सोमवार, 21 जून 2021

चेयरमैन साहब गिरफ्तार.योग दिवस पर बना योग! * करणीदानसिंह राजपूत *

 

नगरपालिकाओं में कमीशन वाली रिश्वतखोरी सुबह शाम की रोटी खाने जैसी आम बात है। अकेला रिश्वतखोर चैयरमैन चार परसेंट कमीशन लेकर पांच साल में 5 से 15 करोड़ तक वसूल कर लेता है और इसमें से बांट कर भी बड़ी कमाई कर लेता है। ध्यान करें कि कईयों का तो रंग गोरवर्ण हो जाता है।

कभी कभी प्यार ज्यादा हो जाता है तो ठेकेदार आदि एसीबी की मोहर लगवा कर दोस्ती को पक्का भी कर लेते हैं।

पत्रकार भाई दोस्त जो दिन में दस बार चैयरमैन साहब साहब करते हैं वे भी भाईचारा और दोस्ती पूरी निभाते हैं। हंसते हुए फोटोशूट करते हैं कि चेहरा शानदार आए। 

जब ऐसे समाचार सोशल मीडिया पर लहराते हैं तो लोग कह उठते हैं, 'आपण लो कद धके चढसी।" फिर आवाज आती है "कीं ठावस राखो।"

* ताजो मामलो*

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की सक्रियता से भीलवाड़ा ब्यूरो की टीम ने योगदिवस पर  भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ नगर पालिका के  चेयरमैन साहब संजय डांगी को चार लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।


मांडलगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन साहब संजय डांगी ने पालिका क्षेत्र में निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार थलखुर्द-थड़ा निवासी प्यार चंद्र रेगर से निर्माण कार्य में व्यय कुल राशि में से 23 प्रतिशत राशि बतौर रिश्वत देने की मांग की थी।

 इस तरह पालिका चेयरमैन साहब संजय ने ठेकेदार से उसके बकाया बिलों के भुगतान के एवज में साढ़े चार लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। 

ठेकेदार प्यार चंद्र पालिका चेयरमैन साहब संजय डांगी को तीस हजार रुपये दे चुका था।


पालिका चेयरमैन साहब ने बाकी के चार लाख बीस हजार रुपये देने के लिए उसको बाइक कंपनी के शोरूम पर बुलाया था। 

ठेकेदार ने पालिका चेयरमैन साहब को रिश्वत के बाकी चार लाख बीस हजार रुपये की राशि प्रदान की। यह राशि पालिका चेयरमैन साहब ने टेबल के दराज में रख ली। 

संकेत मिलते ही एसीबी टीम ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ब्रजराज सिंह के नेतृत्व में दबिश दी तथा टेबल की दराज से रिश्वत के चार लाख बीस हजार रुपये बरामद कर लिए।


पालिका चेयरमैन साहब के हाथों को केमिकल घोल से धुलाया गया, जो नोटों पर लगाए गए कैमिकल की वजह से गुलाबी हो गए।


इसके बाद एसीबी ने पालिका चेयरमैन साहब को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी ने मामले से जुड़ी फाइलें जब्त की है।


००  एसीबी री नुंई कथा वास्तै कीं थावस राखो। ०0०

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