ऋण वापस मांगना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं, कोर्ट ने ख़ारिज किया मुकदमा.
* महत्वपूर्ण फैसला है*
7 जनवरी 2021.
* न्यायमूर्ति विनय देशपांडे और न्यायमूर्ति अनिल किलोर की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता रोहित नलवड़े केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा था और उधार लेने वाले प्रमोद चौहान से इसे वसूल करने का प्रयास कर रहा था। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।*
बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी के खिलाफ ऋण चुकाने की मांग करने पर आत्महत्या के लिये उकसाने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी रद्द करते हुये कहा है कि यह कमर्चचारी के कर्तव्य का हिस्सा है। अदालत ने यह भी कहा कि इसे आत्महत्या के लिये उकसाने वाला कृत्य नहीं कहा जा सकता है।
न्यायमूर्ति विनय देशपांडे और न्यायमूर्ति अनिल किलोर की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता रोहित नलवड़े केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा था और उधार लेने वाले प्रमोद चौहान से इसे वसूल करने का प्रयास कर रहा था। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
लोन लेने वाले प्रमोद चौहान ने बाद में आत्महत्या कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में याचिकाकर्ता पर ऋण की वसूली के लिये उसे बार-बार काल करने और परेशान करने का आरोप लगाया था। इस मामले में रोहित नलवड़े के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने वाला) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पीठ ने अपने ताजा आदेश में कहा, “आरोप केवल इस प्रभाव के हैं कि आवेदक (नलवडे) ने बकाया ऋण राशि की मांग की, फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी के नाते यह उसकी नौकरी का हिस्सा था ऋण की वसूली करना उसकी जिम्मेदारी का हिस्सा है।”
पीठ ने कहा कि बकाया ऋण राशि की मांग करने को किसी भी प्रकार से आत्महत्या के लिये उकसाने वाला नहीं कहा जा सकता है। अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रमोद चौहान ने ऋण समझौते के माध्यम से एक नया वाहन खरीदने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड से ऋण लिया था।
8 अगस्त, 2018 को वाशिम के श्रीपुर में दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार फाइनेंस कंपनी ने चौहान को 6,21,000 रुपये का ऋण मंजूर किया था। दोनों पक्षों में यह सहमति हुई थी कि वह चार साल में राशि का प्रति महीने 17,800 रुपये की मासिक किस्तों के माध्यम से भुगतान करेगा। अभियोजन पक्ष ने कहा कि जब चौहान ऋण राशि नहीं चुका सका, तो उसने आत्महत्या कर ली।00
यह ब्लॉग खोजें
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें