कालवा कासनिया की खुद को क्लीन चिट मील को चैलेंज भरा उत्तर और आरोप
* करणीदानसिंह राजपूत *
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कासनिया का विस्फोटक बयान:सीवरेज घोटाले में लुगाई फंस जाती मर जाती। स्कूल जमीन मामले में कासनिया कालवा के विरोधाभासी बयान. कासनिया की कालवा को क्लीन चिट नहीं.नगरपालिका में चल रहे मील सलाहकारों के निर्देश. कालवा के कहने से काम नहीं करते कर्मचारी.
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👍 भारतीय जनता पार्टी के विधायक रामप्रताप कासनिया नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा की पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के पूर्व विधायक गंगाजल मील पर आरोपों की झड़ी लगी और चैलेंज रूप में लगी जिससे लगता है कि मीडिया के माध्यम से आरोप-प्रत्यारोप की इस लड़ाई में अब कांग्रेसी खेमे से मील की ओर से जल्दी ही जवाब दिया जा सकता है।
*पहले गंगाजल मीलने दो प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें नगर पालिका में घोटालों पर आरोप लगाए गए तथा पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा और विधायक रामप्रताप कासनिया को घेरा गया।
* उसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा के भारतीय जनता पार्टी में घुसने के बाद भाजपा की ओर से 12 मार्च को यह पहली कॉन्फ्रेंस हुई है जिसमें विस्फोटक बयान हुए हैं, जिससे राजनैतिक तूफान उठ सकता है।
*प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे बड़ा बयान स्पष्टीकरण और मील को चैलेंज नगर पालिका अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा की ओर से ही दिया गया। मील ने जो आरोप लगाए थे उनका पालिका अध्यक्ष ने जवाब दिया और मील परिवार पर अनेक नए आरोप जड़ दिए। ये आरोप भी गंभीर हैं तथा मील को भी कटघरे में खड़ा करते हैं।
ओम प्रकाश कालवा ने सीवरेज घोटाले और स्ट्रीट लाइट के नए आरोप का जवाब देते हुए कहा कि इनके भुगतान में दरें निश्चित करने में अध्यक्ष की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह तकनीकी मामले हैं और दरें विभागीय तौर पर निश्चित की जाती है।निविदा आमंत्रित करने में अध्यक्ष की भूमिका होती है और उसके बाद की कार्यवाही विभागीय मंजूरी से होती है। ओमप्रकाश कालवा ने कहा कि सीवरेज के गलत भुगतान का आरोप है जिसमें कहना यह है कि जिस रुडको अधिकारी ने भुगतान पर रोक लगाई थी उसी अधिकारी ने भुगतान करने का निर्देश दिया था। उसके निर्देश के बाद में भुगतान कर दिया गया। कालवा ने कहा कि इस भुगतान में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। इस मामले के मुकदमे में पुलिस ने दो बार फाइनल रिपोर्ट देने की कोशिश की और दोनों बार दबाव डालकर यह कार्य रुकवाया गया की कालवा को फंसाना है इसलिए इसे रोका जाए।
कालवा ने चैलेंज देते हुए कहा कि उनके ऊपर लगाए गए मीलों के सारे आरोप झूठे और सत्यहीन है। मील खुद बड़ा भूमाफिया है।
कालवा ने कहा कि मील के तीन सलाहकार राजेंद्र उपाध्याय धर्मदास सिंधी और लेखाकार केवल आहुजा तीनों ने नगर पालिका में तूफान मचा रखा है। केवल आहुजा को यहां दुबारा स्थानांतरित कर लाया गया है। पालिका कर्मचारी कालू सेन पर भी आरोप लगाए गये।
* कालवा ने आरोप लगाया कि नगरपालिका कर्मचारी मेरे कहने से काम नहीं करते लेकिन मील के सलाहकारों के कहने से काम करते हैं जो बड़ी विडंबना है।
मील का सलाहकार धर्मदास सिंधी नगर पालिका कार्यालय समय के बाद रात तक फाइलें लिए कार्यालय में घूमता है।
** ओमप्रकाश कालवा ने कहा कि मीलों ने उनका मानसिक आर्थिक और सामाजिक शोषण किया है। झूठे आरोप लगाते रहे हैं इसलिए तंग आकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश लिया।
कालवा ने कहा कि उनके एक परिवार जन पर झूठा भूमि का आरोप लगाकर जिसमें मेरे को लपेटने की कोशिश की गई है। यदि मील इसे साबित कर दें तो वह अपना पद त्याग कर देंगे और मील झूठे साबित हो तो पूरा परिवार सूरतगढ़ छोड़कर चला जाए। यह मेरा चैलेंज है।
* राजेंद्र उपाध्याय पर अनेक आरोप लगाए गए प्रिंटिंग होर्डिंग के भी आरोप लगाए गए। टिड्डी निरोधक कार्यालय के पास में उपाध्याय का बहुत बड़ा कब्जा बताया गया और कहा गया कि वह फार्म हाउस के रूप में संचालित होता है जहां पार्टियां होती है। उपाध्याय वहां सड़क बनाना चाहता था जो करीब 40 लाख रुपए में बनती उसक निर्माण की हां नहीं भरने के कारण रंजिश से झूठे आरोप लगातार लगाए जा रहे हैं। इन आरोपों से डरने वाले नहीं है। कालवा ने कहा कि जो काम मील ने अपने निर्देश पर करवाए उनकी निविदाएं जारी करने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन ये गलत काम नहीं होंगे।
कालवा ने कहा कि मील उसे फंसाने के लिए सारी कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन सच्चाई सामने आ जाएगी।
** रामप्रताप कासनिया में अपने आप को सबसे बड़ा ईमानदार बताया और कहा कि अगर मैं बेईमान हुआ तो दुनिया में फिर कोई ईमानदार नहीं रहेगा। कासनिया ने कहा कि स्कूल की जमीन के मामले में उनकी कोई रुचि नहीं है मिले ना मिले। अदालत ने यह निर्णय दिया था कि समतुल्य जमीन पहले दी जाए और उसके बाद में वर्तमान मांग रहे जमीन जो नई धान मंडी और आवासन मंडल के बीच में है का निस्तारण किया जाए। यहां कासनिया और कालवा के बयानों में विरोधाभास है।
कालवा ने कहा कि आरोप लगाया जा रहा है कि मैं यह जमीन कासनिया जी को देना चाहता हूं। लेकिन यह आरोप गलत है। बताया कि उक्त भूमि को कोचिंग आदि के लिए नीलामी से बेचकर नगरपालिका के विकास में पैसा लगाने का प्रस्ताव पर निर्णय एंपावर कमेटी ने कर दिया।
*जब अदालत का निर्देश है कि समतुल्य जमीन पहले दी जाए तब एम्पावर्ड कमेटी ने यह निर्णय कैसे कर दिया? कमेटी के अध्यक्ष भी कालवा ही है। इस प्रश्न का उत्तर न कासनिया ने दिया न कालवा ने दिया।
👍 कासनिया ने कहा कि सीवरेज घोटाला उन्होंने विधानसभा में उठाया था। मामला बड़ा संगीन व प्रमाणित था। उस समय इसकी प्रमाणिकता के कारण भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के अधिकारी दिनेश एम से बात हुई। उन्होंने कहा कि प्रमाणिक मामला है और इसमें हर हालत में सजा होगी गलत करने वालों बच नहीं पाएंगे। कासनिया ने कहा कि इसमें लुगाई मर जाती फंस जाती इसलिए मैंने यह केस भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में नहीं दिया। कासनिया ने नाम नहीं लिया लेकिन लुगाई बोलने का इशारा पालिका अध्यक्ष श्रीमती काजल छाबड़ा की ओर होता है जो 2014 से 2019 तक नगर पालिका में अध्यक्ष रही और उनके कार्यकाल में बड़ा भुगतान सीवरेज का हुआ। कासनिया ने आरोप लगाया था तब कालवा तो चुना नहीं था।
कालवा ने भी कहा कि बड़ा भुगतान पूर्व बोर्ड की ओर से किया गया।
*कासनिया के इस बयान से भारतीय जनता पार्टी में भी नया तूफान उठ सकता है। काजल छाबड़ा जब अध्यक्ष थी तब राजेंद्र सिंह भादू विधायक थे और उनका वरद हस्त पालिका अध्यक्ष पर था। सभी जानते हैं कि भाजपा में भी गुट बंदी है और एक दूसरे को चाहते नहीं है। कासनिया के इस बयान से भाजपा में निश्चित रूप से तूफान उठेगा या फिर भीतर भीतर कलह चलेगी।
* रामप्रताप कासनिया सीवरेज घोटाले में कालवा को क्लीनचिट नहीं दे रहे। कासनिया ने कहा कि भाजपा में आने से पहले कालवा ने कोई गलती की है और उसके परिणाम आते हैं तो कालवा दोषी होंगे, भाजपा नहीं होगी। कासनिया ने यह बयान दूसरी बार दिया है। पहली बार 27 फरवरी 2023 को पालिका कार्यालय में दिया जब कालवा का भाजपा में आने के बाद अभिनंदन कर सीट पर बैठाया गया था। कासनिया काजल छाबड़ा काल में सीवरेज भुगतान को भ्रष्टाचार मानते हैं, शायद इसलिए वे कालवा को क्लीन चिट नहीं दे रहे। भविष्य में कालवा पर आरोप सिद्ध हो जाए तब कासनिया की किरकिरी हो जाए। कासनिया इससे बचना चाहते हैं।*
* आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिप्रा कॉलोनी का मामला भी आया उनके मालिक भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष शरण पाल सिंह मान ने अपना स्पष्टीकरण दिया के कॉलोनी में कोई गड़बड़ी नहीं है और अब उपखंड अधिकारी ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है तो जांच कमेटी इसका निर्णय देगी इसलिए इस बारे में कोई ज्यादा बताने की आवश्यकता भी नहीं है। मान ने कहा कि गूगल सर्च से जमीन आदि का निरीक्षण किया जा सकता है हालांकि उन्होंने बहुत कुछ स्पष्ट करने की कोशिश नहीं की।
सूत्र अभी भी कहते हैं कि शिप्रा कॉलोनी में कुछ आरोप हैं।
रिंकु सिद्दीकी कि वाटर प्लांट रंजिश से सीज करने का आरोप लगाया गया। एक आडियो सुनाया गया और बताया गया कि दो आवाजें संदीप डांग और सुखवंत चावला नामक व्यक्तियों की है जो भाजपा छोड़ने पाला बदलने का कह रहे हैं। सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि दो लाख रूपये दिए जा रहे थे जो ठुकरा दिए। इसके बाद प्लांट सीज किया। अगर पाला बदल लेता तो मेरा प्लांट अवैध नहीं होता।
कॉन्फ्रेंस में इतने मुद्दे उखड़े इतने आरोप मील परिवार पर लगाए गए जिनका प्रिंटिंग में जो प्रेस नोट दिया गया वह यहां लगाया जा रहा है।
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