विवेकानंद स्कूलजमीन का विधायक का विरोध राजनैतिक.कड़वा सच्च.
* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ 26 अगस्त 2024.
कांग्रेस से विधायक डुंगरराम गेदर, कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष पार्षद परसराम भाटिया, बलराम वर्मा और पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादु बोले। कहा कि 28 अगस्त की नगरपालिका बैठक में विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली को जमीन दिए जाने वाला प्रस्ताव पारित नहीं होने देंगे। कांग्रेस के पार्षद इसका विरोध करेंगे।
* विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली जमीन की कीमत सन् 1997 में भर चुका है। मंडी समिति ने पहले जमीन दी फिर दूसरी जगह तय की। मंडी समिति रहती तो उसे जमीन देनी ही पड़ती। मंडी समिति के अधिकार नगरपालिका को मिल गये इसलिए नगरपालिका जमीन देने को बाध्य है। अब यह हकहकूक की बात हो गई है।
** विवेकानंद पब्लिक स्कूल जाखड़ावाली को जमीन दे दी जानी थी। उसे जमीन देने का वचन बद्ध दायित्व भार नगरपालिका का है और वह पूरा किये जाने के लिए बाध्य है।
*** धानमंडी और आवासन मंडल के बीच में जमीन है।
* विरोधी पक्ष के कहने में दो बिंदु है जिसमें एक बिंदु को दूसरा बिंदु काटता है और वह दूसरा बिंदु अभी प्रशासनिक रूप से मंजूर नहीं है।
एक बिंदु है कि भविष्य में धान मंडी विस्तार के लिए जगह खाली है। हवाला देते हैं कि नगरपालिका ने उक्त जमीन को शिक्षा कार्य के लिए भूखंड नीलाम करने का प्रस्ताव नगर नियोजक को भेजा हुआ है जो अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है। इस तरह से खाली पड़ी जमीन विवेकानंद स्कूल को दी जा सकती है।
👍 धान मंडी विस्तार के लिए जमीन छोड़ी हुई है तब वहां शिक्षा के लिए भूखंड नीलामी का प्रस्ताव नगरनियोजक को भिजवाया गया तब इसका कोई विरोध क्यों नहीं किया गया?
* धान मंडी को स्थापित हुए 30 साल के करीब हो गये। अभी तक विस्तार की जरूरत नहीं हुई। धानमंडी वर्तमान क्षेत्र भी काफी खाली पड़ा है। अभी तो कुछ दुकानें निर्माण ही नहीं हुई है। धान मंडी विस्तार की जरूरत होती तो पहले सारी दुकानें तो बनें फिर अभी चल रही खाली पड़ी जमीन में विस्तार हो। इसके अलावा धानमंडी में धान के व्यापार के लिए अभी बहुत दुकानें हैं जिनमें अन्य व्यापार हो रहे हैं। जरूरत होती है तो इन दुकानों में धान व्यापार शुरू कराया जा सकता है।
* सूरतगढ में जो स्थिति है उसमें विस्तार की ही जरूरत नहीं है। तहसील के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में धानमंडियां बनने लगी है तो सूरतगढ में अब जरूरत ही नहीं रही है।
* धानमंडी के पश्चिम में विस्तार का जो बिंदु है वह तो एकदम खत्म हो चुका है। धानमंडी वर्तमान की चारदीवारी बन चुकी है और उसके ठीक पीछे टैक्सी स्टैंड बन चुका है। टैक्सी स्टैंड का किसी ने विरोध नहीं किया। अब टैक्सी स्टैंड बीच में रखते हुए धानमंडी का विस्तार कैसे होगा? जवाब होगा कि विस्तार नहीं हो सकता।
* चूंकि जमीन शिक्षा के लिए कोचिंग लायब्रेरियों आदि के लिए प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा हुआ है जो अभी मंजूर नहीं हुआ है सो इस स्थिति में विवेकानंद माडल स्कूल को उक्त जमीन आवंटित हो सकती है जिसके लिए 1997 में कीमत भरा दी गई। कांग्रेस के विधायक डुंगरराम गेदर और पार्षद परसराम भाटिया का विरोध तथ्यात्मक नहीं बल्कि राजनैतिक विरोध है जिसके सफल होने की कोई उम्मीद नहीं है। शहर के विकास और नगरपालिका को नुकसान नहीं हो की भाषणबाजी करने वाले विधायक डुंगरराम राम गेदर ईमानदारी से बात करें तो परसराम भाटिया का अध्यक्ष काल देखें और जांच करें जिसमें नगरपालिका की जमीनें फर्जी पट्टों में लुटाई गई। पंप हाऊस जमीन कीमत करीब 50 लाख मुफ्त में दे दी गई। इसका तो सिटी थाने में मुकदमा भी हो गया है। शिक्षा अधिकारी नरेश रिणवा को लाखों की जमीन उसकी पत्नी को अवैध रूप से पट्टे में दे दी गई और बहुत कुछ मामले हैं जिनमें नगरपालिका कोष को जानते बूझते लाखों रूपयों की हानि पहुंचाई गई है,मामले खुल रहे हैं।०0०