाला उप तहसील राजियासर का नायब तहसीलदार पद खाली है।
जिला कलेक्टर श्री गंगानगर, संभागीय आयुक्त, प्रभारी सचिव किसी का भी इस ओर ध्यान नहीं है। इससे आम लोगों के सभी प्रकार के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सरकारी योजनाएं भी प्रभावित हो रही है। जिला कलेक्टर हर हफ्ते जिला मुख्यालय पर बैठक करते हैं। जिलाकलेक्टर की ही प्रथम ड्यूटी होती है कि सरकार को सूचित करें।
1- सूरतगढ़ में एडीएम अतिरिक्त जिला कलेक्टर का पद पहले 18 महीने तक रिक्त पड़ा रहा। श्रीगंगानगर के जिला मुख्यालय से एक एडीएम सप्ताह में एक दिन आते और जाते। ऐसे में क्या और कितना काम होता रहा उसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। केवल गिनती के कागजात निकले।
अठारह महीनों की शून्यता के बाद अशोक कुमार मीणा को यहां अतिरिक्त जिला कलेक्टर लगाया गया। वे कुछ महीनों तक रहे और उसके बाद उनका स्थानांतरण श्रीगंगानगर कर दिया गया,तब से यह पद लावारिस हालत में छोड़ा गया है। अब जिला मुख्यालय के एक एडीएम को यहां का कार्य सौंपा हुआ है। वे मुख्यालय पर काम करें या सूरतगढ़ आएं?

2- राजस्व तहसीलदार का पद यहां करीब 2 साल से खाली पड़ा है। नायब तहसीलदार कार्य प्रभारी तहसीलदार बने हुए हैं। इतने काल/ समय तक से पद खाली होना आश्चर्यजनक है।

3- सूरतगढ़ टिब्बा क्षेत्र में राजियासर उप तहसील बनाई गई। पहले उसका कार्यालय नहीं था और सूरतगढ़ से ही काम होता रहा। कार्यालय बना तो कुछ समय ही नायबतहसीलदार की ड्यूटी रही। कोई स्थाईत्व नहीं हो पाया जिससे इलाके की ग्रामीण जनता को पूरा लाभ मिल पाता। अब वहां काफी समय से नायब तहसीलदार का पद खाली पड़ा है और काम ठप हैं। सूरतगढ़ में ये तीनों पद बहुत ही महत्वपूर्ण है।

पूर्व विधायक सरदार हरचंद सिंह सिद्धू ने 13 मार्च को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक महत्वपूर्ण पत्र भिजवाया है जिसमें तीनों पदों को अविलंब भरने की मांग है। यह पत्र 13 मार्च को मेल से मुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। अब देखना है कि उच्च स्तरीय कार्रवाई के बाद इन 3 पदों पर कितनी जल्दी नियुक्ति हो पाती हैं। 00
दि. 14 मार्च 2021.
* करणीदानसिंह राजपूत
स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़. राजस्थान।
94143 81356.
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