सूरतगढ़:बिना मंजूरी गैस प्लांट निर्माण:अब स्वीकृति असंभव.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 16 जनवरी 2025.
नगरपालिका की स्वीकृति बिना,कृषि भूमि का व्यावसायिक उपयोग रूपांतरण बिना आबादी के बीच नगरपालिका के वार्ड नं 38 में अवैध बनाए जा रहे रिलायंस गैस प्लांट को अब विरोध उठने के बीच स्वीकृति देकर कोई भी नौकरी को खतरे में डाल और कानूनी चक्करों में उलझना नहीं चाहेगा। नगरपालिका में तो कंपनी का कोई आवेदन तक नहीं है और नगरपालिका ने स्वीकृति हो तो पेश करने नहीं तो काम बंद करने का नोटिस दे दिया है। अभी तो भूमि संबंधी कई प्रक्रियाएं ही पूरी नहीं हुई हैं जो आवेदन के साथ नगरपालिका में प्रस्तुत करनी जरूरी होती है।
* अवैध निर्माण का विरोध और कार्य बंद कराने बिजली पानी कनेक्शन काटने तक की मांग विधायक स्तर से उठ चुकी है और जनता के लिए खतरा होने तथा जन आंदोलन की चेतावनी दी जा चुकी है तब ऐसी स्थिति में नगरपालिका से स्वीकृति नहीं मिल सकती और किसी भी स्तर से स्वीकृति देने का आधिकारिक आदेश भी नहीं हो सकता। ये सभी अब असंभव हो गये हैं। कोई भी अधिकारी इस जलती आग में खुद को क्यों झोंकेगा? प्लांट निर्माता अब भागदौड़ कर रहे हैं और अब आबादी नजर आए लेकिन इसमें अब कोई सुधार नहीं हो सकता और जनता की मांग ही पूरी करनी होगी कि प्लांट लगाना है तो आबादी क्षेत्र से दूर हो,जिसका सीधा सादा अर्थ यही होता है कि यहां आबादी में जनता अब आगे काम नहीं करने देगी। प्लांट का निर्माण यहां से हटाना ही पड़ेगा। जनता के विरोध और बिना स्वीकृति अवैध निर्माण को मुख्यमंत्री और सरकार भी छूट नहीं दे सकती।
* नगरीय क्षेत्र में नगरपालिका अधिशासी अधिकारी अब इसकी स्वीकृति क्यों देकर उलझेगी?उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ जो अब नगरपालिका प्रशासक भी है,अतिरिक्त जिला कलेक्टर सूरतगढ़ जिलाकलेक्टर श्रीगंगानगर में से कोई भी अब स्वीकृति संबंधी आदेश निर्देश जारी कर खतरे में फंसना नहीं चाहेगा?
* अब लोगों का विरोध बढ रहा है।
* नगरपालिका क्षेत्र में बिना स्वीकृति के छोटे से निर्माण पर कार्यवाही हो जाती है और जेसीबी से अवैध निर्माण तोड़ दिया जाता है तब यहां इस बड़े बिना मंजूरी के निर्माण पर कार्यवाही नहीं की गई। जिलाकलेक्टर को स्वयं या स्थानीय प्रशासन अतिरिक्त जिला कलेक्टर सूरतगढ़ के माध्यम से फौरन जांच करवा कर जिम्मेदारी तय करनी होगी कि यह सब किसकी लापरवाही से हुआ जिसके लिए जनता विरोध में उठ रही है?