* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ़ 12 अगस्त 2022.
सूरतगढ़ के अंग्रेजी माध्यम के स्कूल कानून से बड़े हैं और सालों से नियम तोड़ते रहे हैं। कानून में बालवाहिनी स्कूली बसों का रंग पीला है लेकिन यहां विभिन्न रंगों की स्कूली बसें चलाई जा रही है। स्कूलों का नाम भी लिखा है।
स्कूलों के संचालक को यह मालुम है कि वह गलत कर रहा है। यदि कोई दुर्घटना हुई तो अनेक सवाल उठेंगे। पीला रंग नहीं है तो वह एक दिन भी क्यों चले? कौनसा
अधिकारी और विभाग यह छूट दे रहा है?
कानून में पीला रंग सोच समझ कर तय हुआ होगा। संचालकों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। एक दिन की भी छूट क्यों हो? अभिभावक भी सोचें कि क्या उनके बच्चे सुरक्षित रहते हैं? उन्होंने वाहन का पैसा भी दिया है। ०0०
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