सोमवार, 18 अप्रैल 2022

सूरतगढ़ तहसील के आगे 6 जनों का आमरण अनशन शुरू: प्रशासन ढीलढाल आफत बनी.

 



*  करणी दान सिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 18 अप्रैल 2022.

सूरतगढ़ राजस्व तहसील के आगे आज 6 जनों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया गया है। 

प्रमुख मांग है सूरतगढ़ पेराफेरी क्षेत्र में टेंपरेरी कास्तकारों को भूमि का स्थाई आवंटन किया जाए। यह मांग काफी समय से चल रही है।संयोजक महावीर प्रसाद तिवाड़ी काफी सालों से यह आंदोलन चला रहे हैं। 

आंदोलन के कारण प्रशासन ने कुछ पत्रावलियां तो स्वीकृत करदी लेकिन अभी भी सैकड़ों लोग वंचित है और निरंतर मांग कर रहे हैं। सूरतगढ़ तहसील के गांवों में एक हजार से अधिक मामले हैं।

प्रशासन कार्यवाही करने का आश्वासन देता रहा है मगर कार्यवाही में गति नहीं है। आंदोलनकारी कुछ समय पहले जिला कलेक्टर रुक्मणि रेयार से भी श्री गंगानगर जाकर मिले थे। उन्होंने आश्वासन दिया था तब धरना प्रदर्शन स्थगित किया गया। 

प्रशासन की ढील और किसानों को चक्कर कटाने की प्रवृत्ति को देखते हुए तहसील के आगे पुन: धरना प्रदर्शन शुरू किया गया।


प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने पर संयोजक महावीर प्रसाद तिवारी ने सामूहिक आमरण अनशन की घोषणा की। 

यह सामूहिक आमरण अनशन दिन में करीब 12:00 बजे भाषण और नारेबाजी के साथ शुरू हुआ। आमरण अनशन 6 जनों द्वारा शुरू किया गया है।  पूर्व विधायक अशोक नागपाल ने मालाएं पहनाकर आंदोलनकारियों को आमरण अनशन पर बिठाया।

 इस अवसर पर मांगों को लेकर भाषण भी दिए गए। 

अशोक नागपाल ने कहा कि वह आंदोलनकारियों के साथ हैं और तन मन धन से साथ हैं। 

 पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू ने भी किसानों का पक्ष लिया और कहा कि खातेदारी अधिकार मिलने चाहिए।

इस अवसर पर पूर्व उप प्रधान कृष्ण गोदारा ने भी किसानों को पुख्ता आवंटन देने की मांग की।

बलराम वर्मा ने भी इस अवसर पर कहा कि किसानों की जायज मांग है और इसे तुरंत पूरा किया जाना चाहिए।

 इस अवसर पर पूर्व प्रधान चंदू राम लेघा भी उपस्थित थे और उन्होंने कहा कि वे आंदोलनकारियों के साथ हैं जो निर्णय होगा उसमें भी साथ हैं।

स्थानीय और जिला प्रशासन अभी तक मांगों के धरना प्रदर्शन को हलके में लेता रहा लेकिन अब सामूहिक आमरण अनशन से जोर आएगा। प्रशासन ने यह आफत ढीली नीति से गले में डाली है। ०0०

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