बुधवार, 4 मई 2022

इंदिरा गांधी नहर का रुख 54 गांवों की ओर मोड़ लेने की सरकार को चेतावनी

 

* करणी दान सिंह राजपूत*

 सूरतगढ़ 4 मई 2022.

 सूरतगढ़ तहसील के टिब्बा क्षेत्र और आगे के चोपन गांवों  में सिंचाई पानी की मांग को लेकर सरकार को सख्त चेतावनी दी गई है।

यह चेतावनी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस एटा सिंगरासर माइनर पानी आंदोलन के संयोजक राकेश बिश्नोई की अगवानी में सरकार को चेताया गया कि 2006 से आंदोलन जारी है।  2016 में भी बड़ा आंदोलन हुआ। भाजपा और कांग्रेस की सरकारें वादा करती रही और वादा तोड़ते रही। 

 अब 15 मई को पल्लू में महापंचायत बुलाकर सभी लोगों को गांवों  को जोड़ा जाएगा और फिर से आंदोलन किया जाएगा।

इस बार सरकार ने सिंचाई पानी की मांग को  पूरा नहीं किया तो थर्मल पावर स्टेशन और इंदिरा गांधी नहर निशाने पर रहेंगे। 

यह बताया गया कि अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो इंदिरा गांधी नहर का रुख चोपन गांव की जमीनों की ओर मोड़ लिया जाएगा। आंदोलन में पीछे नहीं रहेंगे क्योंकि यह मांग जीवन रोजगार और पेट से जुड़ी हुई।इस मांग को लेकर रहेंगे।

राकेश बिश्नोई ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वादा किया था कि जो पानी झाड़ में बचत होगी वह दिया जाएगा लेकिन किसानों के साथ आंदोलनकारियों के साथ में ठगी हुई वादा नहीं निभाया गया। कांग्रेस पार्टी उस समय प्रतिपक्ष में थी और अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी वादा नहीं निभाया। 

कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी सभा में भाषण करते रहे कि पानी दिया जाएगा उन्होंने सरदार शहर की सभा में यह घोषणा की थी। उसके बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात हुई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

 राकेश बिश्नोई ने कहा कि बहुत इंतजार कर लिया अब आगे यह राजनैतिक या चुनावी लड़ाई नहीं है  हजारों परिवारों का पेट का सवाल है। टिब्बा क्षेत्र के लोग बिना पानी के बहुत कुछ खो चुके हैं। अब आंदोलन को सिरे चढ़ाया जाएगा।


 इस प्रेस वार्ता में लगभग सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता शामिल थे और सभी का कहना था कि यहां पर लड़ाई पानी की है कोई राजनीतिक खेल नहीं है। चुनाव नजदीक होने के कारण भी यह आंदोलन शुरू नहीं किया जा रहा बहुत इंतजार के बाद में अब आगे इंतजार करना मुश्किल है।

इस प्रेस वार्ता में भारतीय जनता पार्टी आम आदमी पार्टी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस पार्टी बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे और सभी ने अपने अपने वक्तव्य में संघर्ष लड़ने की बात कही।

 भाजपा के नरेंद्र घिंटाला ने कहा कि पानी की मांग सर्वोपरि है। उन्होंने आंदोलन के लिए ₹21000 देने की घोषणा की और कहा कि आगे और पैसे की जरूरत होगी तो वह भी दिया जाएगा।

 बसपा के महेंद्र भादू ने कहा कि पानी की आवश्यकता बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। टीबा क्षेत्र में सरकार की ओर से बिजली कनेक्शन में  सहयोग मिला। किसानों ने  सैकड़ों की तादाद में ट्यूबवेल खुदवाए। किसानों के यहां फसलें होने लगी लेकिन अब वहां पानी बहुत नीचे जा चुका है और आने वाले समय में पानी खींचा भी नहीं जा सकेगा इसलिए नहरी पानी की ही आवश्यकता है और उसी से इलाके की मांग पूरी होगी।





 इस प्रेस वार्ता में शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा छाबड़ा भी मौजूद थी। उन्होंने कहा कि वे इस आंदोलन का समर्थन करती हैं और जो भी आंदोलन में सहयोग चाहिए वह शामिल हो करके देंगी। 

प्रेस वार्ता में घोषणा की गई कि 15 मई को पल्लू में महापंचायत बुलाई जाएगी जिसमें चोपन गांवों के किसानों को एकत्रित करके आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इस प्रेस वार्ता में सभी नेताओं ने घोषणा की कि आंदोलन को हर हालत में सफल बनाया जाएगा।०0०






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