1-साल के 365 दिन में 1 दिन कांग्रेस के विरोध में काला दिन और बाकी के 364 दिन भी हमारे लिए तो काले दिन।
मोदी राज जिससे हम सब अपना राज कहते हैं उसी राज में साल के 364 दिन हमारे लिए काले दिन हैं।
2- मोदी जी की सरकार को पूरे भारत से सभी संगठनों से लोकतंत्र सेनानियों के निजी हजारों पत्र हर साल भेजे जाते रहे हैं। उनका कोई उत्तर नहीं मिला।
3- जब आपातकाल लगने का दिन आता है, गणतंत्र दिवस 26 जनवरी आती है,स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त आता है, तब आशा बंधती है कि इस बार जरूर लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान के लिए घोषणा और निर्णय होगा! और एक-एक दिन बीत जाता है और निराशा के अलावा कुछ खास नहीं लगता।
4- मन की बात कार्यक्रम के अंदर भी ट्विटर के माध्यम से हमारे साथियों ने हजारों संदेश भेजे। ये संदेश बहुत आशा और विश्वास से भेजे गए कि मोदी जी अपना मुंह खोल दें लेकिन निराशा ही हाथ लगी।
5- हमने लगातार मोदी जी गृह मंत्री अमित शाह के आगे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगे और संघ प्रमुख मोहन भागवत जी के आगे पत्रों के अंबार लगा दिए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। अभी तक नहीं पत्रों का उत्तर नहीं दिया जाना बहुत बड़ा तिरस्कार है।
6- हम लोग अपने ही राज में घोर परेशानियों में घूम रहे हैं हमारे पत्रों में आग्रह करना याचना करने में प्रार्थना करने में कोई कमी नहीं रही है। इसमें कमी सरकार की ही रही है जिसने हमारे प्रति कोई निर्णय नहीं किया।
7- सरकार के हजारों काम रोजाना होते हैं उन पर करोड़ों रुपए का खर्चा भी होता है लेकिन हमारी कहीं चर्चा नहीं होती।
8- हमारे लिए बातचीत के द्वार भी खुले नहीं है। यदि बातचीत हो तो मोदी जी के आगे जो बातें रखी जाएंगी उसके बाद इनकार हो नहीं सकता। आखिर कौन बाधा बना हुआ है?
9- हमारे सेनानियों में से कुछ अधिक बुद्धिमान यदाकदा सामने आते हैं जिनको लगता है कि ये पत्र मोदी जी का विरोध है। सरकार से सम्मान निधि मांगना विरोध नहीं होता।
10- मोदी जी और केंद्र सरकार हमें अपना मानती है तो सरकार को सबसे पहला काम लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देने का करना चाहिए।
11- मोदी जी खुद घोषणा करें लागू करें तो उससे बड़ा कोई निर्णय नहीं हो सकता।
12- हम एक दिन आपातकाल लगाए जाने का दिन काला दिन मनाते हैं और कांग्रेस का विरोध करते हैं लेकिन शेष 364 दिन भी काले दिन ही हैं।
13- मोदी जी और सरकार सम्मान की घोषणा निर्णय कर सभी 365 दिनों को सफेद दिनों में
हर्ष और उल्लास के अच्छे दिनों में परिवर्तित कर सकते हैं।
14- मोदी जी और सभी जन, कांग्रेस को नेहरू, गांधी,राहुल, सोनिया आदि की आलोचना करके,पुराने किस्से प्रसारित करके तो जिंदा रख रहे हैं।
15- कांग्रेस को वास्तव में खत्म करना है तो वह किस्सों से नहीं लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान देने से जो इतिहास देश विदेश में रचेगा, उससे खत्म होगी।
16- मेरे से बड़े 80-85-90-95 वर्ष के सेनानी और दिवंगत की पत्नियां परिवार मोदीजी के निर्णय की आशाओं में एक एक दिन बिता रहे हैं।
💐 आशा करते हैं कि सम्मान प्रदान करने का निर्णय कर एक अच्छा दिन स्वर्णिम घोषित हो जाए और सभी 365 दिन आनंद मय सफेद अच्छे दिन हो जाएं।००
17 जून 2021.
करणीदानसिंह राजपूत,
( 75 वर्ष 9 माह)
पत्रकार,
सूरतगढ़ ( राजस्थान)
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