* करणीदानसिंह राजपूत *
भाजपा संकल्प परिवर्तन संकल्प यात्रा से से मालूम होने लगा कि प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में भाजपा टुकड़े-टुकड़े है। हर विधानसभा क्षेत्र में 10 से 15 ग्रुप है। जो भाजपा एक होने का दावा कर रही है उसका अंदरुनी हाल परिवर्तन संकल्प यात्रा से जग जाहिर हुआ है।
* यह परिवर्तन यात्रा प्रदेश में चार स्थानों से क्यों निकालनी पड़ी? भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन उनको पता है कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी टुकड़ों टुकड़ों में बंटी हुई है।
नरेंद्र मोदी का चेहरा भारतीय जनता पार्टी को जिताने वाला होता तो अनेक राज्यों में मार नहीं खानी पड़ती।
राजस्थान में 2018 के चुनाव में वसुंधरा राजे को ठुकराते हुए चुनाव लड़ा गया था और उसका परिणाम आया। राजस्थान में बीजेपी हारी और कांग्रेस जीत गई।
इतना बड़ा प्रदेश मोदी के नाम से भाजपा जीत पाई।
मोदी के चेहरे से जहां चुनाव लड़े गए वहां पर भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह से मार खाकर सत्ता से बाहर हो गई या सत्ता तक पहुंची ही नहीं पाई।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की राजनीति को कुचलने के अनेक प्रयास हुए लेकिन उसकी राजनीति जनता पर हावी रही और भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। दिल्ली महा नगर निगम के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी की हार हुई।
* पश्चिम बंगाल जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य वहीं रहकर लगातार ममता बनर्जी को कोसते रहे। उसकी खिल्ली उड़ाते रहे,लेकिन वहां पर भारतीय जनता पार्टी जीती नहीं। नरेंद्र मोदी का चेहरा विजय नहीं दिला पाया। बहुत बुरी हार पश्चिम बंगाल में हुई।
पंजाब में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने सत्ता प्राप्त कर ली। पंजाब में मोदी का चेहरा और भाषण फेल हो गये।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने सत्ता प्राप्त कर ली। नरेंद्र मोदी का चेहरा विजय श्री नहीं दिला पाया। कर्नाटक में नरेंद्र मोदी विजय श्री नहीं दिला पाए।
अब राजस्थान जैसे बड़े प्रदेश में 2023 में चुनाव होने वाले हैं।अन्य प्रदेशों में भी है।
*भारतीय जनता पार्टी को अपनी स्थिति का पता है।
भाजपा हाईकमान ने जिद पकड़ ली है कि मोदी के चेहरे से ही राजस्थान में चुनाव लड़ा जाएगा लेकिन यह भी मालूम है कि हालात ऐसे हैं कि भारतीय जनता पार्टी अकेले मोदी के चेहरे से जीत नहीं सकती।
इसलिए अब परिवर्तन संकल्प यात्रा चार स्थानों से निकाली गई है जो 200 विधानसभा क्षेत्रों में घूमेगी।
** यहां पर एक स्थिति स्पष्ट हो रही है कि जहां-जहां से अभी तक परिवर्तन संकल्प यात्रा गुजरी है वहां पृ भीड़ अनुमान से कम ही रही है।
जहां पर स्वागत हुए हैं वहां स्वागत स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही अधिकांश है,कोई आम जनता पांच या 10% ही है बाकी सब भाजपा के ही कार्यकर्ता ही मौजूद रहे हैं।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-तीन स्थानों पर भीड़ एकत्रित की जा सकती थी लेकिन हर विधानसभा क्षेत्र में जितने टिकटार्थी हैं उतने ही स्थानों पर स्वागत हुए हैं। जहां पर भीड़ बहुत कम देखी गई है। भीड़ बंट गई।
👍 इस स्थिति से यह तो सामने आया है कि हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा 10 या 15 टुकड़ों में बंटी हुई है। यह भी जग जाहिर हो गया कि भाजपा के मौजूदा विधायकों से कार्यकर्ता औऋ जनता खुश नहीं है। मौजूदा विधायक केवल दो ढाई हजार की ही भीड़ दिखाए तो उसकी तो साफ हो ही गयी। जब वह पांच हजार आदमी ही नहीं दिखा पाया तो फिर टिकट के दावे और मिल पाने की हालत छलनी बनी है जिसमें पानी नहीं टिके तो फिर टिकट पाने की पावर ही नहीं।
भाजपा बहुत आसानी से कहती है कि सरकार बदल देगी। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आएगी लेकिन हालात देखते हुए यह बहुत आसान लगता नहीं है। राजस्थान में प्रमुख रूप से भाजपा और कांग्रेस की टक्कर ही होगी। भाजपा बहुत बड़ी गलतफहमी में है कि नरेंद्र मोदी के चेहरे से वह चुनाव जीत जाएगी।
👍 नरेंद्र मोदी के चेहरे से प्यार करने वाले लोग हैं तो यहां पर नरेंद्र मोदी के चेहरे का तिरस्कार करने वाले लोग भी मौजूद हैं।
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को संभल कर चलने की जरूरत है।
कांग्रेस पार्टी ने साढे चार साल में कुछ नहीं किया,अपराध बढ़े। यह आरोफ भारतीय जनता पार्टी के नेता लगते रहे हैं लेकिन साढे चार साल में भारतीय जनता पार्टी ने भी कुछ नहीं किया। यह भी जनता को मालूम है।
* भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार जनता को विभिन्न तरीके से महंगाई बढ़ाकर परेशान करती रही है। यह आम जनता को मालूम है इसलिए 2023 का चुनाव राजस्थान में कोई जरूरी नहीं है कि डंके की चोट पर भारतीय जनता पार्टी जीत करके आ जाए। जनता भाजपा से भी दूरी पर है यह दूरी खत्म करने के लिए जनता की गर्ज पड़ी है। यह है सच्च जिसके कारण परिवर्तन संकल्प यात्राएं निकालनी पड़ी है। अब कार्यकर्ताओं को पूछा जाने लगा है लेकिन अभी भी अकड़ू विधायक और नेता तथा पदाधिकारी हैं जिनके व्यवहार से भाजपा की आसान जीत पर खतरा है।०0०
कृष्ण जन्माष्टमी 7 सितंबर 2023.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार
( राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ ( राजस्थान )
94143 81356.
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