मेरा देश बोलता नहीं
मेरा देश देखता नहीं
मेरा देश सुनता नहीं
अजब है मेरा देश
घटनाओं पर घटनाएं
कुछ भी हो जाए
क्या मेरे देश के आँखें नहीं
क्या मेरे देश के कान नहीं
क्या मेरे देश के मुंह नहीं।
अरे। इसका विशाल रूप
ताकत का स्वरूप
कंकाल कैसे हो गया?
सुनते रहे पुरानी कहानियों में
कंकाल भी बोल उठते थे।
क्या मेरे देश में बदलाव आएगा?
क्या कभी वह दिन आएगा
जब मेरा देश देखेगा
जब मेरा देश सुनेगा
जब मेरा देश बोलेगा
मेरे देश के दिल में
मेरे देश के दिमाग में
हलचल मचेगी और
ज्वालामुखी फूटेगा
भ्रष्टाचार के विरूद्व
तानाशाही के विरूद्ध
हर गली हर मोड़ से
क्रांतिकारियों के चौक से
तूफान उठेगा।
ठहर नहीं पाएंगे
भाग जाएंगे
सफेदपोश भ्रष्टाचारी दुराचारी
क्या ऐसा दिन आएगा?
हां,आएगा ऐसा भी दिन
जब चप्पे चप्पे से
भारत मां का जयघोष
और अधिक जोर से गूंजेगा।
जब क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं
स्मारकों से निकल कर
संसद में बैठेंगी
सीमा पर सैनिक बन
दुश्मन को मार भगाएंगी
आएगा जल्दी वह दिन
जब हम और तुम
एक दिल एक जान
एक सोच से
मशाल उठा कर
शक्तिशाली बन जाएंगे
भारत बन जाएंगे।
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रचना 24 जून 2018.
अपडेटेड. 15 फरवरी 2021.
अपडेट. 15 जनवरी 2024.