रविवार, 17 जुलाई 2016

गंगाजल मील ने वसुंधराराजे पर गंभीर आरोप लगाते हुए 2008 में भाजपा छोड़ी:त्यागपत्र देखें:



- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़। कांग्रेसी नेता गंगाजल मील ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भाजपा नेताओं को दर किनार किए जाने,भ्रष्टाचार में लिप्त होने, ललित मोदी को सहयोग देने उसकी बात मानने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए 29 जून 2008 को अपना त्यागपत्र ओम प्रकाश माथुर को भेजा था। सूरतगढ़ में पत्रकार वार्ता आयोजित कर त्यागपत्र की प्रति पत्रकारों को दी गई थी। 


गंगाजल मील पहले कांग्रेस में थे और 15 अक्टूबर 2003 को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। भाजपा की टिकट पर 2003 में पीलीबंगा से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन रामप्रताप कासनिया से पराजित हो गए थे। रामप्रताप कासनिया भी भाजपा के नेता पीलीबंगा से विधानसभा टिकट के प्रबल दावेदार थे और टिकट गंगाजल मील को मिल जाने पर नाराज होकर चुनाव में स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में उतरे और जीते। इसके बाद गंगाजल मील खुद को भाजपा में असहज महसूस करने लगे थे। पीलीबंगा विधानसभा सीट 2008 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई तब वहां से चुनाव लडऩा संभव नहीं था।
मील को कांग्रेस में अपना भविष्य उज्ज्वल नजर आया और उन्होंने वसुंधरा राजे को सीधा निशाना बनाते हुए भाजपा से त्यागत्र दे दिया। कांग्रेस टिकट से 2008 में सूरतगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी कासनिया को तीसरे नम्बर पर धकेल चुनाव जीत गए।
गंगाजल मील ने अपने त्यागपत्र में जो आरोप लगाए थे वे 8 साल बाद भी जाानने की उत्सुकता जनता को है। वसुंधरा राजे की पटरी भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी से नहीं बैठती। मील के त्यागपत्र में यह भी उल्लेख था।
गंगाजल मील ने अपने त्यागपत्र में जो आरोप लगाए उनमें 8 सालों में बदलाव आया है या हालात और जयादा बदतर हो गए हैं? क्या क्या लिखा था वह त्यागपत्र की फोटो में देखें।



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