मील परिवार में से एक प्रधान का चुनाव लड़ेगा-भाजपा व कासनिया को चुनौती होगी-राजनीति गरमाई..
*सूरतगढ़ पंचायत समिति प्रधान पद मील परिवार के चुनाव लड़ने की चर्चा से राजनीति गरमाई*
* करणीदानसिंह राजपूत *
पंचायत समिति सूरतगढ़ के सामान्य प्रधान पद पर स्थापित होने के लिए मील परिवार में से कोई व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है।
परिवार में से राजाराम मील, हजारी राम मील और महेंद्र मील में से कोई एक प्रधान के लिए पंचायत समिति डायरेक्टर पद का चुनाव लड़ने को सामने आ सकता है।
विशाल मील कुनबे में थे एक व्यक्ति को उतारा जाएगा। राजनैतिक रूप से कांग्रेस पार्टी में मील परिवार का जबरदस्त प्रेशर है और फिलहाल "मील कांग्रेस" के अलावा कोई नजर नहीं आ रहा।
सूरतगढ़ पंचायत समिति का प्रधान पद इस इलाके की राजनीति में बहुत बड़ा और दबाव वाला माना जाता है। इलाके की राजनीति इस पद से प्रभावित होती रही है।पिछले 50 सालों का इतिहास यही प्रमाण देता है। मील परिवार इस पद पर काबिज होता है तो संपूर्ण सूरतगढ़ उपखंड पर मील परिवार का जबरदस्त दबदबा अधिक पावर के साथ कायम हो जाएगा। मील परिवार इस पद को राजनीतिक रूप से छोड़ नहीं सकता।
अभी जनता में चल रही चर्चाओं में राजाराम,हजारी राम और महेंद्र के नाम हैं।
राजाराम मील राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष पद पर हैं और वह संपूर्ण राजस्थान में प्रभावशाली पद है इसलिए उनके प्रधान पद पर चुनाव लड़ने की संभावना कम नजर आती है।महेंद्र मील प्रधान के पद पर एक श्रेष्ठ संचालक के तौर पर सामने आ सकते हैं।
सूरतगढ़ का पंचायत समिति प्रधान का पद पहले बीरबल भादू के पास रहा।उसके बाद चंदू राम लेघा, मामराज बुड़िया इस पद पर आए।एक प्रकार से इस प्रधान पद पर जाट वर्ग का दबदबा रहा।अब प्रधान पद सामान्य है और इस पर कोई भी वर्ग का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है लेकिन अभी दबदबा इसी एक वर्ग का ही राजनीति में है। फिलहालअन्य वर्ग का व्यक्ति चर्चित नहीं है।
प्रधान पद पर चुनाव लड़ने के लिए पहले पंचायत समिति डायरेक्टर पद पर चुनाव लड़ना और जीतना जरूरी है। मील परिवार का व्यक्ति निरवाना क्षेत्र से चुनाव लड़ेगा जो इस समय डायरेक्टरी में ओबीसी वर्ग के लिए घोषित हुआ है। निरवाना क्षेत्र मील परिवार का प्रभाव वाला ही क्षेत्र है जहां पैतृक निवास जमीन आदि हैं। मील परिवार या मील कांग्रेस के कारण सूरतगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की जीत हुई और अनुसूचित आरक्षित अध्यक्ष पद पर ओमप्रकाश कालवा को बैठाया।
अब संपूर्ण सूरतगढ़ क्षेत्र में चर्चा गरम है और राजनीतिक रूप से भी माना जा रहा है कि प्रधान पद पर भी मील परिवार अपने परिवार का कब्जा करवाएगा। कांग्रेस पार्टी में भी फिलहाल कोई नेता नजर नहीं आता जो कहीं अपना नाम प्रभाव दर्ज करवा सके।
प्रधान पद सामान्य सीट पर जीत के लिए इस बार संपूर्ण क्षेत्र में पंचायत समिति के प्रत्येक डायरेक्टर सीट पर जबरदस्त चुनावी घमासान होगा।
भाजपा के रामप्रताप कासनिया ने हनुमान मील कांग्रेस को हराया और इससे पहले भाजपा के राजेंद्र सिंह भादू ने गंगाजल मील को विधानसभा चुनाव में हराया। राजनीतिक जीवन के लिए पद महत्वपूर्ण होता है और इसलिए मील परिवार के लिए प्रधान पद पर जीतना और काबिज होना बड़ी भारी अहमियत रखता है। सूरतगढ़ नगरपालिका में कांग्रेस का बोर्ड बना कर मील ने पावर साबित की है और इसी लौटे हौसले से प्रधान पद का चुनाव भी लड़ा जाएगा।
भाजपा भी इस पद को गंवाना नहीं चाहेगी। अभी भाजपा की बिरमा देवी प्रधान है। भाजपा को भी खासकर विधायक रामप्रताप कासनिया को भी नगरपालिका में भाजपा बोर्ड खोने के बाद समझदारी से ही डायरेक्टर और सरपंच पद पर प्रत्याशी घोषित करने होंगे। कासनिया भी अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक मील परिवार से सामना करेगा जिसमें सूरतगढ़ नगरपालिका चुनाव को याद रखेगा।***
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