* करणीदानसिंह राजपूत *
* विकास गर्ग सूरतगढ़ राजकीय महाविद्यालय में संविदा पर पढाते रहे और बीएड में संगरिया में करीब 7 माह हाजिरी लगती रही। हाजिरी 2004 में लगती रही। इस फर्जीवाड़े से तैयार दस्तावेज से परीक्षा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय से 2005 में दी गई और सी.सै.विद्यालय में स्कूली लैक्चरार लगे तथा करीब 80 लाख रू.का भुगतान उठाया जबकि इसके पात्र नहीं थे। यह फर्जीवाड़ा सूरतगढ़ से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक "ब्लास्ट की आवाज" में भी छपा।आर ए एस की परीक्षा बाद में दी थी और उतीर्ण होने पर नौकरी लगने के बाद जब यह मामला उजागर हुआ तब विकास गर्ग से नाम बदला और अवि गर्ग रख लिया। विकास गर्ग नाम था उस समय भी अवि के नाम से मोबाइल सिम ले रखी थी। अविगर्ग अभी स्वायत्त शासन विभाग में बीकानेर में उपनिदेशक पोस्ट पर नियुक्त हैं। सेठ रामदयाल राठी सी.सै. स्कूल सूरतगढ़ में लैक्चरार रहे। आर ए एस पोस्ट पर संगरिया हनुमानगढ़ पीलीबंगा में रहे।
* अब थानेदारों के पकड़े जाने के बाद लग रहा है कि यह भ्रष्टाचार भी जांच के दायरे में आएगा।
5 मार्च 2024.
* करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार,
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
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