भाजपा में व्यक्तिवाद से पनपती तानाशाही. अपने संविधान से चले भाजपा.
* करणीदानसिंह राजपूत *
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👍 राष्ट्र के वर्तमान दिग्गज नेताओं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथसिंह व गृहमंत्री अमित शाह को इस पर वर्तमान में सोच समझ लेना चाहिए नहीं तो यह निर्णय जनता तो करेगी ही।👌
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भारतीय जनता पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को पार्टी के संविधान के बारे में मालुम ही नहीं है कि पार्टी उसके आधार पर चलाई जाती है।उसने तो पदाधिकारियों मंडलों से शीर्ष तक मनोनीत ही देखें हैं। हर स्तर पर मनोनीत पदाधिकारियों की मनमर्जी चलती है। मनोनीत पद्धति की गलत नीति करीब 40 साल पहले कांंग्रेस में शुरू हुई और उससे कांग्रेस की दुर्दशा हुई जो सारा देश देख रहा है। पदों पर जमे रहने के लिए नेताओं ने यह गलत पद्धति भाजपा में भी बीस पच्चीस साल पहले से अपना ली। केंद्रीय नेता अपने चहेते नेताओं को राज्य स्तर पर और राज्य वाले जिला स्तर पर मंडल स्तर पर मनोनीत करने लगे। अब ये मनोनीत पदाधिकारी अपनी मन मर्जी से ही काम करते हैं। अब सामान्य कार्यकर्ता को कोई काम पड़ जाए तो नहीं कराते। ऐसी दुर्दशा में आम जनता के आदमी का काम होने का सोचना ही गलत होता है।
👌 पहले व्यक्ति के नाम को बढावा नहीं होता न उसके नाम पर काम होता, सब पार्टी के नाम पर होता था। सत्ता में पार्टी होती तब सब काम नीतियां पार्टी के नाम से प्रचारित होते। व्यक्ति का नाम नहीं होता। सीएम पीएम के नाम नहीं होते। जब सत्ता से बाहर होते तब अपील की जाती थी कि सत्ता में आने पर पार्टी ये काम करेगी ये नीतियां लागू करेगी। किसी व्यक्ति के नाम पर काम व योजना की गारंटी प्रचारित नहीं होती थी। भाषाओं में हम आएंगे तो ये काम करेंगे कहा जाता था।
👌कोई भी नेता प्रधानमंत्री अपने नाम से गारंटी की घोषणा नहीं करता था।
* अब पार्टी एकाधिकार की ओर बढादी गई है।अब एक व्यक्ति के लिए काम करो। कार्यकर्ता को संविधान का मालुम ही नहीं सो वह सिखाया हुआ नारा लगा रहा है।
** अंततोगत्वा यह रसातल में जाने के लक्षण हैं खत्म होने की नीति है। वसुधैव कुटुम्बकम की नीति छोड़कर एकाधिकार की नीति प्रजातंत्र में चलाना घातक ही होगा। अब बादशाहों सम्राटों का युग नहीं है कि उस रूप में दिल्ली में बैठ राज कर सकें। अब देश ही नहीं संसार देखता है। अच्छा होगा कि भाजपा हर स्तर पर अपने संविधान के अनुरूप ही चले।
👌 राष्ट्र के वर्तमान दिग्गज नेताओं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथसिंह व गृहमंत्री अमित शाह को इस पर वर्तमान में सोच समझ लेना चाहिए नहीं तो यह निर्णय जनता तो करेगी ही।०0०
28 अप्रैल 2024.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकारिता 60 वर्ष,
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
94143 81356.
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