रविवार, 2 फ़रवरी 2020

मील कांग्रेस की कार्यवाही और नीति से कासनिया और भादू की पावरलैस हालत



* करणीदानसिंह राजपूत *

गंगाजल मील को 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राजेन्द्र सिंह भादू ने और हनुमान मील को 2018 के विधानसभा चुनाव में रामप्रताप कासनिया ने हराया और सूरतगढ़ के विधायक बन गए। 
भाजपा के इन दोनों नेताओं की कार्य पद्धति को वर्तमान में मील कांग्रेस ने पीछे धकेलने की शुरुआत करदी है ताकि थोड़ा दबदबा भी नहीं रह पाए। 
मील कांग्रेस ने इसके लिए जो तरीका अपनाया है वह इन नेताओं को इग्नोर (अनदेखा) करने का है। एक एक को अलग अलग कर राजनीति की हत्या करने का। वैसे भी कासनिया और भादू एक नहीं रहे। दोनों की राजनीति में मित्रता शून्य और विरोध रहा। इसमें मील को अधिक ताकत की भी आवश्यकता नहीं रही। 

राजस्थान विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी सूरतगढ़ के विधायक रामप्रताप कासनिया ने नगर पालिका सूरतगढ़ में सीवरेज के नाम पर हुए भ्रष्टाचार का विस्तृत ब्यौरा दिया था। लोगों को व कासनिया को  आशा थी कि इस पर कार्यवाही होगी। नगर पालिका के चुनावों में भी कासनिया ने भ्रष्टाचार मुक्त बोर्ड बनाने के बयान दिए थे। उस समय अनेक लोगों ने टिप्पणियां भी की थी कि नगरपालिक पर विधायक महोदय भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं वे सभी कार्य भारतीय जनता पार्टी के बोर्ड में कराए गए हैं। भाजपा का बोर्ड है जिसका गठन विधायक भादू ने कराया। सीधे और घुमा फिरा कर आरोप रहे की भादू के विधायक काल में नगरपालिका के भाजपा बोर्ड में घोटाले हुए।

नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना बोर्ड बनाया। इस बोर्ड के कार्य ग्रहण 2 दिसंबर 2019 को  समारोह आयोजित किया गया था। उस समारोह में अध्यक्ष नगर पालिका ओमप्रकाश कालवा व पूर्व विधायक गंगाजल मील ने स्पष्ट घोषणा की कि नगर पालिका सूरतगढ़ में पूर्व में कराए गए कार्यों में कुछ भी हुआ हो मुद्दों को उखड़ा नहीं जाएगा। यह स्पष्ट घोषणा समझे जाने वाली है कि जिन बिंदुओं पर विधायक रामप्रताप कासनिया ने बयान दिया था,उनको नगर पालिका के वर्तमान बोर्ड में खोलने का कोई कार्य किसी भी रूप में नहीं होगा। मतलब वर्तमान विधायक चाहे कासनिया जी हो उनके इच्छा के अनुरूप कोई जांच  नहीं होगी। सीवरेज के आरोपों की जांच नहीं कराई जाएगी। कहा गया कि इसमें उलझे तो हम काम नहीं कर पाएंगे। कासनियां की राजनीति को चित कर दिया।

नगरपालिका के बोर्ड ने एक और कार्यवाही की। पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू और उसके भाइयों के द्वारा बनाया जा रहा कटला सीज कर दिया गया। नगर पालिका की ओर से कहा गया कि जो स्वीकृति नगर पालिका से ली गई उसके अनुरूप कार्य नहीं हुआ। कार्य स्वीकृति के विपरीत हुआ। असल में केवल भादू का ही कटला सीज किया गया जबकि आसपास स्वीकृति के विपरीत कई निर्माण हुए और हो रहे हैं। दूसरे निर्माणों को छुआ नहीं गया। 

यहां मील कांग्रेस या कालवा के बोर्ड की राजनीति को कार्य पद्धति को समझने की जरूरत है। कांग्रेस पार्टी यहां पर केवल मील ग्रुप के नाम से ही है। इसे समझना जरूरी है कि कांग्रेस या वर्तमान बोर्ड अध्यक्ष ने वर्तमान विधायक कासनिया और पूर्व विधायक भादू दोनों को ही असामान्य स्थिति में पहुचाने की शुरुआत करदी।कासनिया और भादू चाहें तो मील और मील कांग्रेस के विरुद्ध क ई मामलों में सीधा मोर्चा खोल मुकाबला कर सकते हैं। ०००
(ब्लास्ट की आवाज- किसी ग्रुप में कापी पेस्ट नहीं करें)
*****



यह ब्लॉग खोजें