मंगलवार, 2 अक्तूबर 2018

पुलिस के विरुद्ध सूरतगढ मेंं गांधी जयंती से धरना शुरू:उपखंड कार्यालय पर अनिश्चितकाल धरना

* सूरतगढ संघर्ष समिति का धरना*

 * सखी मोहम्मद मामला व 6सितंबर का मामला *

 सूरतगढ 2 अक्टूबर 2018.

सखी मोहम्मद पर हथियार का मुकदमा बनाने के चक्कर में पुलिस द्वारा थाने में दी गई यातनाएं और उसकी जांच की मांग को लेकर 6 सितंबर को उपखंड कार्यालय के आगे के आंदोलन में पुलिस लाठीचार्ज और बाद में मुकदमा बनाकर थाने में यातनाएं देने के मामले में संघर्ष समिति ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से उपखंड कार्यालय सूरतगढ़ पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। सूरतगढ संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्याम मोदी और सचिव राजेंद्र मुद्गल की अगुवाई में धरना शुरू किया गया है।

इससे संबंधित एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी को 1 अक्टूबर को दिया गया  जिसमें न्याय मिलने तक इस संघर्ष को जारी रखने की घोषणा की गई थी।

दोषी पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को दंडित करने की मांग का यह निर्णय नागरिक संघर्ष समिति की बैठक में हुआ जिसकी अध्यक्षता श्यामकुमार मोदी ने की।बैठक में पत्रकार हरिमोहन सारस्वत,परसराम भाटिया,मदन औझा,लक्ष्मण शर्मा,राजेंद्र मुद्गल,रतन पारीक,उमेश मुद्गल,पूर्व सरपंच इब्राहिम व अन्य शामिल थे।

विदित रहे कि कि सखी मोहब्बत प्रकरण में प्रशिक्षु आईपीएस मृदुल कच्छावा और सूरतगढ़ चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर कलावती के विरुद्ध आरोप है कि इन्होंने सखी मोहम्मद को फर्जी रूप से से हथियार के झूठे मुकदमे में फंसाने के प्रयास किए पुलिस कस्टडी में बुरी तरह से मारपीट की।

इसके बाद इन दोनों पर कार्रवाही की मांग प्रदर्शन में पुलिस ने फिर एक नया मुक्दमा बनाया,जिसमें सीआई की हत्या की कोशिश का आरोप मंढा गया। इस मुकदमे में फिर गिरफ्तारियां और पुलिस कस्टडी में अमानवीय यातनाएं देने का आरोप है।

गांधीगिरी से यह संघर्ष उस रूप में चलेगा जहां उग्र रूप बताया नहीं जा सकेगा। 

यह माना जा रहा है कि इस गांधीगिरी रूप के संघर्ष का असर भाजपा राज में विधायक राजेंद्र भादू व पूर्व राज्यमंत्री रामप्रताप कासनिया की राजनीति पर पड़ेगा और चुनाव तक  को प्रभावित कर सकने तक पहुंचेगा।

यह भी आशंका है कि 6 सितंबर की सभा में भाषण देकर बाद में दूर होने वाले पूर्व विधायक गंगाजल मील और डूंगरराम गेदर की चुनावी राजनीति को प्रभावित करेगा।

 

 

 

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