सोमवार, 6 अक्टूबर 2025

भाजपा कांग्रेस नेताओं के सफाई नाटक. नालियां साफ नहीं करते.

  

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 6 अक्टूबर 2025.

बरसात के पानी का निकास नहीं और नालियों नालों का गंदा पानी सड़कों पर बाजारों में मोहल्लों में फैला है। आवश्यकता है नाले नालियों की साफ सफाई की और ऐसे समय फोटो खिंचवाने को भाजपा के नेता नेतियां लापता है। सेवा पखवाड़ा के नाम पर साफ सड़कों पर झाड़ू लगाते फोटो खिंचवाए और सोशल मीडिया में अपने अपने फेसबुक एकाउंट और ग्रुपों में चलाए। चार पांच के हाथों में सफाई कर्मचारियों की मांगी हुई झाड़ू और पंद्रह बीस खाली हाथ। नाटक करने में किसकी शर्म। पब्लिक को मालुम है कि नाटक कर रहे हैं, सो कर रहे हैं तो फिर शर्म क्यों करें? ऊपर दिखलानी है सो दिखला देंगे। इस सोच से सड़कों की सफाई के दो तीन घंटों के नाटक। 

नाटक बाज नेताओं नेतियों के सामने एक सुझाव दिया गया था कि साफ सुथरी सड़कों पर झाड़ू लगाने के बजाय ईमानदारी से करें तो नाले नालियां साफ करें जो गंदगी से भरे हैं। किसी ने हां नहीं की। आज 6 अक्टूबर 2025 को बरसात का पानी नाले नालियों का गंदा पानी बाजारों मोहल्लों की सड़कों पर फैला हुआ पड़ा है। भाजपा के कांग्रेस के नेता नेतियां एक भी सफाई करने नहीं पहुंचे, जबकि नाले नालियां साफ करते तो यह काम सराहा जाता।

👌 विधायक डुंगरराम गेदर ने सड़कें, उपजिला चिकित्सालय में सफाई की लेकिन नाले नालियों की सफाई से दूर रहे। कांग्रेस नाले नालियां साफ की शुरुआत कर देती तो नाक बचाने को भाजपा नेता नेतियों को भी नाले नालियां साफ करना जरूरी हो जाता, वैसे भी कांग्रेस के सफाई करने के बाद भाजपा ने सड़क सफाई का नाटक किया जिसमें बहुत सीमित संख्या बीस पच्चीस ही चेहरे दिखाई दिए।

 खैर ! भाजपा की प्रदेश में सरकार है सो काम तो भाजपा को नगरपालिका के माध्यम से कराने की शक्ति होनी चाहिए। लेकिन सफाई का नाटक शहर के निवासी तो देख ही रहे हैं। भाजपाई अपने अपने मन को संमझालें खुश हो लें कि फाईल बना रहे हैं जो विधानसभा की टिकट में सहायक होगी। ये फोटो देखेगा कौन? भाजपा की टिकट मिलना आसान नहीं और सफाई कलाकारों को मिलेगा भी नहीं। समझलेना चाहिए कि टिकट वितरण भी बड़ा नाटक है जिसमें झाड़ू लगाने वालों को तो मामूली रोल भी नहीं मिलता। अब जनता भी नाटक समझती है और कार्यकर्ता भी समझते हैं सो साथ में खड़े होकर फोटो खिंचवाना भी पसंद नहीं करते। नाटक में फोटो खिंचवाना अपनी तौहीन समझते हैं। कार्यकर्ताओं को मालुम है कि उनकी फोटो का यूज होगा इसलिए वे भी दूर हैं।( फोटो नाटक करने वालों के नाम नहीं लिखे गये। उनके चेहरे लोगों ने देखें हैं सो याद ही हैं)०0०

करणीदानसिंह राजपूत.

पत्रकार,

( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.






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