बुधवार, 4 अक्तूबर 2023

सूरतगढ का उत्तरी आवासीय क्षेत्र निवासी और राजनीतिक सफलताएं दूर.

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

भव्य नामी आवासीय क्षेत्र में निवास करने की चाह होती है लेकिन वहां निवास करने वालों को ऐसा संयोग नहीं मिल पाता कि वे जनप्रतिनिधि बन सकें। राजनैतिक पार्टियों में होते हुए भी वे असफल रह जाते हैं। सार्वजनिक मुद्दों पर सालों तक संघर्ष और समाजोत्थान के कार्य व जनता साथ होते हुए भी राजनीति में हाथपांव चलाते रह जाते हैं। ऊंचे संपर्क होते हुए भी आशाओं पर पानी फिर जाता है। मान सम्मान होता है लेकिन राज में हिस्सा नहीं बन पाते। मेल मिलाप ऊंचे संपर्क जानकारियां सिफारिशें काम नहीं करती।

चुनाव के लिए पार्टी से टिकट की चाहत पूरी नहीं हो पाती। टिकट मिल जाए तो जीत नहीं हो  पाती। 

जैसा खाए अन्न वैसा हो जाए मन कहावत सभी जानते हैं। बस यही बात निवास पर भी लागू होती है। किस आबोहवा में कंटीले झाड़ों में रहते हैं?

क्या आवासीय क्षेत्र विवादों वाला परेशानियों वाला है। जोहड़ पायतन,बीड़ छोड़े गए ओरण जंगल का क्षेत्र रहा हुआ है। प्रकृति के अनुकूल छोड़े गये क्षेत्र को छेड़छाड़ से परिवर्तन कर आदमी जो बदलाव करता है उसमें प्राकृतिक बदलाव नहीं हो पाते। वे महान शक्ति के पास रहते हैं। 

* लाखों करोड़ों रूपये धनबल से वहां निवास तो कर सकते हैं लेकिन राजनीतिक पद टिकट आदि किसी अन्य के पास होती है और वह मिल नहीं पाती। कंटीला क्षेत्र होगा तो कांटे चुभते रहेंगे।

* लोग जब मकान के लिए भूखंड खरीदते हैं तो पहले मालुम करते हैं कि क्षेत्र और स्थान किस प्रकार का है। वर्षों तक सफलता नहीं मिले तो उसे प्रमाण मानना चाहिए। राजनीति करने वाले मनन करें कि विवादित क्षेत्र में रहने से क्या लाभ मिला, कितना मिला और सफलताओं से दूर रहे तो क्यों रहे? भाग्य कैसा है? यह भी होना चाहिए।राजनीति में सबकुछ होते आगे नहीं बढ रहे सफलता नहीं मिल रही तो समय रहते अपना निवास बदल कर देखना चाहिए।

4 अक्टूबर 2023.

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