सूरतगढ:लायब्रेरियों में स्टुडेंट्स की जान का जोखिम.
* करणीदानसिंह राजपूत *-
सूरतगढ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आने वाले स्टूडेंट्स और अभिभावक जान लें कि स्टुडेंट्स दो बड़े खतरों में है जिनमें जान की जोखिम है।
*हास्टलों के आसपास व स्टुडेंट्स में नशा फैलने के समाचारों के बाद लायब्रेरियों में कोई सुरक्षा नहीं है। कोचिंग सेंटरों और पी.जी.हास्टलों के
संचालक यहां आने वाले स्टुडेंट्स से केवल अच्छी कमाई करने में जुटे हैं तथा स्टुडेंट्स की जान की कोई परवाह नहीं है।कोचिंग सेंटरों व लायब्रेरियों में आग पानी की दुर्घटना के वक्त सुरक्षा और बचाव के लिए न अग्नि शमन के उपकरण है न दूसरा रास्ता है। जो कोचिंग सेंटर व लायब्रेरियां अंडरग्राउंड और पहली दूसरी मंजिल पर हैं वे तो पूरी तरह से असुरक्षित हैं। अनेक के एक गेट है और वह भी संकरा है।आग लग जाए तो बाहर निकलना असंभव।
* प्रशासन जागे लेकिन इन परिस्थितियों में अभिभावकों का जागना जरूरी है। सस्ते के नाम से प्रचार है लेकिन एक बार में कक्षा में क्षमता से अधिक बैठाए जाने पर किसी का ध्यान नहीं कि दुर्घटना के समय यह भी बड़ा कारण सामने आता है। कितने स्टुडेंट्स एकदम से दुर्घटना के समय निकल सकते हैं।
* प्रशासन निरीक्षण के वक्त अग्नि से बचाव के उपकरण,बचाव के रास्ते और क्षमता की जांच भी करे। यदि खामियां हैं तो उनको दूर करने तक के दिनों में कोचिंग सेंटरों, पी.जी.हास्टलों व लायब्रेरियों को बंद करवाए।
10 अगस्त 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार ( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ ( राजस्थान)
94143 81356.
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