* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 23 मार्च 2025.
संदीप कासनिया के प्रबंधन से संबंधित बताए जा रहे विवेकानंद पब्लिक सेकेंडरी स्कूल (जाखड़ावाली) को सूरतगढ़ में भूमि आवंटन के प्रकरण में राजस्थान उच्च न्यायालय डबल बैंच ने 12 मार्च 2025 को स्थगन यथा स्थिति बनाए रखने का दिया है। उच्च न्यायालय डबल बैंच में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
* उच्च न्यायालय डबल बेंच में नगर पालिका के पूर्व पार्षद अध्यक्ष परसराम भाटिया, पूर्व पार्षद श्रीमती तुलसी असवानी और पूर्व पार्षद बसंतकुमार बोहरा की ओर से याचिका संख्या 4862/2025 पेश की गई थी। माननीय न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी और चन्द्र प्रकाश श्रीमाली ने स्थगन आदेश जारी किया है।
इस याचिका में राजस्थान सरकार मारफत सचिव,स्वास्थ्य शासन विभाग के निदेशक, नगर पालिका सूरतगढ़ के अधिशासी अधिकारी,नगर पालिका सूरतगढ़ के अधिशासी अभियंता और विवेकानंद पब्लिक स्कूल प्रबंध समिति जाखड़ा वाली के अध्यक्ष को प्रतिपक्ष बनाया गया है। पेटीशनर की ओर से एडवोकेट संजीत पुरोहित और एडवोकेट मुदित नागपाल ने पैरवी की।
* सूरतगढ़ के विधायक डूंगर राम गेदर और कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष भाटिया की ओर से आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में न्यायालय आदेश की प्रति और एक प्रेस नोट जारी किया गया। आरोप लगाया गया कि करोड़ों रुपए की भूमि हड़पने के लिए नगर पालिका की 28 अगस्त 2024 की बैठक के अंदर भूमि आवंटन किए जाने संबंधी प्रस्ताव संख्या 7 को अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा और अधिशासी अधिकारी पूजा शर्मा और पार्षदों ने मिलकर पारित किया।
* इस संबंध में पत्रकारों की ओर से प्रश्न भी किए गए। इस प्रस्ताव बाबत विरोध करने के लिए कांग्रेस ने अपने पार्षदों के लिए व्हिप जारी की थी जिसका उलंघन कर कुछ पार्षद बैठक में उपस्थित नहीं हुए, उनको नोटिस दिए गए फिर क्या हुआ? गेदर ने कहा कि कार्रवाई होती तब तक बोर्ड का कार्यकाल पूरा हो गया।( हालांकि व्हिप का उलंघन करने और नोटिस का जवाब भी नहीं देने पर उनका पार्टी से निष्कासन किया जा सकता था।) गेदर को विश्वास है कि आगे कांग्रेस का बोर्ड बनेगा सो गेदर ने प्रेस से कहा कि आगे नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनेगा तब यह प्रस्ताव रद्द करवाएंगे, यह जमीन इनको लेने नहीं देंगे।
*स्कूल भूमि का प्रस्ताव पारित कराने में आरोपी अधिकारी पूजा शर्मा के विरुद्ध कांग्रेस की चुप्पी पर भी प्रश्न किये गये।
*एक प्रश्न यह भी था कि शहर की अव्यवस्था, नगरपालिका के मामलों में शहर कांग्रेस ने पांच सालों में कभी एक पत्र तक विरोध में शिकायत में नहीं लिखा।०0०
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