शनिवार, 9 नवंबर 2024

पीएम सीएम के नाम वोट मांगना, कितना काम पड़ता है इनसे आम जनता का?

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

कोई भी चुनाव हो पीएम सीएम के नाम पर चुनावी सभाओं और हर गली घर में वोट मांगे जाते हैं। 

कोई पार्टी नेता बताएगा कि आम आदमी का पीएम सीएम से कितना काम पड़ता है?जनता के काम धरातल पर स्थानीय होते हैं जो कोई भी नेता पदाधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता करवाने में सहायता नहीं करता। यहां तक कि एक दम सही काम के लिए भी कोई साथ नहीं देता। जिसका काम होता है उसी को कार्यालयों में भागदौड़ करनी पड़ती है। बिना पैसे बिना रिश्वत के काम नहीं होता। इस घिनौनी प्रणाली का बखान भी बड़ी शान से होता है मानों कोई बहुत बड़ी सफलता हुई हो,मिली हो। जिसका काम होता है उसे तो मजबूरी में किसी भी प्रक्रिया से करवाना होता है,मगर कोई दूसरा इस रिश्वत प्रक्रिया पर पार्टी नेताओं से प्रश्न नहीं करता, लांछित नहीं करता। यह बहुत गंभीर सोचनीय विषय है।

* चुनाव में जो पार्टी नेता काम होने पर रात में भी हाजिर होने का वचन देते हैं सभाओं में आम घोषणा करते हैं, वे काम पड़ने पर दिन में भी नहीं मिलते। मिल जाते हैं तो आज टाईम नहीं का कहते हैं। जिसे उसी दिन ही जरूरत हो तो नेताजी का यह उत्तर मार देता है और रिश्वतखोरी को जगा देती है। 

* इस विषय पर विचार करना कि पीएम सीएम से कितने लोगों का काम पड़ता है और जिनका स्थानीय स्तर धरातल पर काम होता है उन जरूरतमंदों की कितनी दुर्दशा होती है?

9 नवंबर 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता का 61 वां वर्ष,

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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