23 सितंबर 1990 को डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह महाराज ने संत गुरमीत राम रहीम सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। इस दिवस को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। डेरे पर डेरा समर्थकों की भीड़ न जुटे इसके लिए खास नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के चलते डेरे में आने-जाने वालों को संदिग्ध नजर से देखा जा रहा है और पूरी सावधानी बरती जा रही है। इस से आने वाले डर रहे हैं।
डेरे में सिर्फ 7 नंबर गेट से हो रही एंट्री
कर्फ्यू खुलने के बाद पुराने डेरे पर चहल-पहल बढ़ गई है। पुराने डेरा का द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। यहां आसपास की कॉलोनियों के श्रद्धालु रह रहे हैं। इसके ठीक सामने बनी सच मार्केट भी खुलने लगी है। डेरे का माही सिनेमा और फूड पार्क बंद पड़ा है। हालांकि सिनेमा और इसके आसपास डेरा मुखी की फिल्म जट्टू इंजीनियर के पोस्टर अब भी लगे हुए हैं। डेरा सच्चा सौदा का शाह सतनाम जी धाम, वह स्थान जहां हमेशा हजारों की भीड़ रहती थी, आज सन्नाटा है। मरीजों और उनके परिजनों को भी पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही भीतर भेजा जा रहा है। अभी अस्पताल में तीन चार मरीज भर्ती हैं। केवल 7 नंबर गेट से एंट्री हो रही है। सुरक्षा बल हर आने-जाने वाले पर नजर रख रहे हैं। डेरा के प्राइवेट सुरक्षा कर्मचारियों ने कैंपस में मोर्चा संभाला है।
350 लोगों का रोज बन रहा लंगर
डेरे के अंदर बसी अपनी कॉलोनी के लोग जांच पड़ताल के बाद ही अंदर जा पा रहे हैं। यहां एक स्थान पर 350 लोगों का रोज लंगर बन रहा है। यह खाना बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों और महलों में काम करने वालों को खिलाया जा रहा है। राम रहीम की गुफा से लेकर सभी कोठियों पर ताले लटके हैं। यह रास्ता पूरी तरह सुनसान नजर रहा है। इन महलों के आसपास किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।