सोमवार, 2 अक्तूबर 2023

राजस्थान में नये जिलों की अब कोई संभावना नहीं:गहलोत के आश्वासन अर्थहीन हो गये.

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 मार्च 2023 को 19 नये जिलों की घोषणा में कुछ जिले बनाए जाने वाले महत्वपूर्ण स्थानों को सब जानकारियां होते हुए भी जिले बनाने से टाल दिया गया। सूरतगढ को राजनीतिक कारणों से टाला गया। राजनीतिक नेताओं की कमजोरी और शून्य गतिविधियों से यह हालत हुई। कांंग्रेस के नेता चाहते तो कुछ ताकत मिलती लेकिन वे चुप रहे। उन्होंने जनता का तो खोया लेकिन अपना भी जो खोया है वह विधानसभा सभा चुनाव में मालुम होगा और उनको प्रतिफल निश्चित मिलेगा।*

* सुजानगढ़ भी महत्वपूर्ण स्थान है जो जिला बनने की घोषणा में शामिल नहीं किया गया। सुजानगढ़ के लोग भी बहुत आशा कर रहे थे। 

सूरतगढ और सुजानगढ़ के लोगों ने आंदोलन किए। अभी भी लोग संघर्ष कर रहे हैं।

* सूरतगढ में तो अभी दो स्थानों पर धरना चल रहा है। महाराणा प्रताप चौक पर प्रताप की प्रतिमा के आगे और उपखंड कार्यालय के आगे धरने चल रहे हैं और प्रदर्शन भी होते हैं। 

👍 और नये जिले बनाए जाने के आश्वासन 

 थोथे हो गये हैं।

**  सूरतगढ जिले के लिए आमरण अनशन और अन्न त्याग अनशन करने वाली पूजा छाबड़ा को आश्वासन दिया था कि और नये जिले बने तो सूरतगढ सबसे प्रथम होगा। यह कहते हुए अशोक गहलोत ने पूजा को अपने हाथों से जूस पिलाकर उसका अनशन खत्म करवाया था। मुख्यमंत्री निवास पर यह अनशन खत्म करवाया था। पूजा छाबड़ा से सितंबर के प्रथम सप्ताह में सूरतगढ जिला बने पर विशेष बिंदु पर विचार मांगे गये। आखिर अशोक गहलोत क्या कर रहे थे? आश्वासनों पर घात!

* अब निर्वाचन आयोग की विधानसभा चुनाव 2023 की घोषणा पांच दस दिनों में होने वाली है। उसके साथ ही चुनाव आचार संहिता लग जाएगी और सब बंद हो जाएगा।

* और नये जिलों की घोषणा भी इस सरकार में  और अशोक गहलोत के आश्वासनों में खत्म हो जाएगी।

👍 अशोक गहलोत ने जानबूझकर भी यह किया। 

👍 सूरतगढ को जिला बनाने की मांग सन् 1970 से चल रही थी। सन् 1978 से गठित होती गयी हर जिला बनाने वाली समिति में ज्ञापन और तथ्य दिए गये। अशोक गहलोत को और उनके द्वारा गठित रामलुभाया समिति को भी सब दिया गया। सूरतगढ की मांग तो 50 सालों से चल रही थी।

👍 मुख्यमंत्री ने जो किया उस नीति के नाते अशोक गहलोत को सच्चा व्यक्ति नहीं लिखा जा सकता। सरकार वापसी के लिए की गयी घोषणाएं भी चुनाव में धूल में मिलेंगी और चुनाव परिणाम में यह सामने आएगा.०0०

महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री जयंती.

2 अक्टूबर 2023.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

( पत्रकारिता के 59 साल )

सूरतगढ ( राजस्थान)

94143 81356

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