सोमवार, 13 मार्च 2023

सूरतगढ़ः नगरपालिका अध्यक्षओमप्रकाश कालवा का क्या होगा?

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

लोगों को यह जानने की बड़ी उत्सुकता है कि कालवा का अब क्या होगा? मेरे से पूछा गया सो मैंने ही पूछने वालों को उत्तर भी दिए। मेरा उत्तर 'अभी तो कुछ नहीं हो रहा' से लगा कि वे इस उत्तर से खुश नहीं हुए। लोगों के चेहरों से लगा कि वे आज कल में कुछ हो जाने का उत्तर मुझसे सुनना चाहते थे।

कालवा के विरुद्ध सीवरेज घोटाले भुगतान का मुकदमा करने वाले पूर्व पालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल के पास जयपुर जाने और जांच कार्यवाही तेजी से कराने के लिए जयपुर में टिकने का समय नहीं है। फाईल सीआईडी सीबी में पड़ी है। सूरतगढ़ में सुभाष चौक पर ओमप्रकाश कालवा हटाओ धरना लगातार जारी है जिसे 50 दिन बीत गये। अमित कल्याणा धरने पर हैं। चार पांच और लोग होते हैं। अमित कल्याणा के साथ दस पंद्रह लोग भी नहीं बैठते।

* पूर्व विधायक गंगाजल मील हेतराम मील हनुमान मील के पास भी जयपुर में कार्यवाही करवाने के लिए वहां जाने और टिकने के लिए

समय नहीं है। असल में कालवा ने चोट तो मील के अहम् पर ही मारी। कांग्रेस को छोड़ कालवा भाजपा में घुस गया। इसके बाद  भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया की 12 मार्च 2023 की पत्रकार वार्ता में विधायक रामप्रताप कासनिया और ओमप्रकाश कालवा ने मील ग्रुप के सभी लोगों के नाम ले लेकर खूब खिल्ली उड़ाई और भ्रष्टाचार के आरोपों से बदरंग किया। 

गंगाजल मील हेतराम मील और हनुमान मील पर जो काले छींटे मारे उनसे मील की छवि को कितना आघात लगा होगा? यह मील परिवार को जानना और उस पर एक्शन लेना है। मील के पास भी जयपुर के लिए समय नहीं है। सभी बिजी हैं। कासनिया और कालवा ने  आरोप लगा दिए त़ो लगा दिए। मील परिवार के पास टैम नहीं है तो नहीं है।

* लावारिस सी हालात है तो फाईल जैसे चलेगी वैसे चलेगी। 

* कई बार पावर और पहुंच होते हुए भी काम नहीं होते या इतनी देरी से होते हैं कि लोगों की उत्सुकता खत्म हो जाती है। 

* लोगों को बस एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि कानून अपने हिसाब से फाईल को सरकाता रहता है सो सीवरेज के मुकदमें वाली फाईल भी चलती चलती कालवा के मुंह के आगे खुल जाएगी। एक बात और याद रखने वाली है कि विधायक कासनिया चाहकर भी कालवा को बचा नहीं पाएंगे। घोटाला ही ऐसा है कि शर्मसार तो करेगा ही। भाजपा के नेताओं को कुछ देर निगाहें नीची करनी होगी जब कालवा को नोटिस पर नोटिस और फिर निलंबन। सीवरेज घोटाला ऐसा ही है। कालवा को एक दुख है कि प्रेस में अकेले उन्हीं के नाम को घसीटा जा रहा है। कालवा के साथ दो नाम और हैं। ईओ विजयप्रतापसिंह और एकाउंटेंट सुनील। कितनी भी जल्दी मचाएं तब भी कालवा के सस्पेंशन की कार्यवाही अप्रैल से पहले नहीं हो सकती।०0०



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