बुधवार, 29 मार्च 2023

सत्ता मद में कांग्रेस ने मार खाई : कालवा ने ललकारा अभी और पीटूंगा

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सत्ता के घमंड में लापरवाह होकर मार खाने का उदाहरण सूरतगढ़ की कांग्रेस पार्टी नेताओं का है  वैसा कम ही देखने को मिलता है। 

नगरपालिका अध्यक्ष ओम प्रकाश कालवा ने कांग्रेस छोड़ कर 24 फरवरी 2023 को भाजपा की सदस्यता ली तब तो मान लिया गया कि कांग्रेस नेताओं को मालुम नहीं हो पाया। 

लेकिन 27 फरवरी को भाजपाई बने कालवा ने चुनौती दी कि मोटे ठेकेदार को सबक सिखाएंगे। कालवा अपनी ललकार पर काम करते रहे और कांग्रेस नेता मामूली मानते रहे या सत्ता के अभिमान में ललकार को हवा मानते रहे। 

नतीजा यह रहा कि कालवा नगरपालिका उपाध्यक्ष सलीम कुरैशी को भी भाजपा में ले गये । इसे कहते हैं घोषणा करके चैलेंज देकर पीटना। बात यहां तक ही नहीं ठहरी है। 28 मार्च को सलीम को भाजपा का पटका धारण कराते कालवा ने फिर ललकारा है कि अभी और पिटाई करूंगा। खुला चैलेंज। यह चैलेंज यह है कि और कांग्रेसी पार्षद भाजपा में ले जाऊंगा। रोक लो रोक सको तो। मीडिया में चर्चा है कि यह चैलेंज भी पूरा होगा मतलब और पिटाई होगी। 

* पालिका उपाध्यक्ष सलीम कुरैशी और कुछ पार्षदों के कांग्रेस छ़ोड़ कर भाजपा में जाने की चर्चाएं एक सप्ताह से आम हो गई तथा कांग्रेस नेताओं को मालुम भी हो गया लेकिन किसी ने भी यह रोकने की कोशिश नहीं की। या हो सकता है उनके सलाहकारों को मालुम ही नहीं पड़ा हो। या हलके में लिया हो कि सलीम जिस वर्ग से है वह कांग्रेस को छ़ोड़ खर कहीं नहीं जा सकता। चलो दो बार पिटाई गफलत में करवा ली। अब फिर कालवा ने ललकारा है कि अभी और पिटाई होगी। अब तो संभल सकते हैं। सुरक्षा कर सकते हैं। लेकिन लगता है कि यह पिटाई भी होकर रहेगी। कुछ और पार्षद कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाएंगे।

* कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ने का अभियान चलाती रही और भाजपा ने दो मजबूत हाथों को झटका दिया अलग किया और अपने हाथों से जोड़ लिया। कालवा की चुनौती या ललकार कहो और अधिक गूंजी है। 

* क्या सूरतगढ के कांग्रेस नेता पिटाई और लगातार पिटाई से सुन्न हो गए हैं?


 ** असली गेम तो कांग्रेस की समझ से बाहर *


👍 कालवा को अविश्वास प्रस्ताव से पछाड़ने के लिए 34 पार्षद चाहिए थे जो हो नहीं सके। धमकियों से भी नहीं हुए। लाखों का ललाच प्लाटों के कब्जे कराने का लालच भी काम नहीं आया था।


👍 लेकिन अब खेल बड़ा चल रहा है जो इसी राज में पूरा हो जाएगा।कांग्रेस सोती रहेगी। सलाहकार भी बुद्धि से दूर हैं।

* भाजपा के पास अब 18 पार्षद  हो गए। कुछ और आने वाले हैं। बहुमत के लिए 23 पार्षद चाहिए। इसके बाद जमीन जमीन के खेल होंगे और कांग्रेस पार्षद बेबस होंगे। कांग्रेस नेता दर्शक दीर्घा में बैठे आंसू बहाएंगे। वे सभी प्रस्ताव पारित होंगे जो कालवा कासनिया चाहेंगे।


29 मार्च 2023.


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